तमिल नाडु में बहुत सारे टूरिस्ट अटरैक्शन हैं- मंदिर, समुद्र तट, हिल स्टेशन इत्यादि। तमिल नाडु में बहुत सारे ऐसे जगह हैं जो इंडिया में फेमस टूरिस्ट प्लेस है। इन सारे खूबसूरत जगहों में से एक यरकौड भी है जो लोगों में पॅापुलर है।
यरकौड दो लोकल भाषा का मेल है- येरी का मतलब लेक और काडु मतलब जंगल। यह हिल स्टेशन हरे-भरे जंगलों से और लेक से घिरा हुआ है। घाटियों के सुंदर दृशेय टूरिस्ट के चेहरों पर खुशी लाते हैं।यरकौड शॉपिंग के लिए कोई खास जगह नहीं है फिर भी यहाँ टूरिस्ट के लिए कुछ वस्तुएं हैं। कुछ फेमस चीज़ें हैं जैले- तेल, परफ्यूम, त्वचा की देखभाल के सामान, स्थानीय तौर पर उत्पन्न काली मिर्च के ताज़ा पैक, इलायची और कॉफ़ी।
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यरकौड को 'साउथ का गहना' भी कहा जाता है क्योंकि यहां का नेचर बहुत ही शांत और सुंदर है। यरकौड ट्रैकिंग के लिए भी फेमस है। यहां के हरे-भरे जंगल और रास्ते, ट्रैकिंग करने के लिए बहुत ही आसान होते हैं। यहाँ ग्रीष्म उत्सव, नौकाओं की दौड़ (बोट रेस), फूलों और कुत्तों के शो (प्रदर्शन) आयोजित किये जाते हैं। जिन लोगों को इतिहास में रूचि है उनके लिए यरकौड में कुछ ऐतिहासिक स्थान भी हैं।
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यरकौड शायद तमिल नाडु के ऊटी और कोडइकनाल जैसा फेमस नहीं है लेकिन यहां का शांत माहौल टूरिस्ट को अपनी ओर अटरैक्ट करता है। यरकौड में रहने के लिए स्थान ढूंढना आसान है। इसके लिए अनेक उहाय हैं जिनमें बजट होटल से लेकर लक्ज़री रिसॉर्ट या रहने के लिए घर भी शामिल हैं। यहां कि खूबसूरती बाकि जगहों से कुछ कम नहीं है। 1820-1829 में डेविड कॅाकबर्न ने यरकौड को डेवेलप किया। उन्होंने कॅाफी और सेब के कल्टिवेशन को लाया, जो आज भी इस हिल स्टेशन में होता है।
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यहां का मौसम बहुत ही अच्छा होता है, ना बहुत गर्मी ना बहुत ठंड और यहीं कारण है कि टूरिस्ट को ज़्यादा परेशानी नहीं होती है। गर्मियों में यहां का तापमान बहुत ज़्यादा नहीं होता है, जो इसे तमिल नाडु का आइडल समर डेस्टिनेशन बनाता है। यरकौड की यात्रा के लिए अक्टूबर से जून का समय उत्तम होता है तथा मानसून के मौसम में यहाँ की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
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