पर्यटन के मामले में हिमाचल प्रदेश, देशी-विदेशी सैलानियों की यात्रा डायरी में सबसे शीर्ष पर रहता है। हर साल यहां करोड़ों की तादाद में विश्व भर पर्यटकों का आगमन होता है। हिमालय यहां की कुदरती खूबसूरती पर चार चांद लगाने का काम करता है।
हिमाचल की यात्रा विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की जा सकती है। एक प्रकृति प्रेमी से लेकर यहां एडवेंचर के शौकीनों के लिए बहुत कुछ मौजूद है। यहां की पहाड़ी घाटियां, नदी, झरने, नर्म घास के मैदान और मनमोहक आबोहाव एक शानदार अवकाश बिताने का अवसर प्रदान करते हैं। आत्मिक व मानसिक शांति के लिए यह राज्य एक आदर्श स्थल है।
इन सब के अलावा अगर आप अपनी हिमाचल यात्रा को रोमांचक बनाना चाहते हैं, तो यहां के वन्यजीव अभयारण्यों की सैर का प्लान बना सकते हैं। इस खास लेख में हमारे साथ जानिए राज्य के सोलन जिले में स्थित मजाथल वन्यजीव अभयारण्य के बारे में, जानिए यह आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
मजाथल वन्यजीव अभयारण्य
मजाथल, भारत के उन अभयारण्यों में गिना जाता है, जिसकी खूबसूरती के बारे में अधिकांश सैलानी अपरिचित हैं। इस अभयारण्य की सबसे खास बात कि यह अपने वन्यजीवन के साथ-साथ मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों को प्रदर्शित करने का काम करता है। यहां की यात्रा आपको लिए कई मायनों में खास हो सकती है। मजाथल वाइल्ड लाइफ सेंचुरी राज्य के शिमला और सोलन जिले का हिस्सा है। यह शिमला-बिलासपुर मार्ग पर स्थित है। यह अभयारण्य लगभग 39.4 वर्ग कि.मी में फैला हुआ है, जहां आप वन्य जीवन को काफी नजदीक से देख सकते हैं। यह अभयारण्य 1962 में अस्तित्व में और जिसे 1974 में पुन: वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया।
क्यों आएं मजाथल ?
मजाथल वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा आप कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। यह अभयारण्य आपको वन्यजीवन को करीब से देखने के साथ-साथ एक शांत और रिफ्रेशिंग माहौल प्रदान करता है। एक स्थल वन्यजीव उत्साही पर्यटकों के साथ-साथ प्रकृति प्रेमी और एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी काफी खास माना जाता है।
आप यहां ट्रेकिंग का भी रोमांच भरा आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा आप यहां से हिमालय पर्वतीय चोटियों के शानदार दृश्यों को भी देख सकते हैं। आत्मिक व मानसिक शांति के लिए यह स्थल काफी खास है।
वन्यजीवन और आने का सही समय
जैव विविधता के मामले में मजाथल वन्यजीव अभयारण्य एक आदर्श स्थल है, जहां आप विभिन्न हिमालय वनस्पतियों के साथ-साथ कई जीव जन्तुओं को भी देख सकते हैं, जिनमें बाघ, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, जंगली सूअर, भौकने वाली हिरण, भालू आदि शामिल हैं। इसके अलावा आप यहां विभिन्न देशी और प्रवासी पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं। वन्यजीवन को करीब से महसूस करना यह एक आदर्श स्थल है।
चूंकि यह पहाड़ी उंचाई पर स्थित है, इसलिए आप यहां किसी भी समय आ सकते हैं, यहां का मौसम सालभर खुशनुमा बना रहता है।
कैसे करें प्रवेश
मजाथल वन्यजीव अभयारण्य शिमला-बिलासपुर मार्ग पर स्थित है। अभयारण्य तक पहुंचने के लिए सैलानियों को कश्लोग से पैदल सफर तय करना पड़ता है। कश्लोग आप सोलन के किसी भी बड़े स्थल से स्थानीय परिवहन के माध्यम से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा चंडीगढ़ और दिल्ली एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप बड़ोग रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्ग से सोलन राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।