जाम रावल ने 1540 ई. में जामनगर शहर को नवानगर रियासत की राजधानी के रूप में बसाया था। यह शहर रणमल झील के इर्द-गिर्द बसा है तथा रंगमती और नागमती नदियों के संगम पर स्थित है। बहुत समय पहले, जामनगर मछली पकड़ने के लिए एक छोटे मोती के रूप में प्रसिद्ध था। जामनगर को बाद में सन् 1920 में महाराजा कुमार श्री रणजीत सिंहजी ने इस शहर को नए ढंग से बसाया तब इसका नाम जामनगर 'जामों का शहर' रखा। वे यूरोपीय वास्तुकला से बहुत प्रभावित थे और उन्होंने यूरोपीय शैली के अनुसार इस शहर को बनाया।
तो चलिए सैर करते हैं गुजरात के पुरातन और नवनीकरण वाले इस शहर की। जामनगर में प्राकृतिक उपवनों का और अभयारण्यों का एक विशाल भंडार है। भारत का एक मात्र समुद्री अभयारण्य, मरीन नेशनल पार्क, जामनगर के निकट, पिरोटन द्वीप की प्रवाल शैलमाला पर स्थित है। जामनगर में चार प्रसिद्ध संगमरमर के बने जैन मंदिर हैं: वर्धमान शाह मंदिर, रायसी शाह मंदिर, शेठ मंदिर, और वासुपूज्य स्वामी मंदिर हैं। इसके अलावा बहुत कुछ है पर्यटकों के लिए जामनगर में।
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सोलेरियम- यह टावर प्राकृतिक उपचार का केंद्र है। इसे रणजीत इंस्टिट्यूट ऑफ पोली रेडियो थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस में विनाश हुए दो समान सोलेरियम के बाद यह शायद दुनिया का एक मात्र सोलेरियम है। सोलेरियम में कांच से निर्मित कमरें हैं जो धूप के स्वस्थ अनावरण के लिए बनाए गए हैं। सोलेरियम एक घूमनेवाला बुर्ज है जो पूरा दिन धीर धीर घूमता रहता है तथा त्वचा रोगों, गठिया और टीबी से परेशान लोगों के रोगों को ठीक करता है।
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लाकोट फोर्ट ऑफ कोटा बुर्ज- पुराने जाम नगर शहर में स्थित लाकोट फोर्ट और कोटा बुर्ज प्राचीन स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने हैं। एक द्वीप पर लखौटा तालाब के बीच लखौटा महल स्थित है। यह लखौटा मीनार के रुप में भी जाना जाता है, जो दुर्लभ संग्रह और कलाकृतियों के एक अजायबघर में तबदील हो गया है। जाम रणमलजी के आदेश पर, सूखे से राहत पाने के लिए इस मीनार का निर्माण किया गया, जब साल 1834, 1839 और 1846 में इस क्षेत्र में बारिश नहीं हुई। इस संग्रहालय में 9 वीं और 18 वीं सदी के कला के नमूने और करीबी मध्ययुगीन गांवों की कविताएं मौजूद हैं।
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कैसे जाएँ-
सड़क मार्ग द्वारा- जामनगर सड़क मार्ग द्वारा गुजरात के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है। विभिन्न राज्य परिवहन तथा निजी एसी बसें राजकोट, द्वारका, पोरबंदर, अहमदाबाद, भुज, सूरत और अन्य स्थानों से नियमित रुप से जामनगर के लिए चलती हैं।
रेल मार्ग द्वारा- जामनगर रेलवे स्टेशन से अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, कोलकाता और गोरखपुर जैसे स्थानों के लिए नियमित ट्रेनों की सेवा उपलब्ध है। सौराष्ट्र एक्सप्रेस और सौराष्ट्र मेल मुंबई और जामनगर के बीच चलने वाली दो लोकप्रिय गाड़ियां हैं।
वायु मार्ग द्वारा- जामनगर हवाई अड्ड़ा शहर से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है। हर रोज घरेलू विमान सेवाओं की विभिन्न उड़ानें मुंबई और जामनगर के बीच के शहरों के लिए उड़ान भरती हैं।