दिल्ली में आने वाले दिनों में तीन दिन की छुट्टी है साथ ही जल्द ही गर्मियों की भी छुट्टियां होने वाली है। छुट्टियाँ शुरू होते ही बच्चे घूमने की जिद करने लगते हैं..ऐसे में समझ ही नहीं आता कि, आखिर कहां घूमा जाए।
इस गर्मी की छुट्टी ना मनाली..ना शिमला..सिर्फ उत्तराखंड
यूं तो दिल्ली में घूमने के लिए काफी कुछ, यहां आप एतिहासिक इमारते देख सकते हैं... साथ ही कई सारे मंदिर आदि। तो अगर आपका बच्चा या फिर बच्चे भी बाहर घूमने की जिद कर रहें है..तो इन छुट्टियों उन्हें दिल्ली की इन जगहों पर ले जाएँ..यकीन मानिए उन्हें यहां जाकर ज्ञान भी मिलेगा, मस्ती भी होगी और छुट्टियाँ भी यादगार बनेगी। तो आइये डालते हैं एक नजर
पार्लियामेंट- ससंद भवन
संसद भवन की कार्यवाही को देखना हर एक भारतीय का हक़ होता है। आम जनता संसदीय कार्यवाही को पब्लिक गैलरी से देख सकती है। इस कार्यवाही को देखने वाले की उम्र दस वर्ष के ऊपर होना जरुरी है।
संसदीय कार्यवाही देखने के लिए पहले आपको एक अनुमति लेनी होगी, अगर इजाजत मिल जाती है तो आप पब्लिक गैलरी से संसदीय कार्यवाही को देख सकते हैं।PC:Deepak Gupta
हर एक भारतीय का हक है- संसदीय कार्यवाही को देखना
राष्ट्रपति भवन
प्रेसिडेंट हाउस यानी राष्ट्रपति भवन भी दिल्ली में घूमने की अच्छी जगह है... यह दुनिया की विशालतम इमारतों में से एक है। राष्ट्रपति भवन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है।बच्चे यहां आकर राष्ट्रपति भवन को देखने के साथ साथ इस इमारत के पीछे विशाल मुग़ल गार्डन स्थित है। जिसे हर साल फ़रवरी में आम जनता के लिए खोला जाता है। दरबार हॉल के अधिकतम कमरे मुख्य गुम्बद के नीचे खुलते हैं। राष्ट्रपति के सारे राजकीय कार्यक्रम यहीं पर आयोजित किए जाते हैं।PC:yndesai
एडवेंचर्स गेम्स
साहसिक गेम्स के तो सभी दीवाने है क्या बच्चे और क्या बड़े।अगर आपके बच्चो को भी एडवेंचर्स स्पोर्ट्स में इंटरेस्ट है तो आप अपने बच्चो के साथ पहुंच जाइये आवारा एडवेंचर फार्म्स।यहां बच्चे ना सिर्फ एडवेंचर एक्टिविटीज कर सकेंगे बल्कि ढेर सारे खेल भी खेल सकेंगे।
क्या कर सकते हैं
यहां बच्चे-बर्मा पुल, निलंबन पुल, कमांडो नेट, ज़िप लाइन, समानांतर रस्सी, टायर की दीवार, टार्जन स्विंग, बैलेंस वॉक, और पेंट बॉल
आधुनिक क्रियाकलाप: स्विमिंग पूल, बारिश डांस और जिम
आउटडोर स्पॉट: टेनिस, क्रिकेट, फुटबॉल, वॉली बॉल और बास्केटबाल
इनडोर खेल: शतरंज, कैरम, लुडो और टैंबोला
जातीय गांव खेल: पिथु, कांसी, जिली दंड, रस्सा कशा, मटका फौर, और खो-खो
पता- अरावली रिट्रीट, राइसीना ग्राम, पाथवेज वर्ल्ड स्कूल के पास, सोहना से 12 किलोमीटर की दूरी पर .
दिल्ली में मनोरंजन पार्क
बढ़ती गर्मी के चलते आप बच्चो के साथ दिल्ली स्थित कई एम्यूज़मेंट पार्क में जा सकते हैं। इन पार्क्स में बच्चे पानी की सवारी, गो-कार्टिंग और रोमांचकारी सवारी का अनुभव कर सकते हैं।
दिल्ली के वाटरपार्क्स
नेशनल रेल म्यूजियम
राष्ट्रीय रेलवे संग्रहालय दिल्ली चाणक्यपुरी में स्थित है एवं इसकी स्थापना 1 फरवरी 1977 में हुई थी। इस संग्रहालय में भारतीय रेलवे से सम्बंधित 100 से अधिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। इसमें स्थिर एवं चालित मॉडल, सिगनल उपकरण, पुरातन फर्नीचर, ऐतिहासिक चित्र एवं इससे संबंधित साहित्य इत्यादि रखे हैं। इस म्यूजियम में यहां आने वाले पर्यटक कई तरह की पुरानी और नई ट्रेन देख सकते हैं।
चलो लौट चले, बचपन की छुक छुक करती रेलगाड़ी में
PC: Sandeep Suresh
यूरेका बुक स्टोर
अगर आपके बच्चो को किताबें पढ़ने का शौक है तो आप जा सकते हैं यूरेका बुक स्टोर।यह बुक स्टोर और बुक स्टोर से काफी अलग है..इसकी स्थापना अप्रैल 2003 में दो पुस्तक प्रेमियों ने भारत के बच्चों के लिए
साहित्य महोत्सव बुकवार की स्थापना की।
नेशनल साइंस सेंटर
प्रगति मैदान के गेट नम्बर एक के समीप भैरव रोड पर स्थित विज्ञान संग्रहालय विज्ञान में रूचि रखने वाले लोगों के लिये, खासतौर पर युवा और विद्यार्थियों के लिये बेस्ट प्लेस है।संग्रहालय आम लोगों के लिये प्रातः 10 बजे से साँय 5 बजे तक खुला रहता है और केवल होली और दिवाली के दिनों में बन्द रहता है। PC: wikimedia.org
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान या दिल्ली चिड़ियाघर एक प्रकृति आरक्षण साइट है जो 214 एकड़ जमीन पर बना है। ये चिड़ियाघर दिल्ली में पुराने किले के पास स्थित है। इस चिड़ियाघर में 130 प्रजाति के लगभग 1350 अलग अलग जानवर हैं। ये चिड़ियाघर शुक्रवार को छोड़कर सभी दिन खुला रहता है। गर्मियों के दौरान यह 08:30 से 17:30 तक और सर्दियों के दौरान 9:30 से 04:30 तक खुलता है। आने वाला पर्यटक अगर भारतीय है तो यहाँ प्रवेश के लिए 5 रुपए जबकि विदेशी पर्यटक को चिड़ियाघर के अन्दर प्रवेश के लिए 100 रुपये का प्रवेश शुल्क देना होता है। चिड़ियाघर में पर्यटकों के लिए जलपान की भी व्यवस्था है इस चिड़ियाघर के अन्दर सस्ती दर वाला कैफेटेरिया मौजूद है।
PC: Swayam dhupkar
दिल्ली हाट
बच्चो की भारत की संस्कृति से रूबरू कराने के लिए दिल्ली हाट एक उत्तम जगह है...दिल्ली हाट में एक पारंपरिक हाट अथवा गांव के बाज़ार का माहौल देता है, किन्तु यह एक ही स्थान पर अनेक पारंपरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। यहां आप हस्तशिल्प, भोजन और सांस्कृतिक गतिविधियों का सम्मिश्रण देख सकते हैं। फूड एंड क्राफ्ट बाज़ार, भारतीय संस्कृति, हस्तशिल्प और भिन्न-भिन्न भोजन का खज़ाना है।PC: Kundansen
लाल किला
दिल्ली का लालकिला एक विश्व प्रसिद्ध किला है। इसका निर्माण तोमर राजा अनंगपाल ने 1060 में करवाया था। बाद में पृथ्वीराज चौहान ने इसे फिर से बनवाया और शाहजहां ने इसे तुर्क शैली में ढलवाया। लाल बलुआ पत्थरों और प्राचीर के कारण इसे लाल किला कहा जाता है। भारत के लिए यह किला ऐतिहासिक महत्व रखता है। भारत के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर पर ही 15 अगस्ति को तिरंगा फहराते हैं।
PC: Shivang Dubey