देश का 29वां राज्य तेलेंगाना, भारत के आंध्र प्रदेश से राज्य से अलग हुआ राज्य है, आपको बता दें कि निज़ाम के शासनकाल में तेलेंगाना हैदराबाद स्टेट के अधीन था। यदि तेलेंगाना को ध्यान से देखा जाये तो मिलता है कि ये राज्य के दो बड़े हिस्सों मेडक और वारंगल का भाग है जो कि पहले आंध्र प्रदेश से जुड़ा हुआ था । 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से प्रथक हुआ तेलेंगाना की वर्तमान राजधानी हैदराबाद है। क्या असम में मिला भगवान गौतम बुद्ध को निर्वाण..??
आज तेलेंगाना भारत का वो स्थान है जो हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यदि भौगोलिक तौर पर देखा जाये तो वर्तमान तेलेंगाना की सरहद उत्तर और उत्तर पश्चिम में महाराष्ट्र, उत्तर पूर्व में छत्तीसगढ़, पश्चिम में कर्नाटक और पूर्व में ओडिशा से मिलती है। मंदिर जहां मंदिर की देवी को होता है "मासिक धर्म"
यहां हैदराबाद स्थित चार मीनार, थए पापी हिल और कुंतला वॉटरफॉल्स आने वाले पर्यटकों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं। आज राज में कई महत्त्वपूर्ण मंदिर जैसे भद्राचलम, हज़ार खम्बों का मंदिर, श्री राजा राजेश्वारा स्वामी मंदिर भी अपनी सुन्दरता और बेमिसाल वास्तु के चलते हर साल लाहों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। तो अब देर किस बात की आइये जानें नवनिर्मित तेलेंगाना में कहां कहां घूमने जा सकते हैं आप।
आदिलाबाद
आदिलाबाद एक नगरपालिक शहर है जो आदिलाबाद जिले में स्थित है। इस शहर में जिले का मुख्यालय भी है। आदिलाबाद जिला, दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश राज्य का एक भाग है। स्थानीय मिथकों के अनुसार इस शहर को इसका नाम मुहम्मद आदिल शाह से मिला है जो किसी समय बीजापुर के शासक थे। आदिलाबाद का इतिहास बहुत रोचक है क्योंकि किसी समय यह शहर विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के संगम का उत्कृष्ट उदाहरण था। इस स्थान पर कई उत्तर भारतीय राजवंशों ने शासन किया जैसे कि मौर्य, नागपुर के भोंसले राजा और मुग़ल।
हैदराबाद
दक्षिण भारत का एक बहुचर्चित पर्यटन स्थल हैदराबाद वर्तमान तेलेंगाना की राजधानी है। इसकी स्थापना कुतुब शाही वंश के शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाही ने 1591 में की थी। मूसी नदी के किनारे पर बसा यह एक खूबसूरत शहर है। स्थानीय पौराणिक कथाओं की मानें तो इस शहर का नाम भागमती और मोहम्मद कुली कुतुब शाह की रोचक प्रेम कहानी पर किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि भागमती एक नाचने वाली लड़की थी और सुल्तान उनके प्यार में पड़ गया था। अपने प्यार के नाम पर कुली कुतुब शाह ने इस शहर का नाम भाग्यनगर रखा था। जब उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया तो सुल्तान ने उनसे गुपचुप तरीके से शादी कर ली और उनका नाम पड़ा हैदर महल। इसी के आधार पर बाद में शहर का नाम हैदराबाद पड़ा। हैदराबाद में घूमने लायक कई स्थान है और यह पर्यटकों के साथ-साथ इतिहासकारों के बीच भी काफी लोकप्रिय है। हैदराबाद और आसपास के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में चारमीनार, गोलकुंडा किला, सलार जंग संग्रहालय और हुसैन सागर झील शामिल है।
खम्माम
खम्माम शहर दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में स्थित है, और यह शहर खम्माम जिले के मुख्यालय के रूप में भी जाना जाता है। हाल ही में इस क्षेत्र में जोड़े गए आसपास के 14 गावों के बाद, यह शहर एक नगर निगम बन गया है। यह शहर राजधानी हैदराबाद की पूर्वी दिशा में 273 किलोमीटर दूर स्थित है और आंध्र प्रदेश आने वाले यात्रियों का एक पसंदीदा स्थान है।
मेडक
मेडक एक नगर निगम शहर है जो आंध्र प्रदेश राज्य के मेडक जिले में स्थित है और यह राज्य की राजधानी हैदराबाद से 100 किमी. की दूरी पर स्थित है। मेडक के साथ बेहद दिलचस्प इतिहास जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि इस शहर का मूल नाम सिद्धपुरम था, जिसे बाद में बदलकर गुलशानबाद कर दिया गया। काकतीय राजवंश के शासनकाल के दौरान यह शहर प्रगति पर था।
नलगोंडा
नलगोंडा आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में नगर निगम का शहर है। शहर का नाम दो तेलुगु शब्दों का एक संयोजन है, नल्ला और कोंडा क्रमश: 'ब्लैक' और 'हिल' के लिए है। इसलिए, स्थानीय भाषा में नाम का मतलब है ब्लैक हिल। पहले नलगोंडा क्षेत्र नीलगिरि नाम से जाना जाता था। बामनों के शासनकाल के दौरान इस शहर का नल्लागोंडा के रूप में फिर से नामकरण किया गया था। निजामों के शासन के दौरान शासकीय प्रयोजनों के लिए इसको नलगोंडा के रूप में बुलाया जाने लगा।
निजामाबाद
इन्दूर और इन्द्र्पुरी के नाम से भी जाना जाने वाला निजामाबाद, आंध्र प्रदेश के दक्षिण भारतीय राज्य के निजामाबाद जिले में स्थित एक शहर के साथ ही एक नगर निगम भी है। निजामाबाद जिले का मुख्यालय भी निजामाबाद शहर में स्थित है, और जगह राज्य का 10वां सबसे बड़ा शहर है। 8वीं शताब्दी के दौरान, शहर इंद्र वल्लभ पंत्य वस्रहा इंद्र सोम के शासनकाल के अंतर्गत था, जो राष्ट्रकूट वंश के थे। इस जगह का नाम इंद्रपुरी राजा के नाम पर रखा गया।
वारंगल
वारंगल भारत के दक्षिणी राज्य आन्ध्रप्रदेश का एक जिला है और 12वीं से 14वीं ईस्वी के मध्य ककातिया शासकों की राजधानी था। राज्य का पाँचवाँ सबसे बड़ा शहर वारंगल अपने विशाल टीले, जिसे कि एक बड़ी चट्टान से काट कर बनाया गया है, के कारण प्राचीन समय में ओरगूगौलू या ओम्टीकोण्डा के नाम से जाना जाता था। वारंगल शहर वारंगल जिले में स्थित है जो हनामाकोण्डा और काजीपेट से मिलकर बना है।
भोजन
भोजन और खानपान के क्षेत्र में भी आज तेलेंगाना अपनी एक ख़ास पहचान रखता है। यदि आप राज्य के भोजन को देखें तो आपको मिलेगा कि राज्य का भोजन दो भागों तेलुगू और हैदराबादी क्यूजीन में वर्गीकृत है। जहां तेलुगू क्यूजीन शुद्ध दक्षिण भारतीय क्यूजीन है तो वहीं हैदराबादी क्यूजीन में आपको अरब तुर्की और मुगलाई स्वाद का मिला जुला जायका चखने को मिलेगा।