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इस झील पर पक्षी-विहार के साथ लें रोमांचक दृश्यों का मजा

India biggest and world second biggest lake chilika in odisha. Find yourself best tourist places near chilika. भारत की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी समुद्री झील चिल्का। जिसका खारा पानी यहां

'मुझे थोड़ी देर चिल्‍का के चित्रपट को निहार लेने दो, फिर तो अंधेरी कोठरी में रहना ही है ' यह उस भारतीय क्रांतिकारी 'उड़िया कवि' के मुख से निकली पंक्ति है, जिसने अपनी गिरफ्तारी से पहले, खूबसूरत झील 'चिल्का' के लिए कभी कही थी।

सच में, इस झील से प्रस्फुटित होती प्राकृतिक खूबसूरती में वो ताकत है, जो हजार कष्टों को भी दूर कर दे। 'नेटिव प्लानेट' के इस खास खंड में हमारे साथ जानिए, भारत की सबसे बड़ी समुद्री झील के बारे में, जो लगभग 150,000 मछुआरों के आजीविका का मुख्य साधन है। जहां सुकून की सांस लेने के लिए प्रवासी पक्षी, भौगोलिक सीमाओं को लांघ, उड़े चले आते हैं।

पर्यटन के लिहाज से

पर्यटन के लिहाज से

PC- Vaibhavraj241

उड़ीसा स्थित 'चिल्का झील' विश्व की दूसरी सबसे बड़ी समुद्री झील है। करीब 110 वर्ग किमी में फैली यह झील, असंख्य जीव जन्तुओं व जलीय वनस्पतियों का निवास स्थान है। यहां करीब 220 से ज्यादा मछलियों की प्रजातियां मौजूद हैं। बंगाल की खाड़ी से सटी इस झील की लंबाई 70 किमी और चौड़ाई 30 किमी है। बालू से बनी कई किमी लंबी दीवारें, इस झील को समुद्र से अलग करती हैं। आप यहां जी भरकर प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं। आप झील में नौका विहार का भी आनंद ले सकते हैं। इस झील में छोटे-बड़े कई द्वीप मौजूद हैं। छुट्टियां बिताने के लिहाज से यह झील एक आदर्श विकल्प है।

पक्षी-विहार

पक्षी-विहार

PC- ARIJIT MONDAL

चिल्का अपने पक्षी-विहार दृश्यों के लिए स्वर्ग से कम नहीं। यहां पक्षियों की लगभग 160 प्रजातियां पाईं जाती है। सर्दियों के मौसम में सात-समंदर पार कर असंख्य प्रवासी पक्षी इस झील तक पहुंचते हैं। एकसाथ इतने सारे पक्षियों को देखना सच में कल्पना से परे है। बता दें कि यहां रूस, लद्दाख, मध्य एशिया , बैकाल झील आदि जगहों से रंग बिरंगे विभिन्न पक्षी उड़कर आते हैं। यह झील 14 प्रकार के शिकारी पक्षी, 152 रेयर इरावती डॉल्फिन, व 37 प्रकार के सरीसृप (रेंगनेवाला जन्तु) उभयचरों (जलथलचर) का निवास स्थान भी है।सर्दी खत्म होने से पहले जरूर लें, इस जंगल सफारी का रोमांचक अनुभव

फिशिंग के शौकीन

फिशिंग के शौकीन

PC- Tapan1706

यह अकेली झील लगभग 132 गांवों के 150,000 मछुवारों के भरण-पोषण का काम करती है। चिल्का के खारे पानी में मछलियां, झींगे, केकड़े आदि अच्छी तरह, फलते फूलते हैं। इसलिए यहां सुबह से ही मछुवारों की कतार लग जाती है, जो अपनी-अपनी नावों को लेकर निकल पड़ते हैं, अंध शिकार के लिए। मछुवारे कभी-कभी बहुत दूर का सफर तय कर लेते हैं, इस भरोसे के साथ की चिल्का उनकी रक्षा करेगी । इसलिए ये लोग इस झील को जीवनदायनी भी मानते हैं। गहरी-लंबी झील में मछुवारों को जाल फेंकते देखना भी काफी रोमांचक एहसास दिलाता है। अगर आप भी फिशिंग का शौक रखते हैं, तो यहां आकर अपना शौक पूरा कर सकते हैं।इस खूबसूरत झील के 9 कोनों में छिपा है सबसे बड़ा रहस्य

नालाबान द्वीप वन्यजीव

नालाबान द्वीप वन्यजीव

PC- Mamta Parmar

चिल्का स्थित 15 किमी वर्ग में फैला 'नालाबान द्वीप' देशी व प्रवासी पक्षियों का मुख्य निवास स्थान है, जिसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत 1973 में 'पक्षी अभयारण्य' घोषित किया गया है। यहां बदलते मौसम के दौरान हजारों प्रवासी पक्षियों को देखा जा सकता है। मानसून के दौरान पानी का स्तर बढ़ने के कारण यह द्वीप गायब हो जाता है, लेकिन मानसून के बाद यह फिर अपनी प्रारंभिक अवस्था में लौट आता है। फोटोग्राफी के शौकीन यहां ज्यादा आना पसंद करते हैं। बता दें कि नालाबन एक उड़िया शब्द है, जिसका अर्थ है ' जंगली घासों से भरा द्वीप' ।

प्रसिद्ध डॉल्फिन पॉइन्ट

प्रसिद्ध डॉल्फिन पॉइन्ट

PC - Ckpcb

चिल्का झील के पूर्वी भाग पर स्थित 'सतपाड़ा' एक प्रसिद्ध डॉल्फिन पॉइन्ट है। चिल्का घूमने आए पर्यटक यहां आना ज्यादा पसंद करते हैं। यहां आपको डॉल्फिन की कई प्रजातियों को देखने का मौका मिल सकता है। जैसे, कॉमन डॉल्फिन, इरावदी डॉल्फ़िन, बोतल जैसी नाक वाली डॉल्फ़िन, सफेद नाक वाली डॉल्फ़िन आदि। चिल्का के खारे पानी में डॉल्फ़िन को अठखेलियां करते देख बच्चों के साथ बड़े भी काफी उत्साहित हो जाते हैं। यहां आप डॉल्फ़िनों के झुंड को पानी में कूदते हुए देख सकते हैं। बता दें कि इनके संरक्षण के लिए इस पूरे इलाके में मछली पकड़ना प्रतिबंधित है।

मंगलाजोडी

मंगलाजोडी

PC- ARIJIT MONDAL

मंगलाजोडी चिल्का क्षेत्र के प्राचीन गांवों में से एक है। यह गांव मछली पकड़ने के गांव के रूप में जाना जाता है। पूर्वी तट पर बसा यह खूबसूरत गांव, कई पक्षी प्रजातियों के साथ दुर्लभ पक्षियों का मुख्य निवास है। इस मंदिर का नाम 250 वर्ष पुराने जुड़वा मंदिर 'रघुनाथ मंदिर' के नाप पर रखा गया, जो धार्मिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र है।

तारा तारिणी मंदिर

तारा तारिणी मंदिर

PC- Nibedit

तारा तारिणी मंदिर, उड़ीसा के ब्रह्मपुर शहर के करीब 29 किमी दूर, ऋषिकुल्या नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर आदि शक्ति, मां तारा और मां तारिणी को समर्पित है। भारत में, सती के 52 शक्तिपीठों में से चार को तंत्र पीठ माना जाता है, जिनमें आदि शक्ति मां तारा तारिणी मंदिर भी शामिल है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां सती के स्तन गिरे थे। मंदिर के अंदर सोने और चांदी के गहनों के साथ दो प्राचीन मूर्तियां स्थापित की गई हैं, जिन्हें आदि शक्ति के रूप में पूजा जाता है।

जगन्नाथ पुरी

जगन्नाथ पुरी

PC- Sourav.1.maity

उपरोक्त स्थानों के भ्रमण के बाद आप पुरी के जगन्नाथ मंदिर में माथा टेकना न भूलें। भारत के चार प्रमुख धामों में एक है, 'जगन्नाथ पुरी'। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई तीन दिन और तीन रात तक यहां रूक जाए तो वो जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति पा लेता है। यह मंदिर संपूर्ण विश्व के कर्ता-धर्ता भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बदभद्र को समर्पित है। यह मंदिर धार्मिक लिहाज से बहुत मायने रखता है। यहां प्रतिवर्ष नवंबर माह के आरंभ में, रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। जिसे देखने के लिए देश-विदेश में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

कैसे पहुंचे चिल्का

कैसे पहुंचे चिल्का

PC- Dibyendutwipzbiswas

आप चिल्का झील, तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं, यहां का नजदीकी हवाई अड्डा भुवनेश्वर है, जिसकी दूरी चिल्का से लगभग 95 किमी है। रेल मार्ग के लिए आप चिल्का रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं, जो भारत के कई अहम शहरों से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग के लिए आप राष्ट्रीय राजमार्ग 5 का सहारा ले सकते हैं, जो भुवनेश्वर से जुड़ा हुआ है।

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