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वीरों की भूमि चित्तौड़गढ़ में बहुत कुछ है नायाब जो इतिहास प्रेमियों के लिए है ख़ास

By Khushnuma

राजस्थान में आकर अगर आपने एक ऐतिहासिक स्थापत्य से भरपूर 'चित्तौड़गढ़' के खूबसूरत दुर्ग को न देखा तो समझो बहुत कुछ मिस कर दिया। इस दुर्ग की विशालता और ऊंचाई को देखते हुए कहा जाता है कि 'चित्तौड़ का दुर्ग पूरा देखने के लिए पत्थर के पांव चाहिएं। 'इस दुर्ग का विशेष आकर्षण यहां स्थित सात विशाल दरवाजे हैं। ये दरवाजे इतने विशाल आकार में किसी और दुर्ग में देखने को नहीं मिलेंगे। इस किले में कई जलाशय भी हैं। इसके अलावा यहाँ दो बेहद ख़ास स्तंभ हैं जिन्हें 'कीर्ति स्तंभ' और 'विजय स्तंभ' कहा जाता है।

इस वीर भूमि में आकर आप खुद को किसी शहंशाह और राजा से कम नहीं महसूस करेंगे। क्यूंकि यहाँ की भूमि है ही ऐसी जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने में सदा कामयाब रही है। यह विशाल दुर्ग चित्तौड़गढ़ की शान है। चित्तौड़गढ़ वह वीरभूमि है जिसने समूचे भारत के सम्मुख शौर्य, देशभक्ति एवं बलिदान का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। तो चलिए सैर करते हैं वीरों की भूमि की।
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तुलजा भवानी का मंदिर

तुलजा भवानी का मंदिर

कहा जाता है कि तुलजा भवानी का मंदिर इस दुर्ग की एक दासी के पुत्र ने बनवाया था। उसने अपने बराबर सोना तुलवाकर इस मंदिर का निर्माण करवाया था। कहा जाता है कि यह पुत्र माँ भवानी का उपासक था।

Image Courtesy:pratiproy

नौलखा भण्डार

नौलखा भण्डार

नौलखा भण्डार एक गढ़नुमा इमारत है। कहा जाता है इसे राणा बनवीर ने बनवाया था। इस इमारत में महराब दार छत वाले कमरे हैं जो दर्शनीय हैं।

Image Courtesy:Nagarjun Kandukuru

श्रृंगार चंवरी

श्रृंगार चंवरी

राजपूत और जैन कलात्मक शैली का श्रृंगार चंवरी मंदिर नौलखा भण्डार के पास ही में है। इस मंदिर को लेकर ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में महाराणा कुंभी की राजकुमारी के विवाह की चंवरी है जिसे श्रृंगार चंवरी के नाम से जाना जाता है।
Image Courtesy:pratiproy

महाराणा कुंभा का महल

महाराणा कुंभा का महल

महाराणा कुंभा का महल को कुंभा महल के नाम से भी जाना जाता है। इस महल में बने जनाना महल, दीवान-ए-आम, सूरज गोखड़ा, मीराबाई महल, शिव मंदिर आदि विशेष रूप से दर्शनीय हैं।

Image Courtesy:Sujay25

फतह प्रकाश महल

फतह प्रकाश महल

इस महल को महाराणा फतह सिंह ने करवाया था, जो कि कुंभा महल के पास ही में है। हालांकि इस महल में अब एक संग्राहलय है। जिसमे पुरातन से जुडी चूज़ों को संग्रहित किया गया है।

Image Courtesy:Justin Morgan

जैन मंदिर

जैन मंदिर

यह जैन मंदिर अपने आपमें बेहद आकर्षक हैं। इस मंदिर में 27 देवरियां हैं, जिसकी वजह से इसे 'सतबीस देवरी' के नाम से भी जाना जाता है। आप यहाँ आकर इनके दर्शन कर सकते हैं।

Image Courtesy:Ssjoshi111

विजय स्तम्भ

विजय स्तम्भ

विजय स्तम्भ को महाराणा कुंभा ने अपनी विजय की निशानी के तौर पर बनवाया था। यह विजय स्तम्भ नौ मंज़िल का है जो देखने में बेहद आकर्षक लगता है। अगर आप इसके ऊपर चढ़ना चाहते हैं तो इसमें 57 सीढियाँ हैं जिन्हें पार करके चढ़ना होगा।

Image Courtesy:Schwiki

समिद्वेश्वर महादेव का मंदिर

समिद्वेश्वर महादेव का मंदिर

समिद्वेश्वर महादेव का मंदिर विजय स्तम्भ के पास ही में बना है। इसमें की गई खुदाई का कार्य बेहद सुन्दर है जिसे देख आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। इस मंदिर के नीचे के भाग में शिवलिंग और पीछे की दीवार में भगवान शिव की विशाल मूर्ति बनी हुई है।

Image Courtesy:Ramnath Bhat

गोमुख कुंड

गोमुख कुंड

गोमुख कुंड चित्तौड़गढ़ किले का तीर्थ कुंड है जिसके ढलानों में तीन जगह गोमुख हैं उन गोमुखों से शिवलिंग पर जल गिरता है।

Image Courtesy:Ramnath Bhat

पदिमनी महल

पदिमनी महल

पदिमनी महल एक जलाशय के पास है जो बेहद आकर्षक लगता है। इस महल का जनाना महल इस जलाशय के अंदर बना हुआ है। इस महल के आसपास लगे गुलाब इस महल की खूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं।

Image Courtesy: Magnus Manske

कीर्ति स्तंभ

कीर्ति स्तंभ


कीर्ति स्तंभ लगभग 7 मंज़िला इमारत है जिसके ऊपर चढ़ने के लिए 54 सीढियाँ बनी हुई हैं। लेकिन इसके अंदर जाना मना है इसलिए अगर आप यहाँ जाना चाहते हैं तो इसे बस बाहर से ही देख पाएंगे।

Image Courtesy:Nagarjun Kandukuru

चलफिर शाह की दरगाह

चलफिर शाह की दरगाह


चलफिर शाह की दरगाह का वातावरण बेहद सुकून दार होता है। यहाँ हर साल उर्स मनाया जाता है। अगर आप यहाँ की सैर करना चाहते हैं तो उर्स एक अच्छा समय है।

Image Courtesy:nevil zaveri

कैसे जाएँ

कैसे जाएँ

वायु मार्ग द्वारा
डबोक हवाईअड्डा, उदयपुर चित्तौड़गढ़ शहर के सबसे पास का हवाईअड्डा है। इसे ‘महाराणा प्रताप हवाईअड्डे' के नाम से भी जाना जाता है और यह गंतव्य से 90 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हवाईअड्डा जयपुर और नई दिल्ली से जुड़ा हुआ है। विदेशी यात्री इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली से डबोक हवाई अड्डे के लिए एक जुडी हुई उड़ान ले सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा
चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन के पास रेलवे का एक अच्छी तरह से स्थापित तंत्र है जो इसे सभी मुख्य शहरों जैसे कि जयपुर, अजमेर, उदयपुर एवं नई दिल्ली से जोड़ता है।

सड़क मार्ग द्वारा
चित्तौड़गढ़ राजस्थान के सभी बड़े शहरों जैसे कि जयपुर, जैसलमेर, बीकानेर, उदयपुर, एवं पड़ोसी राज्यों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कई निजी और राज्य के स्वामित्व वाली बसें जयपुर, इंदौर, और अजमेर से शहर के लिए उपलब्ध हैं।

Image Courtesy: Abbysingh

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