
मुंबई में काजोल और रानी के साथ मनाएं दुर्गा पूजा
दशहरा पर देशभर में रामलीलाएं आयोजित की जाती है। दिल्ली में ऐतिहासिक रामलीला मैदान में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशालकाय पुतले का दहन होता है। इसके साथ ही देशभर में रावण दहन किया जाता है।
दुर्गा पूजा उत्सव: सिटी ऑफ़ जॉय, " कोलकाता" में दुर्गा पूजा की धूम!
रावण दहन के दिवस के रूप में हर स्थान पर जाना जाता है लेकिन फिर भी अलग अलग क्षेत्रो में इसे विभिन्न तरीको से मनाया जाता है। तो आइये इसी क्रम में जानते हैं, देश के खास पांच शहरों के दशहरा के बारे, जहां आपको जरुर जाना चाहिए..

दुर्गा पूजा, कोलकाता
पश्चमी बंगाल की दुर्गा पूजा काफी लोकप्रिय है, दुर्गा पूजा के समय यहां के पंडालों की रौनक एकदम देखते ही बनती है.. रास्तों में भक्तों का मजमा, बड़े-बड़े सजावटी पंडाल, स्वादिष्ट अलग-अलग तरह के व्यंजन, मधुर संगीत और नाच, भव्य संस्कृति, और शानदार लाइटों की चकाचौंध,ये मुख्य विशेषताएं हैं कोलकाता के दशहरे यानि की दुर्गा पूजा उत्सव की। कोलकाता में दुर्गा पूजा की भव्यता वैसी ही होती है जैसी गणेश पूजा की मुम्बई में।PC:Biswarup Ganguly

दुर्गा पूजा में क्या करना ना भूले
- हर पंडाल को घूमे..क्यों कि हर पंडाल की अपनी एक थीम होती है..जो बहुत कुछ बयाँ करती है।
- शाम को आरती के दौरान किए गए धचक और धुनुची नृत्य देखें।
- खाओ, खाओ और खूब खाओ! सभी बंगाली त्यौहारों की तरह, यह पर्व भी भोजन को समर्पित है। शहर के प्रसिद्ध अंडा रोल का स्वाद लें
- पूजा के आखिरी दिन, पारंपरिक लाल और सफेद साड़ी में पहने हुए विवाहित महिलाएं एक दूसरे के चेहरे को सिंदूर खेलती है..जोकि सिंदूर खेला का हिस्सा होता है....जिसे शादशुदा जिन्दगी के लिए शुभ माना जाता है।
- विसर्जन के दिन मां की मूर्ति को गंगा नदी में उत्साह और ढोल नगाड़ो के साथ विसर्जित किया जाता है।
PC:Biswarup Ganguly

दशहरा,मैसूर
अगर आप 400 वर्ष पुराने अनोखे दशहरा उत्सव का हिस्सा बनना चाहते हैं तो, कर्णाटक स्थित मैसूर की ओर रुख कर सकते हैं। इस दस दिन के पर्व को यहां परंपरागत रूप से मैसूर के शाही परिवार, वोड्यार्स द्वारा मनाया जाता है। PC: Kalyan Kumar

क्या करना ना भूले
- जंबो सवाारी या हाथी जुलूस देखें। शाही हाथियों के नेतृत्व में, यह मैसूर पैलेस से शुरू होता है और दशहरा परेड ग्राउंड में खत्म होता है।
- 100,000 से अधिक लाइट्स से सजे हुए मैसूर पैलेस को देखना ना भूले..
- प्रदर्शनी पर जाएं; 1880 के बाद से हर साल प्रदर्शनी मैदान में आयोजित की जाती है। इस मेले में आप झूले, लजीज व्यंजन और खरीददारी का लुत्फ उठा सकते हैं ।
- कुल्लू के राजा की अगुआई वाली रथ यात्रा या भगवान रघुनाथ के जुलूस में भाग ले।
- लोक संगीत और नृत्य का आनंद लेने के लिए मेले में जाएं। प्रामाणिक हस्तशिल्प की खरीददारी करें...
- पारंपरिक गुजराती पोशाक पहने हुए गरबा नृत्य में भाग ले ।
- अगर आप सिंगल है, तो आप गरबा या फिर डांडिया में अपने लिये पार्टनर ढूंढ सकते हैं...
PC: Ananth BS

कुल्लू, दशहरा
कुल्लू हिमाचल प्रदेश का छोटा सा शहर है, जोकि अपने अद्वितीय दशहरा उत्सव के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के स्थानीय निवासी पारंपरिक परिधानों में तैयार हो अपने वाद्य यंत्र, तुरही, बिगुल, ढोल, नगाड़े आदि लेकर बाहर निकलते हैं और अपने ग्रामीण देवता का धूम-धाम से जुलुस निकाल कर पूजन करते हैं। देवताओं की मूर्तियों को बहुत ही आकर्षक पालकी में सुंदर ढंग से सजाया जाता है। साथ ही वे अपने मुख्य देवता रघुनाथ जी की भी पूजा करते हैं। आखिरी दिन, जुलूस को ब्यास नदी तक ले जाया जाता है, जहां लकड़ी और घास क आग लगाई जाती है..बता दें यहां रावन दहन नहीं होता है।PC: Kondephy

क्या करें
PC: Kondephy

गुजरात, दशहरा
गुजरात में दशरहा से पहले नवरात्री को बेहद धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमे देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। यहां, दशहरा, रंगीन और जीवंत गर्बा नृत्य का पर्याय बन गया है।गुजरात में नवरात्रि के दौरान, आप यहां लोगो को गरबा और डांडिया करते हुए देख सकते हैं।
PC: Sudhamshu Hebbar

क्या करें

दिल्ली, दशहरा
दिल्ली में दशहरा को रामलीला के आखिरी दिन मनाया जाता है, जब राम ने रावण का दहन किया था..इस दौरान दिल्ली में कई जगह रामलीला का मंचन होता है..और फिर आखिरी दिन मेघनाद, कुंभकरण और रावण का पुतला दहन किया जाता है।

क्या करें
रामायण का पारंपरिक नाटकीय प्रतिनिधित्व रामलीला, देखें।
रावण का पुतला दहन देखे और आतिशबाजी का मजा लें...जो सुंदर रंगों में आकाश को रोशनी देता है।