भारत अपने आप में अद्भुत है। यहां की संस्कृति बेशकीमती और अनूठी है। भारत में आने के बाद जहां एक तरफ आपको तरह तरह के खान पान, लोगों, संस्कृतियों और सभ्यताओं की झलक मिलेगी तो वहीं दूसरी तरफ यहां का नेचर भी आपको मोहित कर लेगा यहां के हरे भरे जंगलों और उसके अंदर वास करने वाले जानवर आपको ऐसा प्रफुल्लित करेंगे कि आप अगर उनकी खूबसूरती को भूलना भी चाहें तो नहीं भूल पाएंगे।
भारत का वन्य जीवन विविध और विशाल दोनों है। यहां के जंगलों की यात्रा पर आपको कई ऐसे दुर्लभ जीव मिलेंगे जिन्हे आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। भारत में चाहे उत्तर हो या दक्षिण या फिर पूरब या पश्चिम आप कहीं भी चले जाइये आपको कई ऐसे जीव मिलेंगे जिनको देखने के बाद आपको ये एहसास होगा की वाक़ई मदर नेचर ने हमको ऐसा बहुत कुछ दिया है जिसपर हम जितना गर्व करें उतना कम है।
चाहें कच्छ के रण में चरने वाले जंगली गधे हों या जिम कॉर्बेट में रहने वाला बाघ या केरल का नीलगिरी तहर और किंग कोबरा सब अपने में अनोखे और अद्भुत हैं। इसी क्रम में आज हम आपको अवगत करांएगे दक्षिण के एक ऐसे जीव से जिसको देखकर आप उसकी सुंदरता पर मोहित हो उठेंगे।
जी हां हम बात करने जा रहे हैं दक्षिण के जंगलों में वास करने वाली भारतीय विशाल गिलहरी या मालाबार विशाल गिलहरी के बारे में। अगर आपने दक्षिण भारत के जंगलों कि यात्रा की होगी तो आपने वहां तरह तरह के जीव जंतु देखें होंगे, हो सकता है वहां आपकी भेंट भारतीय विशाल गिलहरी से भी हुई हो। गौरतलब है कि ये जीव भारत का मूल निवासी है और गिलहरी के कुल का जीव है जो अन्य गिलहरियों के मुकाबले अधिक विशाल और दिवाचर प्राणी है ये गिलहरियां अपने विशाल आकार के बावजूद पूर्णतः शुद्ध शाकाहारी होती हैं । इन गिलहरियों का औसत आकार 36 सेंटीमीटर और वज़न लगभग 2 किलो के आस पास होता है।
दक्षिण में कहां कहां देख सकते हैं ये गिलहरियां
यूं तो दक्षिण के वनों में देखने के लिए बहुत कुछ है, इन वनों में आप कई अनोखे जीवों को एक साथ देख सकते हैं। इन वनों में आपको जहां एक तरफ खूंखार बाघ मिलेगा तो वहीँ दूसरी तरफ विश्व का सबसे जहरीला सांप किंग कोबरा भी यहां मौजूद है। परन्तु जैसा कि यहां हम बात इन विशाल गिलहरियों की कर रहे थे तो आपको बताते चलें कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तमिलनाडु के अलावा आप केरल के जंगलों में भी इन विशाल गिलहरियों को देख सकते हैं। तो अब यदी आपको इन गिलहरियों के दर्शन करने हैं तो आप कर्नाटक स्थित बांदीपुर नेशनल पार्क, भद्रा वन्यजीव अभयारण्य, भीमेश्वरी और केरल के वायनाड के अलावा ओडिशा की यात्रा कर सकते हैं। यहां के जंगलों की भौगोलिक स्थिति और वनस्पति की प्रचुरता के कारण ये विशाल गिलहरियां आपको यहां बहुतायत में मिलेंगी।
इन गिलहरियों को देखने का सबसे अच्छा समय
वैसे तो जाड़े का मौसम छोड़ कर साल भर आपको ये गिलहरियां दक्षिण के इन जंगलों में दिखेंगी। यदी आप बरसात के दौरान दक्षिण जा रहे हैं तो हो सकता है कि अत्याधिक बारिश के चलते और फिसलन भरे रास्तों के कारण आप इन जीवों को न देख सकें तो बेहतर है कि गर्मियों के दौरान इन सुन्दर जीवों को देखने का प्लान बनाएं। सितम्बर से मार्च इन गिलहरियों को देखने का सबसे अच्छा समय है।
कैसे जाएं इन वनों की यात्रा पर
आप रेल सड़क और वायु मार्ग से आसानी से दक्षिण भारत के प्रमुख शहर जैसे बैंगलोर, मैंगलोर, मैसूर, चेन्नई, हैदराबाद और त्रिवेंद्रम पहुँच सकते हैं। यहां पहुँचने के बाद आप सड़क मार्ग द्वारा कैब या बसों के माध्यम से इन प्रमुख वनों और वन्य जीव अभ्यारणों की यात्रा कर सकते हैं। इन वन्य जीव अभ्यारणों में जाने से पहले मौसम का पूरा ख्याल रखियेगा, ध्यान रहे कि आप सही मौसम में यहां जाएं।
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