हम सभी कई ऐसी जगहें घूमना पसंद करते हैं, जो पर्यटन स्थल ना होते हुए भी पर्यटन स्थल कहलाता है। हालांकि, आज तक सरकारी दस्तावेजों में भी इसकी किसी प्रकार की कोई पुष्टि नहीं है कि ये किसी प्रकार का कोई सार्वजनिक स्थल है या नहीं। अब हम बताने जा रहे हैं आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में जो पर्यटन स्थल की कैटगरी में आता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं काशी के गौरव की, काशी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की।
काशी में दिन बिताना हर किसी का सपना होता है। यहां कई ऐसे स्थल है, जो आपको सुखद अनुभव कराते हैं। लेकिन क्या आपको पता कि पर्यटन स्थल ना होते हुए भी पर्यटक इसकी ओर खींचे चले आते हैं। इसकी सुंदरता, इसकी सादगी और इसका शांत वातावरण पर्यटकों की इसकी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा यहां काशी विश्वनाथ का मंदिर भी है, जिसे नए काशी विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि बीएचयू का इतिहास करीब 100 साल पुराना है। अब हम आपको यहां की कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, जो आपको यहां आने के लिए मजबूर कर देगी।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (नवीन)
बीएचयू को सबसे खास यहां स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (नवीन) बनाता है, जो बेहद ही भव्य और आकर्षक है। इसकी ऊंचाई 252 फीट है, जो कुतुबमीनार से भी ऊंचा है। यह मंदिर प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का भी सबसे ऊंचा मंदिर है। यहां हर मौसम में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
यहां की इमारतें
बीएचयू में खूबसूरती की कोई कमी नहीं है। ऐसे में अगर यहां की इमारतों की बात की जाए तो ये भी किसी आकर्षक के केंद्र से कम नहीं है। यहां की इमारतें इंडो वर्टिका आर्किटेक्ट पर डिजाइन की गई है, जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है।
1300 एकड़ में फैला ये विवि काफी हरा-भरा है
बीएचयू का संपूर्ण क्षेत्रफल करीब 1300 एकड़ है, जो इसे एशिया के सबसे बड़े संस्थानों में से एक बनाता है। इतना ही नहीं, यहां का शांत वातावरण और यहां का हरा-भरा माहौल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के पेड़-पौधों की छाया में काफी लोग सुकून का अनुभव करते हैं।