भारत एक ऐसा देश जहां पर कई राजाओं और बादशाहों का राज रहा है और इस वजह से इनके शासन काल के दौरान बनवाए गए अनेक ऐतिहासिक स्थल भारत में स्थित हैं। प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा ये ऐतिहासिक स्थल और भी कई वजहें हैं जो इन्हें पर्यटकों के बीच पॉपुलर बनाती हैं। देश की प्रत्येक ऐतिहासिक इमारत की स्थापना की अपनी एक अलग कहानी है। यहां आकर इन इमारतों को देखकर आप खुद इनके इतिहास के रूबरू होंगें।
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भारत में ऐतिहासिक स्थलों और खूबसूरत इमारतों की कोई कमी नहीं है और इसी वजह से ज्यादातर पर्यटक भारत आना पसंद करते हैं। ताज महल, कुतुब मीनर, राजस्थान के किले और स्वर्ण मंदिर के अलावा और भी कई स्थल हैं जिनके बारे में लोगों को कम पता है। इन कम लोकप्रिय जगहों के बारे में जानकर भी आपको उतनी ही खुशी होगी जितनी की किसी लोकप्रिय इमारत को देख कर होती है।
तलातल घर
ताई अहोम वास्तुकला में बना तलातल घर संरक्षित रखे गए अवशेषों में से एक है। इसे 17वीं शताब्दी में तलातल घर द्वारा स्वर्गदेओ रुद्रा सिंह द्वारा बनवाया गया था। वह अहोम राजवंश के सबसे शक्तिशाली राजा थे। जोरहाट शहर से 60 किमी दूर रंगपुर में स्थित इस इमारत को शुरू में एक सेना आधार के रूप में बनाया गया था जो अहोम साम्राज्य की शक्ति का प्रमाण था।Pc:Manojsahuctp
ओसैन
राजस्थान राज्य में अनेक किले और मंदिर और महल हैं जो राजस्थान आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। वहीं दूसरी ओर ओसैन रेगिस्तान के बीच मिट्टी का एक टीला है। ये छोटा सा गांव थार रेगिस्तान के चारों ओर निर्मित है। जोधपुर की इमारतों और रेत के बीच ये जगह बहुत खूबसूरत लगती है।
इस छोटी सी जगह मं एक या दो नहीं बल्कि 16 बौद्ध और जैन मंदिर स्थापित हैं जिन्हें आठवीं से बारहवीं शताब्दी के मध्य बनवाया गया था। इनमें से सबसे ज्यादा सचिया माता मंदिर, सूर्य मंदिर और महावीर जैन मंदिर आदि लोकप्रिय है। इन मंदिरों की दीवारों पर खूबसूरत कलाकृतियां और अलंकृत स्तंभ हैं जो इसे खजुराहो जैसा रूप देते हैं।Pc:Schwiki
शेट्टीहल्ली गिरजाघर
कर्नाटक राज्य में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जो अपने अदंर इतिहास की कई कहानियों को संजोए हुए है। हेमावथी नदी के तट पर बसी 200 साल पुरानी गोथिक संरचना अब पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होने लगी है।
मॉनसून के दौरान हर साल नदी पर बना बांध इमारत में डूब जाता है और गर्मी में पानी का स्तर कम होने पर ही गिरजाघर दिखाई देता है। इसे फ्रेंच मिशनरी द्वारा सन् 1800 में बनवाया गया था। इस संरचना पर पूरे साल पानी बहता रहता है और इस वजह से इमारत को काफी नुकसान भी हुआ है।Pc:Bikashrd
सैलुलर जेल
सन् 1857 से 19433 के बीच ब्रिटिशों का विरोध करने वाले कई देशभक्तों को जेल में डाला गया था। उस समय पोर्ट ब्लेयर की सैलुलर जेल में भी भारतीय देशभक्तों को कैद किया गया था।
इसे काला पानी के नाम से भी जाना जाता है। इस जेल को अब संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। यह स्वतंत्रता और भारत के औपनिवेशिक अतीत की सबसे दुखी अवशेषों में से एक है। यहां पर होने वाले लाइट और साउंट शो के ज़रिए उस समय के कैदियों की दर्दभरी कहानी दिखाई जाती है।
विक्रमशिला यूनिवर्सिटी
बहुत कम लोग जानते हैं कि प्राचीन समय में भारत में अनेक उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान भी हैं जिनमें से एक विक्रमशिला यूनिवर्सिटी है जोकि भागलपुर से 50 किमी दूर स्थित है। इस विश्वद्यालय को बौद्ध शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता था।
इस यूनिवर्सिटी में 52 कमरे हैं और इसके केंद्र में एक स्तूप भी है। इस इमारत में खुदाई में एक विशाल पुस्तकालय मिला था जोकि भारत के समृद्ध और विशाल इतिहास की पुष्टि करता है।
अमरकंटक
विंध्या और सतपुरा की पहाडियों में जंगल के बीच स्थित अमरकंटक एक मंदिर है जोकि अनूठे ज्यामितीय वास्तुशिल्प का उदाहरण है। इसे 11वीं शताब्दी में बनवाया गया था। इसके अलावा इस मंदिर के आसपास का सौंदर्य और मंदिर पर की गई नक्काशी भी खास है