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स्टील के अलावा क्या है झारखंड के बोकारो में एक ट्रैवलर और टूरिस्ट के लिए

By Syedbelal

किसी समय बिहार के अंतर्गत आने वाला और वर्तमान में झारखंड के सबसे प्रमुख शहरों में शुमार बोकारो सन् 1991 में स्थापित झारखण्ड राज्य का एक जिला है। समुद्रतल से 210 मीटर की ऊँचाई पर बोकारो छोटानागपुर के पठार पर स्थित है। शहर मुख्यतः घाटियों और धाराओं से बना है। ज्ञात हो कि बोकारो भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में से एक है। बोकारो की सबसे प्रमुख बात यहाँ का स्टील प्लांट है जो पूरे एशिया में सबसे बड़ा है। जाना माना पर्यटक स्थान होने के साथ-साथ बोकारो स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया, भारत रिफ्रैक्ट्रीस लिमिटेड, हिन्दुस्तान स्टील वर्क्स कंस्ट्रक्शन, दामोदर वैली कॉर्पोरेशन जैसी कई प्रमुख कम्पनियों के लिये केन्द्र है।

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बोकारो यहाँ के लोगों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करता है। बात यदि पर्यटन के आयामों की हो तो पर्यटकों के रोमांच के लिये बोकारों में कई पर्यटक आकर्षण हैं जिनमें से प्रसिद्ध औद्योगिक इकाई बोकारो स्टील प्लांट सबसे प्रमुख है। इसके अलावा बोकारो में गर्गा बाँध - एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट जो बोकारो इन्डस्ट्रीस को पानी उपलब्ध कराता है, बोकारो पुस्तकालय - एक शांत पुस्तकालय, जवाहर लाल नेहरू जैववैज्ञानिक पार्क, पुपनकी आश्रम चास, सिटी सेन्टर - एक व्यस्त बाजार क्षेत्र, राम मन्दिर सिटी पार्क, बोकारो थर्मल पावर स्टेशन जैसे कई अन्य पर्यटक स्थान भी हैं।

आइये इस लेख के जरिये जानें कि अपनी बोकारो यात्रा पर आपको वहां क्या क्या देखना चाहिए

जवाहर लाल नेहरू जैववैज्ञानिक पार्क

सन् 1989 में स्थापित जवाहर लाल नेहरू जैववैज्ञानिक पार्क विसाल क्षेत्र में फैला है और एक चिड़ियाघर है। इस पार्क में रोचक प्रकार की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। झारखण्ड का सबसे बड़ा चिड़ियाघर होने के कारण यह जैववैज्ञानिक पार्क एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। जवाहर लाल नेहरू जैववैज्ञानिक पार्क यहाँ पर बड़ी संख्या में पाये जाने वाले बिल्ली प्रजाति के अपने एशियाटिक शेरों, सफेद चीतों और रॉयल बेन्गॉल चीतों के लिये मशहूर है।

जन्तुओं और पक्षियों के अलावा इस पार्क में बच्चों के लिये क्षेत्र, मोगली एक्सप्रेस नाम की टॉय ट्रेन और मानव निर्मित झील तथा बाँध में नौकायन जैसी अन्य सुविधायें भी हैं।

बोकारो स्टील प्लांट

झारखण्ड के बोकारो जिले में स्थित बोकारो स्टील प्लांट विश्व प्रसिद्ध है और यह भारत का प्रथम स्वदेशी आन्दोलन स्यील प्लांट था। यह स्टील प्लांट देश का चौथा सरकारी स्टील प्लांट है जिसे रूस की मदद से स्थापित किया गया था और बाद में इसका विलय स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) के साथ कर दिया गया।

बोकारो स्टील प्लांट की पहली भट्टी की शुरूआत 2 अक्तूबर 1972 हुई थी। इस प्लांट में अब पाँच भट्टियाँ हैं। बोकारो स्टील प्लान्ट में हॉट रोल्ड कॉइल्स, हॉट रोल्ड प्लेट्स, हॉट रोल्ड शीट्स, कोल्ड रोल कॉइल्स और कोल्ड रोल शीट्स जैसे कई उत्पाद बनते हैं।

राम मन्दिर

बोकारो के राम मन्दिर को सन् 1967 में एक मजदूर नेता पण्डित परमानन्द त्रिपाठी द्वारा स्थापित किया गया था। अब इसका संचालन श्री राम मन्दिर ट्रस्ट द्वारा होता है और हर साल किफायती दर पर गरीब लोगों की शादियाँ करवाने के लिये जाना जाता है। मन्दिर के मुख्य आराध्य देव भगवान राम हैं लेकिन मन्दिर परिसर में ही राधा कृष्ण मन्दिर, हनुमान मन्दिर, भगवान वेंकटेश्वर मन्दिर, काली मन्दिर, शीतला मन्दिर जैसे कई मन्दिर स्थित हैं।

स्टील के अलावा क्या है बोकारो में

इन मन्दिरों के साथ-साथ यहाँ ऋषि निवास और पवित्र पुस्तकालय भी स्थित हैं। बोकारो की प्राचीनतम बाजार राम मन्दिर के पास ही स्थित है और कॉफी, समोसे, चाट और रोल्स के लिये जाना जाता है।

पुपुनकी आश्रम

पुपुनकी आश्रम धनबाद तथा बोकारो को अलग करने वाली दामोदर नदी के निकट पुपुनकी गाँव में स्थित है। यह प्रचीन आश्रम शिक्षा का मन्दिर और गुरुओं तथा उनके शिष्यों के निवास के रूप में जाना जाता है। पर्यटक इन अवशेषों को आज भी देख सकते हैं।

यह गाँव अपने विशिष्ट विश्वविद्यालय के लिये जाना जाता है जिसे अखण्ड मण्डलेश्वर श्री श्री स्वामी स्वरूपानन्द परमशा ने स्तापित किया था जिन्हें बाबामनी के नाम से भी जाना जाता है।

कैसे जाएं बोकारो

चूँकि बोकारो शहर देश के प्रमुख हिस्सों से भली भाँति जुड़ा है इसलिये पर्यटकों के लिये यहाँ पहुँचना आसान है। कोलकाता, दुर्ग, कोयम्बटूर, नईदिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, मुम्बई, लखनऊ, गुवाहाटी, अमृतसर, पटना, वाराणसी, विशाखापट्नम कुछ महत्वपूर्ण स्थान हैं जहाँ के लिये बोकारो से गाड़ियाँ उपलब्ध हैं। मुख्य रेलवे स्टेशन शहर से मात्र 12 किमी की दूरी पर है और अधिकतर मेल व एक्सप्रेस गाड़ियाँ यहाँ रूकती हैं। पर्यटक बसों द्वारा भी बोकारो पहुँच सकते हैं।

नया मोरे बोकारो का प्रमुख बस स्टेशन है जबकि सेक्टर-9 में बसन्ती मोरेदो और चास में धर्मशाला मोरे दो और बस स्टेशन हैं। इसके अलावा देश के सभी प्रमुख शहरों से बोकारो फ्लाइट के माध्यम से भी जुड़ा है।

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