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हनीमून, फोटोग्राफी,पार्टी, एडवेंचर, सिर्फ़ शौकीनों के ही लिए तो है अमेजिंग कोट्टायम

By Syedbelal

कोट्टायम, केरल का एक प्राचीन शहर है। जो भगवान की स्‍वंय की भूमि पर बने जिलों में से एक है। शहर का प्रिंट मीडिया और साहित्‍य में एक बड़ा योगदान रहा है और इसीलिए इसे सही नाम अक्षरनगरी यानि "शब्‍दों के शहर" के नाम से पुकारा गया है। कोट्टायम को अपना नाम शब्‍द कोट्ट से मिला जो एक मलयालम शब्‍द है जिसका अर्थ होता है किले के अंदर का भाग। आपको बताते चलें कि कोट्टायम के पुराने शहर को अभी भी कुन्‍नुपुरम कहा जाता है जो कि एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।

वह किला जिससे शहर को अपना नाम मिल गया उसे थालीइल कोट्ट के नाम से जाना जाता है। कोट्टायम के पूर्व में पश्चिमी घाट की सीमाएं फैली हुई हैं और कोट्टायम के पश्चिम में यादगार वेमबानाड़ झील बहती है। यह एक लुभावने परिदृश्‍य वाली शानदार जगह है।
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अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध विरासत के कारण कोट्टायम एक लोकप्रिय पर्यटन स्‍थल भी है। साल भर में हजारों पर्यटक यहां आराम करने आते हैं और केरल के भव्‍य सास्‍ंकृतिक मूल्‍यों का अनुभव करते हैं।

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तो आइये जानें कि कोट्टायम की यात्रा पर वो कौन कौन से स्थान हैं जिनको आपको जरूर देखना चाहिए। हमारा दावा है कि कोट्टायम के ये स्थान देखने के बाद आप नेचर और उसकी सौगातों से प्रेम करने लगेंगे। जानिये कोट्टायम में क्या क्या देख सकते हैं आप।

कैसे जाएं कोट्टायम

कैसे जाएं कोट्टायम

कोट्टायम, सड़क मार्ग से भली - भांति जुड़ा हुआ है। यह नेशनल हाइवे - 220 पर पड़ता है और राज्‍य हाइवे नम्‍बर 1, 9, 11, 13, 14, 15 और 32 भी इससे होकर गुजरते हैं। केएसआरटीसी बसें और प्राइवेट सेक्‍टर की कई बसें भी कोट्टायम में चलती हैं। अत: कोट्टायम केरल और आसपास के अन्‍य शहरों व राज्‍यों से अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। यदि आप चाहें तो ट्रेन और फ्लाइट के माध्यम से भी आसानी के साथ यहां पहुँच सकते हैं।

इलावीझापुनचिरा

इलावीझापुनचिरा

इलावीझापुनचिरा, दर्शकों के बीच स्थित प्रसिद्ध एक सुंदर पिकनिक स्‍पॉट है। यह छोटी पहाड़ी की गोद में फैली है जो इसे और भी आकर्षक बना देती है। यह समुद्र स्‍तर से 3200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह जगह ट्रैकर्स के बीच भी पसंदीदा है। शटर बग को पसंद करने वाले भी यहां आ सकते है और इस पहाड़ी से उगते सूरज और ढ़लते सूरज का सबसे खूबसूरत दृश्‍य देख सकते है। कोयट्टम् से पलाई की तरफ 55 किमी. यात्रा करने पर इलावीझापुनचिरा पहुंच सकते हैं।

एरुमेली

एरुमेली

कोट्टायम में स्थित एरुमेली एक खूबसूरत जहाँ होने के अलावा धर्म की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है। ये हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों के मानने वालों का एक महत्त्वपूर्ण गंतव्य है। वो लोग जो सबरीमाला की यात्रा पर जाते हैं उन्हें पहले इस स्थान से होकर गुज़ारना पड़ता है। आज एरुमेली में कई महत्त्वपूर्ण मंदिर, मस्जिद, चर्च हैं कोट्टयम् जाने पर आपको इस स्थान की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।

पनाचिकादू

पनाचिकादू

पनाचिकादू,कोट्टायम जिले में स्थित एक अन्‍य छोटा सा गांव है। यह छोटा सा सुखद गांव, कोट्टयम् और चंगानस्‍सेरी की मुख्‍य सड़क पर स्थित है। पनाचिकादू गांव, कोट्टयम् से लगभग 11 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह गांव, अपने यहां बने सरस्‍वती मंदिर के कारण खासा लोकप्रिय है। इस मंदिर को दक्षिणा मुकाम्‍बी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां साल भर पूजा की जाती है।

पुंजार पैलेस

पुंजार पैलेस

पुंजार पैलेस, पुंजार में कोट्टायम से पाला - इराट्टुपेट्टा मार्ग पर स्थित है। यह महल, केरल की समृद्ध विरासत का सबूत है। इस महल में शाही प्राचीन वस्‍तुएं, खूबसूरत मूर्तियां और पत्‍थरों पर बनी लैम्‍प आदि आज भी मौजूद हैं। आप यहां सुंदर फर्नीचर भी देख सकते हैं जिनमें द्रोनी या ट्रीटमेंट बेड़ और एक पालकी भी शामिल है।

सेंट मेरी ऑर्थोडॉक्स चर्च

सेंट मेरी ऑर्थोडॉक्स चर्च

सेंट मेरी ऑर्थोडॉक्स चर्च, कोट्टायम जिले से दो किलोमीटर दूर एक बेहद खूबसूरत चर्च है। यदि आप इस चर्च को ध्यान से देखें तो आपको मिलेगा कि जहां इस चर्च में केरल के प्राचीन वास्तु को दर्शाया गया है तो वहीँ दूसरी तरफ इसमें पुर्तगाली वास्तु का भी भरपूर इस्तेमाल हुआ है। इस चर्च की दीवारों पर आलिशान नक्काशी की गयी है मोह लेगी, ज्यादतर में बाइबल की कहानियों को दर्शाया गया है।

थझाथंगाडे जुमा मस्जिद

थझाथंगाडे जुमा मस्जिद

थझाथंगाडे जुमा मस्जिद, एक विरासत क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध है और कोट्टायम के पास एक छोटे से टाउन थझाथंगाडे में स्थित है। यह मस्जिद काफी प्राचीन है जो कई सहस्राब्‍दी से मौजूद है। लगभग हजार साल पुरानी यह मस्जिद भारत में स्‍थापित पहली मस्जिद है। थझाथंगाडे जुमा मस्जिद, अपनी भव्‍य वास्‍तु डिजायन के लिए विख्‍यात और लकड़ी पर की गई कठिन नक्‍काशी के लिए प्रख्‍यात है। इस मस्जिद को अक्‍सर ताज जुमा मस्जिद के नाम से भी पुकारा जाता है। यह कहा जाता है कि मस्जिद के संस्‍थापक केरल के विभिन्‍न क्षेत्रों से पधारे थे।

थिरूनक्‍करा महादेव मंदिर

थिरूनक्‍करा महादेव मंदिर

थिरूनक्‍करा महादेव मंदिर, भगवान महादेव को समर्पित है जिसे 16 वीं शताब्‍दी के शुरूआत में राजा थेक्‍कूमकुर के द्वारा बनवाया गया था। यह कोयट्टम् के मुख्‍य शहर में स्थित है। यह मंदिर केरल शैली में बना हुआ है। इस मंदिर का कुथामबलम अपनी डिजायन के लिए प्रसिद्ध है। कुथामबलम, इस मंदिर का उचित साउंड प्रभाव वाला थियेटर है जहां पारंपरिक कलाओं और नृत्‍य शैलियों का प्रर्दशन किया जाता है। इस शिव मंदिर की दीवारें भित्ति चित्रों से सजी हुई हैं जो महाकाव्‍यों की कहानियों का वर्णन करती हैं।

वेम्बनाड झील

वेम्बनाड झील

वेम्बनाड झील या वेम्बनाड कयाल, जिस पर कुमारकोम द्वीपों के समूह के रूप में स्थित है, अपनी सुरम्य आकर्षक और प्राचीन जल क्षेत्रों द्वारा पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह केरल की सबसे बड़ी और देश की सबसे लम्बी झील है। यह झील पूरे जिले के पार फैली है और पुन्नामुडा कयाल और कोच्चि झील के नाम से भी जानी जाती है। दुनिया भर में झील, इसपर ओणम के दौरान आयोजित होने वाली वार्षिक नौकादौड़ (नेहरू ट्रॉफी बोट रेस) के लिये प्रसिद्ध है।

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