लद्दाख जहाँ विशाल पर्वत बादलों से बातें करते हैं, वहीं दूसरी ओर रहस्यमय झील छुपी हुई खूबसूरती का प्रतिबिंब हैं। लद्दाख का यह जादू, खूबसूरती में रमने वाले लोगों को एक अलग ही अंजान दुनिया में आमंत्रित करता है। लद्दाख की पहली जानकारियों को आगे बढ़ाते हुए चलिए हम आपको लद्दाख के और भी कुछ अनसुने तथ्यों के बारे में बताते है!
इसे भी देखें: लद्दाख की खुश कर देने वाले दिलचस्प तथ्य- भाग 1
पान्गोंग त्सो झील
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सबसे ऊँचा खारे पानी का झील
रहस्यमय पान्गोंग त्सो झील दुनिया का सबसे ऊँचा खारे पानी का झील है।
भारत का सबसे ठंडा क्षेत्र:
पाकिस्तान बॉर्डर के पास कारगिल में बसा द्रास भारत का सबसे ठंडा क्षेत्र है। द्रास जिसे लद्दाख का द्वार भी कहा जाता है, ट्रेकर्स के लिए सबसे प्रसिद्ध बेस कैंप भी है।
द्रास
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प्रमुख सीमाएँ:
जैसा की पहले भी बताया गया है, लद्दाख एक प्रमुख व्यापारिक मार्ग भी हुआ करता था क्युंकी इसकी सीमाएँ तिब्बत, चीन, बलतिस्तान(पाकिस्तान सीमा) और कश्मीर की पहाड़ियों से मिलती हैं।
सबसे उँचा पठार
लद्दाख, कश्मीर की घाटी का सबसे उँचा पठार है। इसे उँचें पहाड़ों से गुज़रने का रास्ता भी कहा जाता है।
लेह-मनाली हाइवे
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खगोल विज्ञान का आदर्श
उँची पहाड़ियों से गुज़रने वाला रास्ता खगोल विज्ञान के अनुसंधान की जगह है। इसलिए लद्दाख एक प्रसिद्ध खगोलीय वेधशाला की तरह भी कार्य करता है।
बेली ब्रिड्ज
5602 किलोमीटर की उँचाई पर स्थित बेली ब्रिड्ज को दुनिया का सबसे उँचा ब्रिड्ज(पुल) कहा जाता है। इसे भारतीय सेना द्वारा सन् 1982 में सुरू नदी और द्रास नदी पर बनाया गया था।
त्सो-मोरीरी झील
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विशालतम त्सो-मोरीरी
त्सो मोरीरी झील आर्द्रभुमि संरक्षण रिज़र्व होने के साथ साथ भारत का सबसे उँचाई पर स्थित सबसे विशाल झील भी है।
सबसे उँचाई पर मानव बस्ती
सुरू घाटी पर स्थित रैंगडम को सबसे उँचा मानव बस्ती कहा जाता है। कोरज़ोक क्षेत्र को भी दुनिया के सबसे उँचाई पर बसा क्षेत्र माना गया है।
थिक्से मठ
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लद्दाख कैसे पहुँचें?
लद्दाख भारत के बाकी क्षेत्रों से काफ़ी दूर है।
कुशोक बकुला रिम्पोची हवाईअड्डा, लेह का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है।
हवाई यात्रा: आप दिल्ली, श्रीनगर या जम्मू से अपनी हवाई यात्रा लेह तक कर सकते हैं। फिर वहाँ से सड़क यात्रा द्वारा लद्दाख पहुँचा जाता है।
सड़क यात्रा: बहुत सारी बसें श्रीनगर से उपलब्ध हैं। श्रीनगर से जाने वाला यह रास्ता कारगिल से होकर गुज़रता है। यह लगभग 434 किलोमीटर की दूरी पर है और यह रास्ता जून से नवंबर तक खुला रहता है।
लद्दाख में घूमने के लिए सही होगा की आप कोई निजी गाड़ी बुक कराएँ, हालाँकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी उपलब्ध हैं पर बस कुछ खास जगहों के लिए और कुछ निर्धारित समय पर ही।
तो तैयार हो जाइए रोमांच भरे रहस्यमय लद्दाख के सफ़र के लिए।
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