राजस्थान ऐतिहासिक किलों, समृद्ध इतिहास और खूबसूरत पर्यटन स्थलों के लिए देश विदेशों में विख्यात है। इसीलिए हर साल यहां लाखो की तादाद में देशी और विदेशी पर्यटक इस जगह को देखने पहुंचते हैं।
राजस्थान का सवाई माधोपुर एक हेरीटेज स्थल है, जोकि पर्यटकों के बीच खासा प्रसिद्ध है। इस जगह को यहां के राजा सवाई माधोपुर 1 ने बसाया था..जिसके बाद यह शहर उन्ही के नाम पर पड़ गया।
सवाई माधोपुर रणथंबोर नेशनल पार्क,रणथंबोर किला, त्रिनिटी गणेश मंदिर आदि के लिए जाना जाता है। यहां हर त्यौहार जैसे गणेश चतुर्थी, दिवाली, चौथ माता, सवाई माधोपुर उत्सव काफी धूमधाम से मनाये जाते हैं।
सवाई माधोपुर उत्सव राजा सवाई माधो सिंह की याद में हर साल सवाई माधोपुर वासी मनाते हैं। यहां होने वाले भव्य समारोह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।आइये स्लाइड्स में जानते हैं सवाई माधोपुर में घूमने की जगहों के बारे में...
रणथंबोर नेशनल पार्क
अगर आप एक वाइल्ड फोटोग्राफ़र है तो यह जगह आपके लिए एकदम परफेक्ट है.. पुराने ज़माने में भारतीय राजाओं का शिकार करने का मुख्य स्थल हुआ करता था। यह भारत की पुरानी धरोहरों में से भी एक है। यहाँ पर निवास करने वाले बाघ पर्यटकों के कैमरे के सामने पोज़ देते हुए मिल जाएँगे। बाघों के बाघों के अलावा, राष्ट्रीय पार्क में विभिन्न जंगली जानवरों, सियार, चीते, हाइना, दलदल मगरमच्छ, जंगली सुअरों और हिरण के विभिन्न किस्मों के लिए एक प्राकृतिक निवास स्थान के रूप में कार्य करता है, इसके अलावा, यहां जैसे जलीय वनस्पति, लिली, डकवीड और पार्क में कमल बहुतायत है। यह स वन्यजीव अभयारण्य 392 वर्ग किलोमीटर के एक क्षेत्र में फैला हुआ है, रणथंबोर नेशनल पार्क सवाई माधोपुर से करीबन 17.5 किमी की दूरी पर स्थित है।
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रणथंबोर किला
रणथंबोर किला का निर्माण सन 944 ई. में हुआ था..यह पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जो आसपास के मैदानों के ऊपर 700 फुट की ऊंचाई पर है। किला विंध्य पठार और अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है, जो 7 किमी भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ है। किला में विभिन्न हिंदू और जैन मंदिर के साथ एक मस्जिद भी है।इस किले से पर्यटक रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के एक शानदार दृश्य का आनंद ले सकते हैं। इस ऐतिहासिक इमारत 1528 के दौरान मुगलों के पास थी बाद में 17 वीं शताब्दी में मुगलों ने जयपुर के महाराजा को यह किला उपहार में दिया। PC : Shaz.syed13
त्रिनिटी गणेश मंदिर
सवाईमाधोपुर के इस मंदिर में आप भगवान को चिट्ठी लिखकर अपनी परेशानियों से अवगत करा सकते हैं..जी हां ये सच है..यहां श्रद्धालु गणपति बप्पा को अपने नाम की चिट्ठी लिखते हैं। इस मंदिर का निर्माण राजा हमीर द्वारा कराया गया था..क्यों कि वह गणपति जी का बहुत बड़ा भक्त था।
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खंदर का किला
खंदर का किला,सवाई माधोपुर में पर्यटकों का मुख्य पर्यटन आकर्षण केन्द्र है। यह प्राचीन किला शहर के केन्द्र से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक बहुत प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, के पास स्थित है। किला परिसर के अंदर सात मंदिर हैं- हनुमान मंदिर, चतुर्भुजा मंदिर, रानी मंदिर, गोविन्द देवजी मंदिर जगतपालजी मंदिर और जयंती माता मंदिर। इसके अतिरिक्त, परिसर के अंदर दो टैंक और सात तालाबों सहित कुछ जल निकाय हैं।
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पदम ताल
पदम ताल रणथंबोर नेशनल पार्क के अंदर बनी हुई एक बड़ी सी झील है..जिसमे वन्य जीवों को अपनी प्यास बुझाते हुए देखा जा सकता है।बताया जाता है कि, यह वही ताल है, जिसमे रानी पद्मावती ने जौहर किया था। PC : Manas Vyas
अमरेश्वर महादेव मंदिर
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के रास्ते में ख़ूबसूरत पहाड़ियों के बीच पवित्र अमरेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। यह स्थान सवाई माधोपुर का प्रमुख पिकनिक स्पॉट भी है। अमरेशवर महादेव का मंदिर पहाड़ के ऊपर स्थित है। पास में सीता राम जी मंदिर बना हुआ है।
कैसे पहुंचे
रेल मार्ग द्वार
सवाई माधोपुर में रेलवे स्टेशन है जो राजस्थान के प्रमुख शहरों जयपुर एवं कोटा से जुड़ा हुआ है। सवाई माधोपुर जंक्शन दिल्ली-कोटा-मुम्बई रेलवे मार्ग पर प्रमुख जंक्शन प्वाइंट है। यहाँ से जयपुर के लिए रेलवे लाइन जाती है। भारत के प्रमुख शहरों से सवाई माधोपुर जुड़ा हुआ है। यहाँ पर सभी एक्सप्रेस गाड़ियों का ठहराव होता है।
वायुयान द्वारा
सवाईमाधो पुर का नजदीकी एयरपोर्टजयपुर एयपोर्ट है..इस जगह से भारत के सभी प्रमुख शहरों के लिए उड़ाने उपलब्ध है।
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सड़क मार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग 11 और 12 के रास्ते सवाई माधोपुर पहुंचा जा सकता है। सवाई माधोपुर से प्रमुख शहरों की दूरी
दिल्ली-391 किमी
जयपुर-195 किमी
अजमेर-265 किमी
कोटा-133 किमी
उदयपुर-407 किमी
जोधपुर- 448 किमी
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क्या खाएं
सवाई माधोपुर आने वाले पर्यटक को राजस्थान के लजीज व्यंजन जरुर चखने चाहिए, जिनमे बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी प्रमुख है।
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कब आयें
सवाई माधोपुर आने का उचित समय नवंबर से मई तक का है।
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