झारखंड की राजधानी रांची से 144 किमी की दूरी पर बसा नेतरहाट को बीच झारखंड की मसूरी के रूप में भी जाना जाता है। समुद्र तल से 3,622 फीट ऊंचाई पर स्थित नेतरहाट का मौसम सालभर खुशनुमा रहता है। इसे प्रकृति का
अनमोल तोहफा कहा जाता है, यही वजह है इस अनुपम स्थल को निहारने के लिए पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं। आने वाले पर्यटक प्रकृति के इस खूबसूरत स्थल को 'नेचर हाट'और छोटा नागपुर की रानी कहते हैं।
नेतरहाट शब्द की उत्पत्ति के विषय में कहा जाता है कि नेतुर (बांस) और हातु (हाट) मिलकर यह शब्द बना है। प्राचीन समय में यहां बांस का जंगल था, जिस कारण इसका नाम नेतरहाट पड़ गया।नेतरहाट पठार के निकट की पहाड़ियां
सात पाट कहलाती हैं। यहां बिरहोर, उरांव और बिरजिया जाति के लोग निवास करते हैं।
घने जंगल के बीच बसे इस जगह की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है। पर्यटक यहां आने पर प्रसिद्व नेतरहाट विद्यालय, लोध झरना, उपरी घाघरी झरना तथा निचली घाघरी झरना देखना नही भूलते है। झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा फालबरहा घाघ (466 फुट) नेतरहाट के पास ही है। नेतरहाट की वादियां धरती पर स्वर्ग होने का एहसास दिलाती है। एक बार जो नेतरहाट चला गया, वह नेतरहाट को जिंदगी भर नहीं भूल सकता है। नेतरहाट का सनसेट व सनराइज देखने के लिए दुनिया के कई क्षेत्रों से पर्यटक आते हैं।
नेतरहाट में वन विभाग की अनुमति के साथ शूटिंग भी किया जाता है। यहाँ कुछ भागों में बाघ बहुतों की संख्या में है। नेतरहाट के विकास के साथ यहाँ पर्यटक, शिकारी काफी आकर्षित हो रहे हैं। नेतरहाट एक बहुत महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।
नेतरहाट विद्यालय
प्रसिद्व नेतरहाट विद्यालय की स्थापना नवम्बर 1954 में हुई थी। राज्य सरकार द्वारा स्थापित और गुरुकुल की तर्ज पर बने इस स्कूल में अभी भी प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर नामांकन होता है। यहां के अनेक छात्र ने हरेक क्षेत्र में इस विद्यालय का नाम रौशन किया है।
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सनराइज पॉइंट
सनराइज पॉइंट से उगते सूरज को देखना काफी मनोरमी लगता है, सूर्योदय के दौरान इंद्रधनुषी छटा को देखकर ऐसा लगता है कि हरी वादियों से एक रक्ताभ गोला धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है।इस क्षण प्रकृति का कण-कणसप्तरंगी हो जाता है और पर्यटक इस दृश्य को देखकर सहसा कह उठते हैं- अद्भुत!
मंगोलिया पॉइंट
रांची से करीबन 10 किमी की दूरी स्थित मंगोलिया पॉइंट से डूबते सूरज को देखना काफी दिलचस्प होता है..खूबसूरत दृश्य को देख पर्यटको के मन में अपनी अमिट छाप छोड़ देता है।PC: wikimedia.org
चीड़ वन
नेतरहाट में चीड़ वन के बीच एक अभयारण्य है जो लोगों को इस भाग में आने के लिए उत्साहित करता है। कुछ समय पहले तक राज्यपाल इसे गर्मियों के स्थायी स्टेशन के रूप में इस्तेमाल किया करते थे। नेतरहाट का तापमान रांची की तुलना में पूरे वर्ष अच्छा रहता है। यह कहा जा सकता है कि यह स्थान पूरे झारखंड राज्य में सबसे ठंडा है। इस स्थान में की कृषि फार्म भी हैं।
लोध झरना
नेतरहाट से 60 किमी दूर स्थित यह झरना बुरहा नदी के पास स्थित है। 468 की उंचाई पर स्थित यह झरना झारखंड का सबसे उंचा झरना माना जाता है। कहा जाता है कि इस झरने की गिरने की आवाज आस-पास के 10 किमी दूर तक सुनाई देती है।
निचली घाघरी झरना
यहां से 10 किमी की दूरी पर घने जंगलों के बीच से गुजरती इस झरने की सुन्दरता देखते ही बनती है। 32 फीट की उंचाई से गिरते हुए इस झरने को देखने हजारों की संख्या पर्यटक गर्मी के दिनों में यहां आते है। यहां के आस-पास केजंगल इतने घने है कि सूर्य की किरणें भी इसको पार नही कर पाती है।
उपरी घाघरी झरना
नेतरहाट से 4 किमी दूर यह जगह प्रसिद्व पिकनिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता के बीच पिकनिक मनाने का अपना अलग ही मजा है।
कैसे आयें
वायुयान
निकटतम हवाई अड्डा रांची (156 किलोमीटर) इंडियन एयरलाइंस के विमान के साथ मुंबई, पटना, कोलकाता और नई दिल्ली से जुड़ा हुआ है |
रेल
निकटतम रेलवे स्टेशन रांची 146 किलोमीटर रांची रेलवे स्टेशन से टैक्सी द्वारा यहां जाया जा सकता है।
सड़क
रांची से नेतरहाट के लिए प्रतिदिन बस सुविधा उपलब्ध है |रांची से रोजाना नेतरहाट के बस सेवा उपलब्ध है।