लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में संयुक्त रूप से फैला कलाकड़ अभयारण्य और मुदंथुरई वन्यजीव अभयारण्य उत्साही ट्रैवलर्स और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए किसी जन्नत के कम नहीं। जैव विविधता के लिए समृद्ध यह अभयारण्य एक शानदार अवकाश के साथ हर किसी पर्यटक को आने का आमंत्रण देता हैं। यहां के घने और अंधरों से भरे जंगल अपने रहस्य के साथ सैलानियों को रोमांचित करने का काम करते हैं।
यह देश का 17वां घोषित टाइगर रिजर्व है। अगर आप इस दौरान रोमांच का कुछ अलग अनुभव पाने की खोज में हैं तो आप यहां की सैर का प्लान बना सकते हैं। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य का यह अभयारण्य आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
कलाकड़ मुंडंथुरई टाइगर रिजर्व
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कलाकड़ मुंडंथुरई टाइगर रिजर्व अगस्त्य माला का हिस्सा है। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच स्थित, अगस्त्य माला हिल रेंज वन्यजीव अभयारण्य का मुख्य क्षेत्र मानी जाती है और भारत में पांच नामित जैव विविधता और प्रांतिक केंद्रों में से एक है। अगस्त्य माला बायोस्फीयर रिजर्व 2016 में वर्ल्ड नेकवर्ट ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा बना, और यूनेस्को के बायोस्फीयर रिजर्व की विश्व सूची मे भी शामिल हुआ । यहां की कुछ संस्थाओं स्थानीय लोगों को शिक्षित करने, ईंधन के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करने और जैव विविधता के मूल्य और इसकी रक्षा की आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता पैदा करने का काम कर रही हैं।
अभयारण्य के विभिन्न हिस्सों जलवायु और वनस्पति विशेषताओं के साथ एक बड़ा प्राकृतिक मंडल तैयार करने का काम करते हैं। यहां बहुत से ट्रेल्स मौजूद हैं जिनकी मदद के आप ट्रेकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद भी ले सकते हैं।
जलवायु विशेषता
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मुंडंथुरई अपनी विस्तृत वन संपदा के लिए जाना जाता है, यहां के अधिकतर भाग भारी वर्षाजल प्राप्त करते हैं। निचले भागों के जंगलों में 1,000 मिमी से कम जबकि ऊपरी जंगल में हर साल 4,000 मिमी बारिश होती है। जंगल के ऊपरी भाग मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय गीले सदाबहार वन हैं जबकि निचले सूखे पर्णपाती हैं।
गर्मियों की तुलना में यहां का मौसम ज्यादा सुखद होता है, लेकिन बहुत से साहसिक व रोमांच के शौकीन इस दौरान भी यहां की यात्रा करना पसंद करते हैं। मानसून देश के बाकी हिस्सों की तुलना में बाद में यहां पहुंचता है।
अद्भुत : राउरकेला के इस स्थान पर वेदव्यास ने लिखी थी महाभारत
आने का सही समय
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शहरों की भीड़-भाड़ से जंगल क्षेत्र ज्यादा सुखद और आरामदायक होते हैं, लेकिन फिर भी कुछ खास समय में यहां ज्यादा आनंद प्राप्त किया जा सकता है। कलाकड़ मुंडंथुरई टाइगर रिजर्व आने का सही समय अक्टूबर और जनवरी के बीच का माना जाता है। लेकिन गर्मियों के दौरान भी यह अभयारण्य खुला रहता है, बहुत से साहसिक ट्रेवलर्स इस दौरान भी यहां यात्रा का आनंद लेने के लिए आते हैं।
अगर आप तमिलनाडु के बाकी हिल स्टेशऩ का प्लान कर रहे हैं तो इस अभयारण्य गंतव्य को भी अपनी यात्रा डायरी का हिस्सा बना सकते हैं।
वाइल्ड लाइफ
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यह अभयारण्य वनस्पतियों के साथ विभिन्न जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का भी काम करता है। आप यहां असंख्य वन्य जीवों के अलावा पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं। स्तनधारी जीवों में आप यहां रॉयल बंगाल टाइगर, तेंदुआ, हिरण, जंगली बिल्ली, सिवेट, सांभर, चीतल, गिलहरी, नीलगिरी लैंगुर, बीयर, ब्राउन मोंगोज़, इंडियन पांगोलिन, किंग कोबरा, पायथन, उड़ने वाली गिलहरी आदी को देख सकते हैं।
इन सब के अलावा आप यहां विभिन्न पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं, जिसमें ग्रे-हेड बुलबुल, ग्रेट पाइड हॉर्नबिल, मालाबार ग्रे हॉर्नबिल, उल्लू और ब्रॉड-टेल्ड वॉर्बलर शामिल हैं।
कैसे करें प्रवेश
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मुंडंथुरई तिरुनेलवेली से 45 किमी, ऊटी से 487 किमी, और मैसूर से 92 किमी की दूरी पर स्थित है। आप यहां तीनों मार्गों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा एयरपोर्ट है। रेल सेवा के लिए आप तिरुनेलवेली जंक्शन का सहारा ले सकते हैं।
अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों के माध्यम से भी यहां तक का सफर तय कर सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से कलाकड़ मुंडंथुरई टाइगर रिजर्व राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।