नेचर लवर्स और एडवेंचर के शौकीनों को हमेशा ही उत्तराखंड की भूमि ने अपनी सुंदरता की तरफ आकर्षित किया है| अपनी नैसर्गिक सुंदरता, एडवेंचर स्पोर्ट्स, ऊंची ऊंची पहाड़ियों, हरे भरे वनों और प्रचुर वन्य जीवन के चलते उत्तराखंड ने हमेशा से ही देश के अलावा विदेशों से भी आने वाले पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। आज अपने इस आर्टिकल में हम बात करेंगे उत्तराखंड के सबसे बेहतरीन हिल स्टेशनों में शुमार अल्मोड़ा की।
सुयाल और कोसी नदी के बीच 5 किमी लंबी घोड़े की पीठ के आकर की पहाड़ी पर बसा अल्मोड़ा कुमाऊं क्षेत्र का बेहद चर्चित हिल स्टेशन है। ये उत्तराखंड का एक ऐसा हिल स्टेशन है जहांआप को साल के सभी सीजनों में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिलेगी। हरे भरे सुंदर जंगलों से घिरा यह शहर समुद्र तल से 1651 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
ज्ञात हो कि यहां चंद वंश और कत्यूरी वंश ने 15वीं और 16वीं शताब्दी में शासन किया था आज भी आप यहां के भवनों में इन दो राजवंशों के वास्तु की झलक आप देख सकते हैं। अल्मोड़ा की पहाड़ियों से पर्यटक हिमालय की बर्फ से ढंकी चोटियों का विहंगम नजारा अवश्य देखें, ये एक ऐसा नज़ारा है जो आने वाले किसी भी पर्यटक का मन मोह सकता है। तो अब देर किस बात की आइये इस आर्टिकल के जरिये जानें अल्मोड़ा में क्या क्या देख सकते हैं आप।
Read : नार्थ इंडिया की इन तस्वीरों को सिर्फ देखने मात्र से ही उड़ जाएंगे आपके होश
बिनसर वन्यजीव अभयारण्य
बिनसर वन्यजीव अभयारण्य 45.59 वर्ग किमी में फैला बिनसर वन्यजीव अभयारण्य यहां का प्रमुख पर्यटन स्थल है। अल्मोड़ा शहर से 30 किमी में बना यह अभयारण्य समुद्र तल से 900 मीटर से लेकर 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह जगह तेंदुआ, कस्तूरी मृग, जंगली बिल्ली, चितराला, लोमड़ी, लंगूर, बंदर, साही, उड़ने वाली गिलहरी, भौंकने जैसी आवाज निकालने वाले हिरन के अलावा कई जीवों के लिए प्राकृतिक आवास की तरह है।
ब्राइट एंड कॉर्नर
ब्राइट एंड कॉर्नर से सूर्योदय, सूर्यास्त और चांद के निकलने का जादुई नजारा देखा जा सकता है। अल्मोड़ा से 2 किमी दूर स्थित यह जगह बेहद चर्चित पर्यटन स्थल है। यहां से बर्फ से ढकी चोटियों के पीछे से सूरज को निकलते और फिर बर्फीली चोटियों के आगोश में सूरज को समाते देखना जिन्दगी में कभी न भूलने वाला अनुभव साबित होता है। इस जगह का नामकरण राजा ब्राइटन के नाम पर किया गया है और यहां से ही माल रोड की शुरुआत होती है।
लाल बाजार
शॉपिंग की दृष्टि से लाल बाजार अल्मोड़ा का सबसे पसंदीदा स्थान है। यहां कई किस्म की स्वादिष्ट मिठाइयों के अलावा तांबे और पीतल से बनी चीजें उचित मूल्यों पर मिलती हैं। खरगोश के बाल से बने ऊनी कपड़े यहां का मुख्य आकर्षण हैं। यह कपड़े काफी मुलायम और गर्म होते हैं और खरगोश की एक ख़ास नस्ल से बनाई जाती है। धातु के बर्तन और सजावट के सामान भी यहां खूब मिलते हैं।
चित्तई मंदिर
चित्तई मंदिर चैती मंदिर के नाम से प्रसिद्ध चित्तई मंदिर अल्मोड़ा से 6 किमी दूर है। यह मंदिर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणकि भगवान और शिव के अवतार गोलू देवता को समिर्पत है। ऐसी मान्यता है की इस मंदिर का निर्माण चंद वंश के एक सेनापति ने 12वीं शताब्दी में करवाया था। पहाड़ी पर बसा यह मंदिर चीड़ और मिमोसा के घने जंगलों से घिरा हुआ है। हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं।
जिन लोगों को अदालत से न्याय नहीं मिलता है, वो अपने अदालती दस्तावेज को इस मंदिर की दीवार पर चिपका कर भगवान से न्याय की गुहार लगते हैं। जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती है वे यहां बकरे की बलि चढ़ाते हैं। चित्तई मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटक बस या टैक्सी का सहारा ले सकते हैं।
नंदा देवी मंदिर
कुमाऊं क्षेत्र के पवित्र स्थलों में से एक नंदा देवी मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है। इस मंदिर का इतिहास 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। कुमाऊंनी शिल्पविधा शैली से निर्मित यह मंदिर चंद वंश की ईष्ट देवी को समिर्पत है। इसका निर्माण शिव मंदिर के बाहरी दलान पर किया गया है। यहां एक मुकुट भी है, जो इसकी ख़ूबसूरती को और भी बढ़ा देता है।
इस तीर्थ स्थान की दीवार पर पत्थरों पर उकेरी गई कलाकृतियां बरबस ही हमारा ध्यान खींच लेती हैं। हर साल सितंबर के महीने में यहां नंदा देवी मेल का आयोजन किया जाता है और इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
कैसे जाएं अल्मोड़ा
अल्मोड़ा आने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो देश के सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन के माध्यम से जुड़ा है।काठगोदाम आकर आप टैक्सी ले सकते हैं जो आपको अल्मोड़ा तक ले जायगी| वायु मार्ग द्वारा भी अल्मोड़ा जाया जा सकता है। पंतनगर हवाई अड्डा अल्मोड़ा का निकटतम हवाई अड्डा है जो अल्मोड़ा से 108 किलोमीटर दूर है| बस के माध्यम से भी आप यहां आसानी से पहुँच सकते हैं।