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ओड़िशा का प्रमुख पर्यटन स्थल-गोपालपुर

गोपालपुर में कोई ऐतिहासिक इमारत नहीं है, कोई भव्य मंदिर नहीं है और न यह कोई व्यावसायिक केंद्र ही है। इसीलिए शांत सैरगाह की तलाश में निकले सैलानियों के लिए यह स्वर्ग के समान है।

By Goldi

आज मै आपको अपने आर्टिकल से रूबरू कराने जा रहीं हूं एक ऐसे राज्य के बारे में जिसके बारे में शायद ही मैंने आपको कुछ बताया हो..जी हां यह राज्य ओड़िशा। आज मै आपको बताऊँगी ओड़िशा के खूबसूरत पर्यटक स्थल गोपालपुर के बारे में।

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जिसे मछली पकड़ने वाले एक छोटे से गांव के रूप में जाना जाता था लेकिन अंग्रेजों के आधिपत्‍य के बाद इस गांव का भाग्‍य बदल गया। इस बंदरगाह का इस्‍तेमाल, ईस्‍ट इंडिया कम्‍पनी ने एक महत्‍वपूर्ण व्‍यापारिक केंद्र के रूप में किया। यह शहर, आंध्र प्रदेश के समीप स्थित है और यहीं कारण है कि यहां कई महत्‍वपूर्ण लाभ मिलते है।

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यहां कोई ऐतिहासिक इमारत नहीं है, कोई भव्य मंदिर नहीं है और न यह कोई व्यावसायिक केंद्र ही है। इसीलिए शांत सैरगाह की तलाश में निकले सैलानियों के लिए यह स्वर्ग के समान है। यहां का स्वच्छ एवं नीला जल तैराकी के शौकीन लोगों के लिए बड़ा आकर्षण है। हालांकि कुछ स्थानों पर गहरे जल के कारण उन्हें सजग रहना पड़ता है, किंतु समुद्र स्नान की इच्छा को गोपालपुर तट तक आने वाला कोई सैलानी शायद ही रोक पाता हो।

गोपालपुर तट

गोपालपुर तट

गोपालपुर तट, दोस्‍तों और परिवार के साथ एक अच्‍छा समय बिताने के लिए अच्‍छा स्‍थान है। यहां प्रकृति के सभी रंग देखने को मिलते है। उफनती लहरों द्वारा सुनहरी रेत पर फैलाए गए समुद्री झाग के बीच पर्यटक घंटों नंगे पैर घूमकर सूर्योदय व सूर्यास्त के मोहक दृश्यों का आनन्द उठा सकते हैं। लहरों के समान चढ़ती-उतरती मछुआरों की छोटी-छोटी कश्तियां और मछलियों से भरे जाल किनारे की ओर खींचते मछुआरे इन दृश्यों में स्थानीय जीवन का रंग भरते हैं। ठंडी गीली रेत से अनोखे मूर्तिशिल्प गढ़ने वाले कलाकार पुरी के समान यहां भी अपने हुनर से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। गोपालपुर के तट पर आकर पर्यटक सी फूड का स्वाद भी ले सकते हैं और चाहें तो यहां से सीपी आदि के बने हस्तशिल्प भी खरीद सकते हैं।PC: Nistha.aslp

घोदहादा

घोदहादा

घोदहादा गोपालपुर से 60 किमी की दूरी पर स्थित लोकप्रिय स्थल है। यहां सरोवर पर बना घोदाहादा बांध बहुत बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने वालों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां से 4 कि0मी0 की दूरी पर उज्ज्लेश्वरी तीर्थ भक्तों की आस्था का केंद्र है।

आर्यापल्‍ली तट

आर्यापल्‍ली तट

आर्यापल्‍ली तट, उड़ीसा के प्रसिद्ध तटों में से एक है। अगर कोई भी पर्यटक गोपालपुर तट की सैर के लिए जाएं तो उसे आर्यापल्‍ली तट की सैर के लिए भी अवश्‍य जाना चाहिए, सूर्यास्‍त के समय यहां की छटा बेहद निराली होती है। आर्यापल्‍ली की तटीय रेखा, क्षेत्र के रेन- शैडो पर पड़ती है। इसलिए, मानसून के दौरान यहां पर्याप्‍त बारिश होती है। यह तट एक सुंदर और आकर्षक स्‍थल है जहां आकर पर्यटक आराम फरमा सकते है और कुछ सुकून भरे पल बिता सकते है। सैलानी तट पर आकर, सर्फिंग, सन बॉथ और स्‍वीमिंग की जा सकती है और पर्यटक इन सभी का भरपूर आंनद उठा सकते है।

तप्तापानी

तप्तापानी

तप्तापानी का शाब्दिक अनुवाद उबलते पानी के रूप में किया जाता है। ब्रह्मपुर से 50 किमी दूर स्थित तप्तापानी एक गर्म पानी का स्रोत है। पृथ्वी ग्रह के तल पर अनगिनत गर्म पानी के स्रोत हैं और उनमें से बहुतों तक पहुंचना नहीं जा सकता।पर्यटक यहां पहुंचकर इस कुंड में डुबकी लगा सकते हैं.। इस पानी में भारी मात्रा में सल्फर होने के कारण तप्तापानी का पानी औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।PC: Ilya Mauter

मां तारा तारिणी हिलश्राइन

मां तारा तारिणी हिलश्राइन

मां तारा तारिणी हिल श्राइन, पूरे देश में मां तारा के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर, कुमारी हिल्‍स पर स्थित है जो ऋषिकुल्‍या नदी के तट पर है। यह मंदिर, गोपालपुर से कुछ ही किमी. की दूरी पर स्थित है। बहरामपुर रेलवे स्‍टेशन से इस मंदिर तक की दूरी मात्र 13 किलोमीटर है। हजारों पर्यटक, नियमित रूप से इस मंदिर में दर्शन करने आते है और माता का आर्शीवाद ग्रहण करते है। इस मंदिर में दो देवियों की प्रतिमा है मां तारा और मां तारिणी। स्‍थानीय लोगों के द्वारा इन दोनों देवियों को आदिशक्ति का स्‍वरूप माना जाता है।PC: Nibedit

सोनेपुर तट

सोनेपुर तट

सोनेपुर को उड़ीसा के सबसे सुंदर तटों में से जाना जाता है। यह स्‍थान, राज्‍य के गंजम जिले में स्थित है। यह एक सुंदर तट है जिसकी सीमा आंध्र प्रदेश और उड़ीसा, दो राज्‍यों से लगती है। देश के दक्षिणी राज्‍यों से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह तट उन लोगो के लिए जन्नत से कम नहीं है..जो अकेले में शांति के पल खुद के साथ बिताना चाहते हैं । यहां ऐसे कई तथ्‍यों को माना जाता है कि सोनेपुर तट, उड़ीसा की सबसे बड़ी प्राकृतिक सम्‍पत्ति है जहां प्राकृतिक सौंदर्य आज भी मानव सथ्‍यता से अछूता और वास्‍तविक है। तट, बहरामपुर से लगभ 12 - 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

कैसे जाएं गोपालपुर

कैसे जाएं गोपालपुर

हवाईजहाज द्वारा
गोपालपुर तक एयर द्वारा बिजु पटनायक अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे, भुवनेश्‍वर के रास्‍ते पहुंचा जा सकता है।

ट्रेन द्वारा
इसका सबसे नजदीकी रेलवे स्‍टेशन बहरामपुर रेलवे स्‍टेशन है जहां से देश के कई हिस्‍सों के लिए ट्रेन मिलती है।

सड़क मार्ग से
राज्‍य में बसों से भी गोपालपुर तक पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा, पर्यटक भ्रमण के लिए प्राईवेट कार को हॉयर कर सकते है।

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