जहां तक नज़रें दौड़ाएं वहां तक फैली हरियाली, विविध वन्य जीवन, प्राकृतिक सुंदरता, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, प्राचीन और आधुनिक का मिश्रण लिए हुए शहर और कस्बे कुछ ऐसा है असम। आइये असम में आपका स्वागत है। असम राज्य, अपनी विविध संस्कृति और हरे - भरे जंगलों के कारण जाना जाता है। असम ही एक ऐसा राज्य है जो हर मायने में प्रकृति के बेहद करीब है। जो लोग वन्यजीव पर्यटन के चहेते है, वह असम की ओर जरूर रूख करें। असम को अपने वन्यजीव पर्यटन के लिए जाना जाता है। राष्ट्रीय उद्यान और अन्य अभयारण्य, असम के प्रमुख पर्यटन स्थल है। बेहतरीन वन्य जीवन के अलावा, असम पर्यटन , मंदिरों और स्मारकों के लिए भी जाना जाता है। असम, मेलों और त्यौहारों का राज्य है। असम के कई त्यौहार यहां की समृद्ध संस्कृति, मान्यताओं और उनकी परंपरागत जीवन शैली का प्रतिनिधित्व करते है। किस बात कि आइये असम को जानें कुछ ख़ास तस्वीरों के जरिये। देवी के मासिक धर्म के रक्त से यहां लाल हो जाती है ब्रह्मपुत्र नदी
बिहु
बिहु नृत्य भारत के असम राज्य का लोक नृत्य है जो बिहु त्योहार से संबंधित है। यह खुशी का नृत्य युवा पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जाता है, और इसकी विशेषता फुर्तीली नृत्य मुद्राएं तथा हाथों की तीव्र गति है।
कामाख्या मंदिर
प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर घूमे बिना असम की यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। हिंदू धर्म के अनुसार यह 51 शक्तिपीठ में से एक है और इसकी गितनी सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से होती है।
एक सींग वाले गैंडे
भारत के असम राज्य में पाये जाने वाले एक सींग वाले गैंडे आज विलुप्त होती प्रजाति है जिसे देखने हर साल हज़ारों पर्यटक इस खूबसूरत राज्य की यात्रा करते हैं यदि आपको भी इन विशालकाय जीवों के दीदार करने हैं तो आज ही असम आइये।
चाय के बागान
बात असम की हो और हम चाय का ज़िक्र न करें तो मामला अधूरा है। जब भी आप असम आये तो ये अवश्य देखें कि चाय का उत्पादन कैसे किया जाता है। यहां आने के बाद यदि आप चाहें तो टी-स्टेट के आस पास ही किसी होटल में रह सकते हैं।
माजुली
इतिहास और संस्कृति को अपने दामन में समेटे हुए माजुली एक अध्यात्मिक जगह है। साथ ही यह असम का सबसे बड़ा आकर्षण भी है। माजुली न सिर्फ नदी से बना विश्व का सबसे बड़ा द्वीप है, बल्कि यह असम में नए वैष्णव धर्म का केन्द्र भी है।
ब्रह्मपुत्र
ब्रह्मपुत्र एक नदी है। यह तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 2700 किलोमीटर है। इसका नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है।
भूत झोलोकिआ
भूत झोलोकिआ का शुमार दुनिया कि सबसे तीखी मिर्चों में है। मिर्च की इस प्रजाति को भूत मिर्च और लाल नागा मिर्च के नाम से भी जाना जाता है। ज्ञात हो कि सन 2007 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इसे दुनिया की सबसे तीखी मिर्च का दर्जा दिया है।
असम सिल्क
असम राज्य आज अपने सिल्क के कारण भी दुनिया में ख़ास पहचान रखता है। यहां आपको रेशम की दो प्रमुख किस्में देखने को मिलेंगी इरी और मुगा जिनको विश्व के सर्वोत्तम सिल्क होने का दर्ज प्राप्त है।
अहोम राजवंश
अहोम राजवंश भारत का वो राजवंश था जिसने एक ही स्थान पर 600 वर्षों तक शासन किया है। आपको बता दें कि इस राजवंश का शासनकाल 1826 में समाप्त हुआ। तो यदि आप इस राजवंश को करीब से देखना चाहते हैं तो असम की यात्रा अवश्य करें।
काजीरंगा
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम के गर्व में से एक है। यह उल्लेख करना जरूरी है कि यह लुप्तप्राय भारतीय एक सींग वाले गैंडे का घर है और दुनिया में बाघों की सबसे अधिक घनत्व को समयोजित करते हुए, 2006 में इसे बाघ अभयारण्य के रूप में भी घोषित किया गया।