भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान कई पर्वतीय स्थानों को खूबसूरत हिल स्टेशन में परिवर्तित कर दिया गया था। यह वो समय था जब ब्रिटिश हुकूमत भारत को चारों दिशाओं से घेरने की पूरजोर कोशिश में था। इस दौरान ब्रिटिश जनरल और आला अफसरों ने सेना की मदद से विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हिल स्टेशन का निर्माण करवाया। ये पर्वतीय गंतव्य ग्रीष्मकालीन अवकाश, सेना भर्ती केंद्र और अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।
बाद में कई पहाड़ी क्षेत्रों को सेना की छावनी में भी तब्दील कर दिया गया था। साल दर साल ब्रिटिश सेना की टुकड़ी यहां डेरा जमाकर रहती थी। खासकर गर्मियों के मौसम के दौरान ब्रिटिश सेना इन्हीं हिल स्टेशन का सहारा लिया करती थी। हालांकि स्वतंत्रता के बाद इन स्थानों पर ब्रिटिश सेना का कोई नामोनिशान न रहा है,पर इनमें से बहुत से पहाड़ी गंतव्य आज भारतीय छावनियों का काम करते हैं।
इसके अलावा ये स्थल अब एक खूबसूरत पर्यटन गंतव्य के रूप में भी जाने जाते हैं। चूंकि ये सब पहाड़ी इलाकों हैं तो यहां का मौसम साल भर खुशनुमा बना रहता है। इस खास लेख में हमारे साथ जानिए भारत के चुनिंदा सबसे खास छावनी हिल स्टेशन बारे में।
रानीखेत, उत्तराखंड
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भारत में खूबसूरत छावनी नगर के रूप में विख्यात रानीखेत उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत एक आकर्षक हिल स्टेशन है। रानीखेत कुमाऊं रेजिमेंट और नागा रेजिमेंट का घर भी है जो भारतीय आर्मी द्वारा संरक्षित हैं। हिमालय की गोद में बसा रानीखेत विश्व भर के सैलानियों का ध्यान अपनी ओर खींचता है। आप यहां साल के हर महीने पर्यटकों को घूमते और आराम फरमाते देख सकते हैं। 1869 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पर्वतीय स्थल नैनीताल से लगभग 63 किमी के फासले पर रह जाता है।
यहां की सेना छावनी दो पर्वतीय चोटियों में फैली है एक रानीखेत (5983 फीट) के नाम से और दूसरी चौबाटिया चोटी (6942फीट) । रानीखेत में पर्यटन के लिहाज से घूमने-फिरने के लिए ढेरों जगहें मौजूद हैं। आप यहां हिमालय के अद्बभत दृश्यों के साथ हरी-भरी वादियों का आनंद ले सकते हैं। यहां के मंदिरों के अलावा आप यहां का प्रसिद्ध गोल्फ कोर्स भी देख सकते हैं जो विश्व के सबसे ऊंचे गोल्फ कोर्स में गिना जाता है।
कसौली, हिमाचल प्रदेश
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हिमाचल प्रदेश स्थित कसौली एक और भारत का सबसे खूबसूरत छावनी नगर है जिसका संबंध 19वीं शताब्दी के दौरान का बताया जाता है। राज्य के सोलन जिले में स्थित कसौली छावनी का निर्माण ब्रिटिश राज्य के दौरान (औपनिवेशिक हिल स्टेशन) 1842 में किया गया था। यहां सबसे पहली आर्मी रेजिमेंट तेरहवीं लाइट इंफेंट्री को तैनात किया गया था। यहां अभी भी इनका एक बिग्रेड मुख्यालय मौजूद है। इस सब के अलावा कसौली एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जो विश्व भर में अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए जाना जाता है।
यहां आप हिमालय की खूबसूरत चोटियों और और चीड़-देवदार के घिरे जंगलों के अद्बभत दृश्यों का आंनद उठा सकते हैं। इसके अलावा आप यहां ब्रिटिश राज्य के दौरान के भवन-इमारतों को भी देख सकते हैं। यहां आज भी कई प्राचीन चर्च मौजूद हैं जो भारत में ब्रिटिश वास्तुकला को भली भांति दर्शाती हैं। गर्मियों के दौरान घूमने-फिरने के लिए कसौली एक आदर्श गंतव्य है।
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चक्राता, उत्तराखंड
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यमुना और टोन नदी के मध्य स्थित चक्राता उत्तराखंड के देहरादून से लगभग 92 किमी की दूरी पर स्थित एक छावनी नगर है। स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के लिए स्थायी गैरीसन होने के अलावा, यह भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) का एक प्रशिक्षण स्थल भी है। गढ़वाल के जौनसर बावर क्षेत्र में स्थित, चक्राता एक शांत पहाड़ी गंतव्य है जो अपने प्राकृतिक परिदृश्य और मनमोहक जलवायु के लिए जाना जाता है। चक्राता के आसपास मौजूद जंगलों में आप विभिन्न जंगली जीवों को देख सकते हैं। जिनमें पैंथर, हिरण, तेंदुआ आदि शामिल हैं।
इन सबके अलावा चक्राता का उत्तरी भाग ट्रैवलर्स और प्रकृति प्रेमियों के मध्य काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, यहां जंगलों के बीच पहाड़ी घाटियों से होते हुए ट्रेकिंग का रोमांचक अनुभव लिया जा सकता है। चक्राता से मसूरी 73 किमी के फासले पर स्थित है, अगर आप चाहें तो चक्राता के बाद मसूरी की सैर का आनंद ले सकते हैं। मसूरी राज्य के खूबसूरत हिल स्टेशन में गिना जाता है जो भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान ही विकसित हुआ था।
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डलहौजी, हिमाचल प्रदेश
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हिमाचल प्रदेश का डलहौजी भी अपने औपनिवेशिक महत्व के लिए जाना जाता है। पांच पहाड़ियों (कैथलॉग, पोट्रेस, तेहर, बकरोटा और बलुन) पर फैला यह पहाड़ी गंतव्य भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान विकसित किया गया था। नौकराशाओं, सेना, जनरल और ब्रिटिश आला अफसरों के लिए एक ग्रीष्मकालीन गंतव्य के रूप में इसकी स्थापना 1854 में की गई थी। इस शहर का नाम ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड डलहौजी के नाम पर रखा गया । यह पहाड़ी गंतव्य अपनी कुदरती खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां से आप हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियां आसानी से देख सकते हैं इसके अलावा चीड़-देवदार के घने जंगल भी इस स्थान को खास बनाने का काम करते हैं।
डलहौजी में आप कई ब्रिटिश संरचनाओं को देख सकते हैं, जिसमें सेंट. जॉर्ज चर्च सबसे पुरानी बताई जाती है, जिसका निर्माण 1863 में किया गया था। इसके अलावा यहां से आप चंबा घाटी के अद्भुत दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ एक क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए डलहौजी काफी खास माना जाता है।
पचमढ़ी, मध्य प्रदेश
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मध्यप्रदेश स्थित पचमढ़ी भी भारत के प्रसिद्ध हिल स्टेशन और छावनी के नाम से प्रसिद्ध है। इसे पचमढ़ी छावनी भी कहा जाता है। सतपुड़ा से घिरे होने के कारण इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। पचमढ़ी लगभग 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सुबेदार मेजर नाथू रामजी पोवार के साथ ब्रिटिश सेना के कप्तान जेम्स फोर्सिथ ने सन्1857 में पचमढ़ी क्षेत्र में पठार देखा था। बाद में इस पहाड़ी क्षेत्र को एक हिल स्टेशन और ब्रिटिश सेना के लिए एक छावनी के रूप में विकसित कर दिया गया। पचमढ़ी आज भी II कैंटोनमेंट की श्रेणी में आता है, जो 1872 में विकसित किया गया था।
मध्य प्रदेश के बाकी स्थलों के साथ पर्यटक यहां भी आना पसंद करते हैं। पहाड़ी हरियाली से भरा यहां का पूरा इलाका काफी रमणीय अनुभव कराता है। इसके अलावा यह पहाड़ी स्थल काफी पुरातात्विक महत्व भी रखता है। आप यहां परिवार या दोस्तों के साथ भ्रमण के लिए आ सकते हैं।