गंगा और यमुना के बीच स्थित, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून प्राकृतिक जगहों से भरपूर है। यहां की मनमोहक खूबसूरती हर साल लाखों पर्यटकों को आपनी ओर आकर्षित करती है। ये खूबसूरत शहर कई खूबसूरत हिल स्टेशन जैसे, मसूरी, औली, हरिद्वार और ऋषिकेश से सटा हुआ है।
देहरादून दो शब्दों से मिलकर बना है, देहरा जिसका मतलब है घर और दून यानी घाटी। ये खूबसूरत शहर ऐतिहासिक और महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, पौराणिक कथायों की की मुताबिक, देहरादून पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य का जन्मस्थल है।
शांत वातावरण,मन-भावन वादियां और बर्फ से ढके पहाड़ों के लिए मशहूर है उत्तराखंड
देहरादून की प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ियों से घिरा शहर अपनी विरासत और संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर जो गहरी आस्थाओं से जुड़े हुए हैं, पशु-पक्षी प्रेमियों के लिए अभ्यारण जो दूर से ही पर्यटकों को लुभाता है देखने योग्य है। यहाँ आकर आप राफ्टिंग, ट्रेकिंग आदि का भरपूर आनंद उठा सकते हैं। इसके आलावा अगर आप खेलों के शौक़ीन हैं तो यहाँ आपके लिए बेहद रोमांचक खेल भी उपलब्ध हैं जो पहाड़ों पर तेज़ हवा से टकराते हुए खेले जाते हैं।
कब जाएँ देहरादून
देहरादून जाने का सबसे उत्तम समय अप्रैल से जून तक का है, इस दौरान यहां का मौसम सुहावना रहता है। मानसून के दौरान देहरादून में काफी बारिश रहती है, जिससे यहां भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। सर्दियों के दौरान यह जगह बेहद ठंडी रहती है।
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दिल्ली से देहरादून
रूट 1- डॉ एन एस हार्डिक आरडी - एनएच 9 - एनएच 44 - अतट्टा-बिलासपुर आरडी में समलखा - एसएच 12 - सहारनपुर-दिल्ली आरडी - एनएच 344 - एनएच 307 - श्यावाला कला - झांडा मोहल्ला - देहरादून (6 घंटे - 246 किमी)
रूट 2: डॉ एन एस हार्डिक आरडी - एनएच 9 - एनएच 44 - एनएच 70 9 ए - शितल गरही में बीदोली-मंगलोरा आरडी - एमडीआर 147 डी - एनएच 344 सहारनपुर में - एनएच 307 - शीवाला काला - झांडा मोहल्ला - देहरादून (6 घंटे - 266 किमी)
रूट 3: डॉ एन एस हार्डिक आरडी - एनएच 9 - एनएच 34 - एनएच58 - एनएच 334 - गुरुकुल नरसन - पुहना-जाब्रेरा आरडी - एनएच 344 - एनएच 307 - शेवाला काला - झांडा मोहल्ला - देहरादून (6 घंटे 15 मिनट - 264 किमी)
सोनीपत
दिल्ली से 28 किमी की दूरी पर सोनापत का छोटा सा शहर है, जिसे माना जाता है कि इसका नाम पहले से स्वर्णप्रस्थ था। एक लोकप्रिय दंतकथा के मुताबिक, यह शहर पांडव अर्जुन के वंशज राजा सोनी का था।
सोनीपत में और आसपास के कुछ स्थानों में आप अब्दुल्ला नासिर के मस्जिद और ख्वाजा खज़्र के मकबरे आदि हैं, जो आप देख सकते हैं। सोनीपत की स्पेशल मिठाई है, घेवर इसे चखना ना भूले।
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सहारनपुर
सहारनपुर दिल्ली से 200 किमी की दूरी पर, देहरादून के रास्ते पर पड़ता है। यह शाहर ऐतिहासिक रूप से समृद्ध जगह है, लेकिन य हां देखने के लिए कुछ खास नहीं है।
यह क्षेत्र दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य, सैयइड्स और रोहिल्ला और अंततः मराठों के शासन के अधीन रहा है। बासमती चावल और आम के उत्पादन के लिए यह शहर लोकप्रिय है। यह लकड़ी नक्काशीदार कुटीर उद्योग के संपन्न बाजार के लिए भी जाना जाता है। जब आप शहर से गुजर रहे हैं तो आप इन मार्केट्स से कुछ खरीदारी कर सकते हैं।
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डाकुयों की गुफा
गुचुपानी देहरादून से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यह आराम फरमाने के लिए सबसे सही जगह है। पानी की प्राकृतिक प्रवाह जो गुफा को दो हिस्सों में बाँटती, है अपने में ही एक अद्भुत दृश्य है। एक छोटे से किले की दीवार भी इसके दृश्य में शामिल हो इसकी खूबसूरती को और बढ़ाती है।Pc: Alokprasad
सहस्रधारा
देहरादून के खूबसूरत स्थानों में से एक सहस्रधारा है, जिसका मतलब होता है, "हजार गुना वसंत। यह खूबसूरत जगह डाकुयों की गुफा के करीब ही स्थित है। इस जगह एक खूबसूरत झरना है, जिसे सल्फर बसंत कहा जाता है, ऐसा कहा जाता है कि, सल्फर की उपस्थिति के कारण इस झरने के पानी में औषधीय गुण हैं। त्वचा रोगों से पीड़ित लोग इस जगह पर जाएँ, अपने रोगों के इलाज के लिए झरने में स्नान करें। सल्फर के अलावा, पानी में चूना भी शामिल है, जिसकी वजह से गुफाएं बन जाती हैं।Pc: Shivanjan
मठ
माइंडरोलिंग मठ सबसे बड़ा बौद्ध केंद्र है जोकि, तिब्बत के न्ययंमा विद्यालय के 6 मुख्य मठों में से एक है। 1965 में कोचेन रिनपोछे द्वारा निर्मित, यह बौद्ध मठ वास्तुकला के शानदार जापानी शैली के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। मठ की दीवारों पर भगवान बुद्ध के जीवन को चित्रित किया गया है।
ग्रीष्मकाल में मठ 8 बजे से शाम और दो बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है, जबकि यह एक घंटे बाद खुलता है और सर्दियों के दौरान एक घंटे पहले बंद हो जाता है।Pc: Roger roger
टपकेश्वर मंदिर
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां भोले नाथ की मूर्ति एक गुफा में स्थापित है। इस शिवलिंग के बारे में एक दिलचस्प विशेषता यह है कि आप गुफा की छत से पानी की टपकता देख सकते हैं । शिवरात्रि के दौरा इस मंदिर में भ्ल्तों का जमावड़ा देखा जा सकता है, इस दौरान यअहं श्रधालुयों के लिए मेला भी आयोजित किया जाता है। भ्ल्तों के लिए यह मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।Pc: Rajatkantib
मालसी हिरन पार्क
जैसा की नाम से ही पता लगता है कि, यह वाइल्ड पार्क हिरणों को समर्पित है। हालांकि अब यह जगह देहरादून के चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है, जहां आप कई जानवरों को देख सकते हैं। 25 हेक्टेयर में फैले इस पार्क में बच्चो के साथ वीकेंड में घूमने के लिए बेस्ट जगह है।
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