डलहौजी में कदम रखते ही पर्यटक यहाँ के वातावरण में खो सा जाता है। जी हाँ हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत हिल स्टेशन डलहौजी कुछ ऐसा ही है जिसकी आम-ओ-हवा सैलानियों को दीवाना बना देती है। अगर आप डलहौजी आने की सोच रहे हैं तो आपको बतादें की यहाँ आप गगनचुंबी हिमालय, डलहौजी के सीने पर बने आकर्षक घर, झरनों का तेज़ बहता पानी, आलीशान विशाल वृक्ष, सर्पाकार सड़कें, उन सड़कों के किनारें ठंडी ठंडी हवाएँ फेंकते रंग बिरंगे फूलों वाले पेड़-पौधे आपको वापस जाने नहीं देंगे।
तो चलिए सैर करते हैं हिमाचल प्रदेश के एक और खूबसूरत शहर की जो आपको जीवन भर याद रहेगा। कभी झरनों का संगीत आपको मदमस्त कर देता है तो कभी शीतल हवा के झौंके ताज़ी हवा का एहसास कराते रहेंगे। डलहौजी में आपको बहुत कुछ ख़ास मिलेगा जिनमे से पंजपुला डायना कुंड,कालाटोप, सतधारा, झंदरीघाट और खाजिहार यहाँ के प्रमुख आकर्षण स्थल हैं।
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पंजपुला
पंजपुला एक जल कुंड है जो बेहद आकर्षक है। यह पांच छोटे पुलों के बीच से बहती है इसी वजह से इस जलकुंड का नाम पंजपुला पड़ गया। यहाँ शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की समाधि है जो दर्शनीय है।
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डायना कुंड
डायना कुंड बहुत ऊंचाई वाला एक बेहद आकर्षक पर्यटक स्थल है। इसकी ऊंचाई पर पहुंचकर जब नीचे देखो तो विशाल वृक्ष भी बहुत छोटे छोटे लगते हैं। यहाँ से डलहौजी का सौंदर्य देखने लायक होता है।
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खजिहार
खजिहार को देख कर ऐसा ही लगता है जैसे कुदरत ने इसे बड़ी ही फुरसत में बनाया हो इसका हर एक सौंदर्य इसकी खूबसूरती को पूर्ण व्याख्या से दर्शाता है। यहाँ का दृश्य ऐसा लगता है जैसे खजिहार बर्फ की दुशाला ओढ़े हुए हो।
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कालाटोप
कालाटोप एक बेहद खूबसूरत नर्म मुलायम घास से सजी सैरगाह है। यहाँ पर्यटक घंटों बैठकर प्रकृति के खूबसूरत नज़ारों के दृश्य देखा करते हैं।
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छंदरी घाट
यह एक रमणीक पिकनिक स्थल है। यहाँ आपको पुराने महलों खंडहर, पुरानी इमारतें और प्राकृतिक सुंदरता आदि के रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहाँ आप डलहौजी के पुरातत्व से जुड़ सकते हैं।
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सतधारा
सतधारा अपने कुदरती करिश्मों के लिए पर्यटकों को प्रिये है। यहाँ का पानी बेहद स्वच्छ और रोग निवारण वाला है। यहाँ अकसर बीमार लोग आके इस पानी को अवश्य लेते हैं। यह सात धाराओं में गिरता है इसलिए इसे सतधारा कहते हैं।
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कैसे जाएँ
वायु मार्ग द्वारा- डलहौजी का निकटतम एयरपोर्ट पठानकोट हवाई अड्डा है जो 80 किमी. की दूरी पर स्थित है। विदेशों से आने वाले पर्यटक दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे या आईजीआई के रास्ते से डलहौजी तक आएं।
रेलमार्ग द्वारा- डलहौजी के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जो 80 किमी की दूरी पर स्थित है। पठानकोट रेलवे स्टेशन दिल्ली, मुम्बई, अमृतसर सहित भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से डलहौजी तक 1000 रू में किराए की गाड़ी से जा सकते है।
सड़क मार्ग द्वारा- डलहौजी राज्य के कई शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दिल्ली से भी यहां तक 560 किमी. की दूरी तय करके बस से आया जा सकता है। ए. सी. बसों का दिल्ली से किराया 1500 रू. प्रति व्यक्ति है।
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कब जाएँ
मार्च से नवंबर के बीच में डलहौजी का भ्रमण किया जा सकता है। इस दौरान पर्यटक यहां आकर डलहौजी के सुंदर नजारे को देख सकते हैं। जुलाई से नवंबर के बीच शॉर्ट ट्रिप पर भी पर्यटक यहां आ सकते हैं। दिसम्बर से फरवरी के दौरान पर्यटक यहां का मौसम काफी ठंडा रहता है अत: पर्यटक इस दौरान न आएं। डलहौजी आने के लिए पर्यटक अच्छे मौसम में आएं और सुरक्षा का विशेष ख्याल रखें।
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कहाँ ठहरें
डलहौजी में कहाँ ठहरें किस होटल में ठहरें इसकी अधिक जानकारी के लिए बस एक क्लिक करें-
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