सतलुज नदी के किनारे स्थित लुधियाना भारत के पंजाब राज्य का सबसे बड़ा शहर है। राज्य के केंद्र में स्थित इस शहर को दो भागों नया शहर और पुराने शहर में बांटा गया है। इसकी स्थापना 1480 में हुई और इसका नाम लोधी राजवंश के नाम पर पड़ा। अनेक अनिवासी भारतीय जो कनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया और यूएस में रहते हैं उनकी उत्पत्ति यहीं हुई है। यहाँ के स्थानीय लोगों को लुधियानवी कहा जाता है जो अपनी मेहमान नवाज़ी के लिए प्रसिद्ध है।
यदि लुधियाना तथा इसके आसपास पर्यटन के स्थान पर गौर करें और ये जानने का प्रयास करें कि यहां पर्यटन के क्या आयाम हैं तो मिलता है कि यहाँ पर्यटन के अनेक आकर्षण हैं जो कई दिनों तक यात्रियों का मनोरंजन करते हैं। लुधियाना में पर्यटन के प्रमुख आकर्षणों में गुरुद्वारा मंजी साहिब, गुरु नानक भवन, फिल्लौर किला, महाराजा रंजीत सिंह वॉर म्यूज़ियम (युद्ध संग्रहालय), गुरु नानक स्टेडियम और रख बाघ पार्क शामिल हैं।
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इसके अलावा यहाँ अनेक आकर्षक उद्यान और पार्क है जो सुबह और शाम की सैर के लिए आदर्श स्थान है। इसके अलावा अवकाश के लिए पर्यटक विभिन्न मनोरंजन उद्यानों और एक चिड़ियाघर की सैर कर सकते हैं, जो लुधियाना पर्यटन का एक हिस्सा हैं। आइये इस लेख के जरिये जानें कि ऐसा क्या है जो आपको अपनी लुधियाना यात्रा पर अवश्य देखना चाहिए।
महाराजा रंजीत सिंह वॉर म्यूज़ियम
महाराजा रणजीत सिंह युद्ध संग्रहालय की स्थापना 1999 में पंजाब सरकार ने वीर सैनिकों के लिए श्रद्धांजलि के रूप में की थी। यह जी. टी. रोड़ (लुधियाना - अमृतसर हाई वे) पर स्थित है और लुधियाना रेलवे स्टेशन से 6.7 किमी. की दूरी पर स्थित है। संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर महाराजा रंजीत सिंह की एक बड़ी मूर्ति है। मूर्ति के बाजू में प्राचीन हथियारों के साथ साथ पर्यटक आय एन एस विक्रांत का एक बड़ा मॉडल भी देख सकते हैं। संग्रहालय में लाईट और साउंड शो भी आयोजित किये जाते हैं।
गुरुद्वारा मंजी साहिब
गुरुद्वारा मंजी साहिब जिसे गुरुद्वारा अलमगीर साहिब भी कहा जाता है, लुधियाना के दक्षिण पश्चिम में लगभग 11 किमी. की दूरी पर स्थित है। मछिवारा स्थान को छोड़ने के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी कुछ समय के लिए यहाँ रुके थे। गुरूजी ने महसूस किया कि यहाँ पानी नही है। अत: उन्होनें यहाँ ज़मीन पर एक बाण मारा जहाँ से पानी का एक झरना फूटा। बाद में इस झरने को तालाब में परिवर्तित कर दिया गया जो तीरसर - बाण की झील के नाम से जाना जाता है। इसी स्थान पर स्नान करके एक वृद्ध स्त्री को कुष्ठ रोग से छुटकारा मिला था।
नेहरु रोज़ गार्डन
नेहरु रोज़ गार्डन की स्थापना 1967 में लुधियाना के हृदयस्थल में हुई थी। यह लगभग 27 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और एशिया का सबसे बड़ा रोज़ गार्डन (गुलाबों का बगीचा) है। इस बगीचे में लगभग 1600 प्रकार के गुलाबों के 17000 पौधे हैं। इसके अलावा यहाँ वार्षिक रोज़ फेस्टिवल मनाया जाता है जब दूर दूर से हजारों पर्यटक यहाँ आते हैं। इसके अलावा यहाँ कई फुहारे भी हैं जो इस बगीचे की शोभा बढ़ाते हैं। पैदल घूमने वालों के लिए यह एक तरोताज़ा कर देने वाला स्थान है और परिवार के साथ समय बिताने के लिए आदर्श स्थान है।
डियर पार्क
डियर पार्क, नीलों पिकनिक के लिए एक सुंदर स्थान है जहाँ चारों ओर हरियाली फ़ैली हुई है। इसे डियर पार्क इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ बहुत बड़ी संख्या में हिरन रहते हैं। लुधियाना से 20 किमी. दूर स्थित इस पार्क में लोग पैदल भ्रमण करने, परिवार के साथ पिकनिक मनाने या जॉगिंग करने आते हैं। इस पार्क की सैर करते हुए पर्यटक यहाँ चीतल, सांबर, साही, काला हिरन और खरगोश भी देख सकते हैं। इसके अलावा पर्यटक यहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी जैसे चहचहाने वाले छोटे पक्षी, लाल सिर का तोता और ग्रे तीतर भी देख सकते हैं।
गुरु नानक स्टेडियम
गुरु नानक स्टेडियम जिसमें लगभग 1500 लोगों के बैठने की क्षमता है, लगभग 15.4 करोड़ की लागत से बनाया गया है। इस स्थान का निर्माण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया गया है जहाँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजित किये जाते हैं। यहाँ 2001 के भारतीय राष्ट्रीय खेलों के उदघाटन और समापन समारोह का आयोजन किया गया था। इसके अलावा यहाँ फुटबॉल का एक मैदान भी है जहाँ राष्ट्रीय फुटबॉल लीग (एनएफ़एल) के मैच खेले जाते हैं।
टाइगर सफारी
जी. टी. रोड़ (लुधियाना - जालंधर हाई वे) पर स्थित टाइगर सफारी मुख्य शहर से 6 किमी. की दूरी पर स्थित है और लगभग 25 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। पर्यटक यहाँ टाइगर, काला हिरन, खरगोश, सांबर और मोर देख सकते हैं। टाइगर को चिड़ियाघर में देखने से अच्छा है उन्हें मुक्त वातावरण में देखा जाए। यह एक अलग प्रकार का अनुभव होता है। सोमवार को छोड़कर सप्ताह में बाकी दिन ये सफारी आम लोगों के लिए खुली रहती है क्योंकि सोमवार को इसकी साफ़ सफ़ाई की जाती है। पर्यटक एक बार में टाइगर सफारी, हार्डीज़ वर्ल्ड और महाराजा रंजीत सिंह संग्रहालय की सैर कर सकते हैं।
कैसे जाएं लुधियाना
फ्लाइट द्वारा : साहनेवाल हवाई अड्डा (लुधियाना हवाई अड्डा) मुख्य शहर से लगभग 12.3 किमी. की दूरी पर जी.टी. रोड़ पर स्थित है। नई दिल्ली तथा देश के अन्य प्रमुख शहरों से लुधियाना के लिए एयर इंडिया तथा अन्य प्रसिद्ध एयरलाइन्स की उड़ानें उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से लुधियाना तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रेल द्वारा : नई दिल्ली - अमृतसर रूट पर चलने वाली अनेक ट्रेनें जैसे फ्रंटियर मेल, जम्मू तवी और शताब्दी एक्सप्रेस लुधियाना स्टेशन पर रुकती हैं। लुधियाना प्रमुख भारतीय शहरों जैसे जम्मू, जालंधर, अमृतसर, पटियाला, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता से दैनिक और साप्ताहिक रेलसेवा द्वारा जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग द्वारा : लुधियाना पंजाब के अनेक प्रमुख शहरों और आसपास के राज्यों से सरकारी और निजी बसों द्वारा जुड़ा हुआ है। अमृतसर - दिल्ली ग्रांड ट्रंक रोड़ पर स्थित लुधियाना तक सभी प्रमुख शहरों जैसे अमृतसर, नई दिल्ली और चंडीगढ़ से बस द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।