अगर आप इस वीकेंड दिल्ली से कहीं बाहर पर पास ही प्रकृति की गोद में समय बिताना चाहते हैं, तो कर लीजिए तैयारी रेणुका झील के लिए। दिल्ली में गाड़ियों से खचाखच भरी सड़कों और शॉपिंग मॉलों में भरी भीड़ से बिल्कुल दूर, योजना बनाइए रेणुका झील की यात्रा की।
चलिए हम आपको बताते हैं कि, क्यूँ इस वीकेंड आप रेणुका झील की यात्रा पर जाएं?
घाटियों के बीच स्थित रेणुका झील
Image Courtesy: Harvinder Chandigarh
रेणुका झील हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में नाहन से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 672 मीटर की ऊँचाई पर स्थित3214 मीटर की परिधि के साथ रेणुका झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील के रूप में जानी जाती है। झील का नाम भगवान परशुराम जी की माँ रेणुका देवी के नाम पर पड़ा है।
रेणुका झील के किनार स्थापित रेणुका मंदिर
Image Courtesy: Harvinder Chandigarh
घाटियों के बीच बसे इस झील और झील के किनारे स्थापित रेणुका जी का मंदिर, दोनो ही मिलकर एक अद्भुत दृश्य बनाते हैं। मंदिर परिसर में परशुराम जी के नाम का एक सुंदर सरोवर, मंदिर की खूबसूरती को और बढ़ता है। इस जगह के दृश्य का अनुभव लेने लोग खुद से ही ड्राइव कर दूर-दूर से आते हैं। यहाँ पहुँचने के बाद आपकी रास्ते की सारी थकान भाग जाएगी और यहाँ पहुँच इसके प्राकृतिक दृश्य में खो जाने को आपका उत्साह और बढ़ जाएगा।
रेणुका मंदिर का प्रवेश द्वार
Image Courtesy: Harvinder Chandigarh
इस झील और उसके किनारे पर स्थापित मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा यहाँ बहुत प्रचलित है। वह कथा कुछ इस प्रकार है, बाबा जमदग्नी, जो हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सात महान संतों में से एक थे और जो बहुत गुस्से वाले स्वभाव के माने जाते थे, ने एक बार अपने बेटे परशुराम को अपनी पत्नी और परशुराम की मां रेणुका को मार देने का आदेश दिया और एक आज्ञाकारी बेटे का परिचय देते हुए परशुराम ने अपनी मां को मार डाला। इस घटना के कुछ समय बाद पिता और पुत्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और दोनों ने रेणुका के सम्मान में इस झील का निर्माण किया।
रेणुका मंदिर
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हर साल नवंबर के महीने में यहाँ वार्षिक मेले का भव्य आयोजन किया जाता है जो 5 दिनों तक चलता है। इस मेले का आयोजन, मां रेणुका जी के घर पर उनके पुत्र भगवान परशुराम के आगमन के साथ शुरू होता है। इस पांच दिवसीय मेले के दौरान यहां देश भर से लाखों भक्त भगवान परशुराम व उनकी मां रेणुका जी के दिव्य मिलन के पवित्र अवसर को देखने के लिए आते हैं।
मंदिर परिसर में स्थित परशुराम सरोवर
Image Courtesy: Harvinder Chandigarh
यहाँ पर पर्यटकों के लिए नौका विहार की सुविधा उपलब्ध है। नौका विहार के ज़रिए पर्यटक इस झील की सुंदरता और यहाँ की शांति का आनंद लेते हैं। इस झील के पास ही एक शेर सफ़ारी और चिड़ियाघर भी है, जहाँ आपको कई तरह के जीव देखने को मिलेंगे।
यहाँ पहुँचें कैसे?
दिल्ली से इस झील तक की दूरी लगभग 315 किलोमीटर है। बस की सुविधा यहाँ तक के लिए उपलब्ध है। बेहतर होगा कि आप कोई निजी कैब या टैक्सी बुक कर या अपनी ही गाड़ी ड्राइव कर, यहाँ तक की यात्रा करें। यहाँ तक जाने वाली सड़क बहुत सुगम है। आपको रास्ते में कोई परेशानी नहीं होगी और आपके लिए एक लॉंग ड्राइव का भी खूबसूरत अनुभव होगा।
रेणुका झील में नौका विहार की सुविधा
Image Courtesy: Harvinder Chandigarh
अन्य आकर्षक केंद्र:
रेणुका झील तक की यात्रा के दौरान आपको और भी आकर्षक केंद्र मिलेंगे, जहाँ की यात्रा करना आपके लिए एक खूबसूरत अनुभव होगा। नाहन, करनाल, गिरी नदी, जमता हिल्स आदि यहाँ के अन्य आकर्षक केंद्र हैं।
तो अब भी सोचिए मत और निकल पड़िए इस वीकेंड लॉंग ड्राइव पर इस मनोरम झील की यात्रा का मज़ा लेने।
'आपकी यात्रा मंगलमय हो!'
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