कुक्के सुब्रमण्या मंदिर कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित है। ये दक्षिण भारत के सबसे लोकप्रिय शहरों में से एक है। यहां पर स्थित कुक्के सुब्रमण्या मंदिर भगवान सुब्रमन्या को समर्पित है जोकि भगवान शिव के पुत्र हैं। इसे देवताओं की सेना के कमांडर के रूप में जाना जाता है।
दिवाली2017: तस्वीरों में निहारे अयोध्या की ऐतिहासिक दीवाली
ये मंदिर कुमार पर्वत की तलहटी में स्थित है। इस पर्वत पर ट्रैकर्स की भीड़ लगी रहती है एवं यह कर्नाटक के सबसे कठिन ट्रैक में से एक है। मंदिर के पास हीर कुमारधरा नदी भी बहती है।
कैसे पहुंचे
वायु मार्ग द्वारा : यहां से 115 किमी दूर स्थित मैंगलोर इंटरनेशन हवाई अड्डा निकटतम एयरपोर्ट है। इस एयरपोर्ट पर देश के मुख्य शहरों और विदेशों से फ्लाइट आती हैं।
रेल मार्ग द्वारा : मैंगलोर, बैंगलोर और देश के प्रमुख शहरों से सुब्रमन्या रोड रेवले स्टेशन जुड़ा हुआ है। यहां से इस स्टेशन की दूरी 12 किमी है।
सड़क मार्ग द्वारा : सड़क द्वारा कुक्के सुब्रमन्या पहुंचना सबसे बेहतर माना जाता है। कुक्के राज्य में इस जगह के लिए नियमित बसें चलती हैं।PC:karthick siva
कुक्के सुब्रमन्या
जाने का सही समय : अक्टूबर से मार्च
ड्राइविंग निर्देश
ड्राइविंग,बेंगलुरू से कुक्के की दूरी 279 किमी है। यहां से तीन रूट बनते हैं जो इस प्रकार हैं :
पहला रूट : बेंगलुरु - नेलामंगला - कुंगल - यदीयूर - हसन - सकलेशपुर - बनदाडका से कुक्के सुब्रह्मन्या - बेंगलुरु रोड़
दूसरा रूट : बेंगलुरु - रामनगर - चन्नापटना - मंड्या - चन्नारायपट्टाना - हसन - सकलेशपुर - राष्ट्रीय राजमार्ग 275 और बनदाडका से कुक्के सुब्रमन्या - बेंगलुरु रोड
तीसरा रोड : बेंगलुरु - रामनगर- चन्नापटना- मंड्या - हंसुर - कुशलनगर - मदीरी - एनएच 275 से कुक्के सुब्रमन्या
तीन रूट
अगर आप पहले रूट से जाते हैं तो आपको बनादाड़क से बेंगलुरू रोड़ होकर 5 घंटे में कुक्के पहुंच सकते हैं। इस रूट पर हसन और सकलेश्पुर पड़ेंगें।
280 किमी लंबे इस रास्ते में सड़क व्यवस्था काफी दुरुस्त है।
वहीं दूसरे रूट पर आपको 332 किमी की दूरी तय करने में 7 घंटे का समय लगेगा। इस रूट पर एनएच 275 से 327 किमी का सफर तय करने में साढ़े सात घंटे लग सकते हैं।
वीकेंड पर आप कुक्के के लिए ट्रिप प्लान कर सकते हैं। शनिवार की सुबह निकलते हैं तो एक या आधे दिन में आप बेंगलुरू से कुक्के पहुंच जाएंगें। रविार की सुबह या दोपहर को आप वापस बेंगलुरू आ जाएंगें।
PC:Lnvsagar
नेलमंगला और हसन में कहां रूकें
बेंगलुरू में ट्रैफिक से बचने के लिए आपको सुबह जल्दी निकलना पड़ेगा। हाईव पर पहुंचकर आपको खाने के लिए कई विकल्प मिल जाएंगें।
आप चाहें तो रास्ते में नेलामंगला रूक कर नाश्ते में गर्मागरम डोसा खा सकते हैं। इससे आपको खूब एनर्जी मिलेगी और फिर इसके बाद आप हसन में लंच कर सकते हैं।
नेलामंगला से कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों से होकर गुज़रना आपको तरोताज़ा कर देगा।PC:karthick siva
हसन
होयसला राजवंश का राज हसन में हुआ करता था। इस जगह को देची हस्सानांबा पर ये नाम दिया गया है। वह इस शहर की संरक्षक देवी हैं। इस शहर में बेलूर, हालेबिदु, रावणबेलगोला जैसे कई पुरातात्विक स्थल हैं।PC: Shiva Shenoy
कुक्के सुब्रमण्या मंदिर
कुमारधरा नदी के तट पर स्थित है कुक्के सुब्रमन्या। ये जगह धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ पर्यटकों के बीच भी बहुत मशहूर है।
इस जगह पर कई प्राकृतिक स्थल जैसे कुमार पर्वत आदि हैं। इस पर्वत पर बेहद सुंदर मंदिर स्थापित है जोकि इस क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य में इज़ाफा करता है।PC:karthick siva
कुक्के सुब्रमण्या मंदिर
कर्नाटक के सात मुक्ति स्थलों में से एक है कुक्के सुब्रमन्या मंदिर। किवदंती है कि राक्षस तारक और शूरपदमासुर का वध करने के बाद भगवान सुब्रमन्या अपने भाई भगवान गणेश के साथ कुमार पर्वत पर आए थे और यहां पर इंदिरा ने उनका स्वागत कर अपनी पुत्री का विवाह भगवान सुब्रमन्या से करवाया था।PC:Raja Ravi Varma
कुमारधरा
विवाह के लिए देवताओं द्वारा कई पवित्र नदियों से जल लाकर भगवान सुब्रमन्या का अभिषेक किया गया था। इस अभिषेक का जल जहां आकर गिरा वहां पर कुमारधरा नदी बहने लगी।
इस मंदिर में नागों के देवता वासुकि की पूजा की जाती है और यहां पर सर्प दोष और सर्प श्राप से मुक्ति पाने के लिए पूजा भी की जाती है।
PC:Dinesh Valke