भारत ही एक ऐसा देश है जिसने संस्कृति को परिभाषित करते हुए सत्य और शिव के साथ सुन्दर भी जोड़ा है। भारतीयों का सौंदर्य-बोध अत्यंत उच्च श्रेणी का रहा है और जहाँ भी अवसर मिला है इसे समुचित तौर पर दर्शाया भी गया है। हमारे प्राचीन मंदिर तो शिल्प के जिस अद्भुत सौन्दर्य को समेटे हुए हैं उसे देखने पूरी दुनिया से लोग आते हैं। इन्हीं विभिन्न प्रकार के सौन्दर्यों के बीच स्थित है, राजस्थान का 'ओसियां'।
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ओसियां, यह नाम ही हमारी जिज्ञासा को जगाता है। सबसे बड़ी बात तो सोचने वाली यह है कि क्या यह जगह भी अपने नाम की तरह दिलचस्प है? तो हम आपको बताये देते हैं, कि इसमें कोई शक नहीं है। यह जगह आपको अंदर तक आश्चर्य से भर देगी। वास्तव में यह ऐसी जगह है जो हमें भारत के बीते युग की भव्यता की सैर कराती है। प्रांतीय राज्यों का प्रभाव इतना महान है कि वह आज आधुनिक समय में भी अपना आकर्षण साफ़ दर्शाते हैं।
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तो तैयार हो जाइये राजस्थान के ऐसी ही अनजान और ऐतिहासिक यात्रा के लिए। जोधपुर शहर से 68 किलोमीटर तक की यात्रा आपको ओसियां में ले जाएगी, थार मरुस्थल के बीचों बीच बसा एक ऐसा अंजान नगर जो अपने इतिहास को दोहराता हुआ आज भी अपनी ऐतिहासिक शान के साथ खड़ा है।
ओसियां
कभी ऐसा भी समय हुआ करता था जब आज का यह धार्मिक स्थल एक व्यापारिक केंद्र हुआ करता था। आज भी गुप्ता राजवंश का महा योगदान यहाँ देखा जा सकता है।
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ओसियां
पहले भी यह सिर्फ एक व्यापारिक केंद्र ही नहीं हुआ करता था, यह एक ऐसा स्थल था जो ब्राह्मणों और जैन धर्म के लोगों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक था।
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ओसियां
बाद में जब घोर के मुहम्मद ने यहाँ हमला किया, कई लोगों ने अपना धर्म जैन धर्म में परिवर्तित कर लिया। अब ओसियां राजस्थान के प्रमुख जैन तीर्थ स्थलों में से एक है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
ओसियां विरासत प्रेमियों और इतिहास प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं, यहाँ के सदियों से स्थापित प्राचीन मंदिर।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
यहाँ की आकर्षक वास्तुकला और शैलियाँ आपको अपनी और खींच ले जाएँगी। इन मंदिरों के ऐसे भव्य और शालीन योजना से बनाये गए रूप निश्चित तौर से राज्य के अन्य मंदिरों को कड़ी प्रतियोगिता देते है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
यहाँ की प्रभावशाली मूर्तियां जो कई अलग-अलग पौराणिक कथाओं को दर्शाती हैं हर बार पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इसलिए ओसियां को 'राजस्थान का खजुराहो' भी कहा जाता है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
गुर्जर प्रतिहार राजवंश के शासनकाल के प्रारम्भ होने के बाद ही जैन धर्म इतना प्रसिद्द हुआ। कई जैन भगवानों के बीच, ओसियां जैन धर्म के नाग देवता के लिए प्रसिद्द है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
ओसियां के नाग देवता की जैन धर्म में एक खास महत्ता है। इस प्रकार से यह प्राचीन नगर राजस्थान में जैन धर्म का एक प्रसिद्द जैन तीर्थस्थल है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
ओसियां के मंदिरों की सैर आपको और भी आश्चर्य से भर देगी, क्यूंकि यहाँ के हर एक खम्बे और दीवार उस समय कला और वास्तुकला के प्रति जूनून को बखूबी दर्शाते हैं।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
यहाँ स्थित सूर्य मंदिर, महावीर मंदिर, सच्चिया माता मंदिर ओसियां के प्रमुख मंदिरों में से एक हैं।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
ओसियां का पुराना नाम उपकेशपट्टन है और यह ओसवालों के इतिहास का पहला अध्याय है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
खूबसूरत शिल्प को संजोये हुए ओसियां के ये जैन मंदिर श्रद्धा के साथ-साथ कला-प्रेमियों के भी आकर्षण का केंद्र हैं।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
ओसियां के सच्चियाय माता मंदिर में मां सच्चियाय का आलौकिक स्वरूप श्रद्धालुओं के मन को सदैव ही लुभाता आया है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
हर साल नवरात्र के शुभ उपलक्ष्य पर पूरे देश से भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर के चारों तरफ नौ देवियों के मंदिर बने हुए हैं।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
महोत्सव के दौरान पूरे नौ दिन अलग-अलग देवियों की विशेष पूजा-अर्चना व अभिषेक किया जाता है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
मंदिर का भव्य रूप एक बहुत बड़े किले सा देखते ही बनता है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
यहाँ के लोगों के अनुसार यहाँ बने ये मंदिर लगभग 3000 साल पुराने हैं।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
इनका निर्माण करीब 8वीं से 11वीं शताब्दी के बीच किया गया था।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
मंदिरों के चारों तरह बनाई गई ऐतिहासिक मूर्तियां पत्थर को खोद कर बनाई गई हैं जो हूबहू खजुराहो की वास्तुशैली से मेल खाती हैं।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
कई मूर्तियां तो मोहम्मद गजनवी के आक्रमणों व कार्यकाल के समय तोड़ दी गई थीं। यहाँ की हर मूर्ति कहीं न कहीं से खंडित है।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
यहाँ स्थित माता के मंदिर के लिए कहा जाता है कि यहाँ स्थापित मूर्ति अपने आप ही यहाँ गठित हुई थी। किसी ने भी इस मूर्ति का स्थापन नहीं किया था।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
मंदिरों और मूर्तियों की वास्तुकला में की गई बारीकियां उस समय के शिल्पकारों की कार्य कुशलता को पूरी तरह से दर्शाते हैं।
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आखिर ऐसा क्या है ओसियां में?
आज ओसियां एक ओएसिस या राजस्थान के रेगिस्तान में झरने की तरह है।
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ओसियां में और क्या करें?
ओसियां कलात्मक मंदिरों के अलावा, ऊंट की सवारी के लिए भी प्रसिद्ध है। पर्यटकों के पास मंदिरों और उनकी वास्तुकला के सुंदर दृश्य का आनंद लेते हुये ऊंट की सवारी का भी मज़ेदार विकल्प है।
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ओसियां कैसे पहुँचें?
सड़क यात्रा द्वारा: जोधपुर से कई बस सुविधाएँ ओसियां तक के लिए उपलब्ध हैं। आप अपनी निजी टैक्सी या कैब बुक करा कर भी यहाँ तक पहुँच सकते हैं।
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ओसियां कैसे पहुँचें?
रेल यात्रा द्वारा: यहाँ का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन है।
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