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कर्नाटक के कुछ चुनिंदा बीच जो देते हैं राज्य के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा

By Syedbelal

अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनोखी संस्कृति के चलते कर्नाटक का शुमार भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में है। यहां पर जहां आपको एक तरफ वन्यजीवन के अलावा कई पहाड़ और झरने देखने को मिलेंगे तो वहीँ दूसरी तरफ यहां कई महत्त्वपूर्ण बीच भी हैं जो आये रोज़ राज्य के पर्यटन उद्योग में इजाफ़ा कर रहे हैं। आपको बताते चलें कि कर्नाटक राज्य से होकर गुजरने वाला समुन्द्र तट 320 किलोमीटर लम्बा है जिसके अंतर्गत राज्य के कई अहम बीच आते हैं।

नारियल और पाम के पेड़, हल्की गर्मी, साफ़ नीला आसमान , सामने बहता हुआ शांत समुन्द्र और उसी समुंद्र के किनारे कर्नाटक राज्य के कुछ चुनिंदा सीफ़ूड ये सब वो बातें हैं जिसने हमेशा से ही बीच के शौकीनों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। कर्नाटक के इन बीचों पर आप आइये और हम आपसे वादा करते हैं कि यहां आने के बाद आपकी यात्रा कहीं से बेकार नहीं जायगी।

तो अब देर किस बात की आइये जानें कर्नाटक के कुछ चुनिंदा बीचों के बारे में। ये बीच ऐसे हैं जो बार बार आपको प्रेरित करेंगे वहां जाने के लिए।

मालपे

मालपे

मालपे समुद्र तटों का एक शहर है जो मंदिरों के शहर उडुपी से सिर्फ छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्राकृतिक बंदरगाह और कर्नाटक समुद्र तट का मछली पकड़ने का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। मालपे में लोगों का पसंदीदा स्थान मालपे समुद्र तट है। मालपे समुद्र तट स्वच्छ वातावरण और भोजन के स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों के स्टालों के कारण स्थानीय रूप से लोकप्रिय है। इस समुद्र तट में बहुत बार सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस समुद्र तट की सैर करने वाले पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

सेंट मैरी द्वीप

सेंट मैरी द्वीप

सैंट मेरी आइलैंड कर्नाटक में कोकोनट आइलैंड के नाम से जाना जाता है। ये द्वीप चार छोटे द्वीपों का समूह है जो उडुपी के मालपे सी कोस्ट में पड़ता है। बेसाल्ट लावा गठन यहां के द्वीपों को एक सबसे अनूठा दृश्य प्रदान करता है। इस द्वीप की एक विशेषता ये भी है कि इसे भारतीय भू वैज्ञानिकों ने भी एक विशेष दर्जा देते हुए इसे छब्बीस महत्त्वपूर्ण जगहों में शामिल किया है। बताया जाता है कि पुर्तगाली नाविक वास्को डा गामा केरल के कप्पड़ जाने से पहले यहां रुका था। ये एक बहुत ही शांत स्थल है।

कारवार

कारवार

कारवार, भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर, गोवा जिले से सिर्फ 15 किमी. की दूरी पर स्थित है और यह कर्नाटक की राजधानी बंगलौर से 520 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह उत्‍तर कन्‍नड़ जिले का जिला मुख्‍यालय है और यहां 15 वीं सदी के बाद से जीवंत व्‍यापार किया जाता रहा है। कारवार एक प्राकृतिक बंदरगाह है जहां केरल के मसालों का खजाना भी अधिकांश: मात्रा में पाया जाता है। यह भारतीय नौसेना का प्रमुख हिस्‍सा है। कारवार के काफी पास, काली नदी स्थित है जो अरब सागर से जुड़ती है।

मरावंते

मरावंते

प्राकृतिक सुंदरता को करीब जाकर निहारने वालों के लिए मरावंते एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। यहां जहां एक तरफ आपको अरब सागर के दर्शन होंगे तो वहीं दूसरी ओर आप सुपर्णिका नदी से भी रू-ब-रू हो सकेंगे। यदि आप चाहे तो यहां कोड़ाचारी की पहाड़ियों में ट्रैकिंग भी कर सकते हैं। यहां आपको वो सब देखने को मिलेगा जिसकी कल्पना शायद आपने सपनों में ही की होगी।

गोकर्ण

गोकर्ण

गोकर्ण एक तीर्थ स्‍थल है जो कर्नाटक के उत्‍तर कन्‍नड़ जिले में स्थित है और यह स्‍थान पर्यटकों के बीच एक सुंदर तट है। यह स्‍थान, दो नदियों अग्निशिनि और गंगावली के संगम पर स्थित है। गोकर्ण, आजकल तेजी से एक पर्यटन स्‍थल के रूप में उभर रहा है और यहां पर कई सुंदर तट है जो देखने में गोआ के तटों जैसे लगते है। यहां का कुडेल तट, गोकर्ण तट, हॉफ मून तट, पैराडाइज तट और ओम तट यहां के पांच प्रमुख तट है जो पर्यटकों का मन मोह लेते है।

मुरुडेश्वर

मुरुडेश्वर

यहां जैसे ही आप बीच पर पहुंचेंगे आपको भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति के दर्शन होंगे। इस मूर्ति का शुमार विश्व में भगवान शिव से जुडी विशाल मूर्तियों में किया जाता है। यहां का बीच एक बेहद ही शांत बीच है जहां से आप विशाल समुन्द्र को आसानी से देख सकते हैं।

कौप

कौप

उडुपी से 12 किलोमीटर दक्षिण में जब आप जाएंगे तो वहां आपको कौप बीच मिलेगा। यहां एक 100 फ़ीट ऊंचा लाइट हाउस है जहां से विशाल समुन्द्र की महिमा देखते ही बनती है। इस बीच को कौप और कापू बीच जैसे नामों से भी जाना जाता है।

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