भारत का ज़िक्र बिना हिमालय के अधूरा है। हिमालय का शुमार विश्व की सबसे सुन्दर पर्वतमालाओं में हैं हमारे लिए ये कहना अतिश्योक्ति न होगी कि हिमालय भारत के सिर का ताज है, बिना हिमालय के भारत की कल्पना करना ठीक वैसा ही है जैसे बिना नमक का भोजन। आज हम आपको अवगत कराएंगे उन भारतीय हिमालयी राज्यों से जो अपनी खूबसूरती से भारत को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बना रहे हैं और भारतीय पर्यटन को एक नए आयाम दे रहे हैं।
आज भारतीय हिमालयी राज्यों में गहरी नदियों, ऊंचे पहाड़ों, पठारों और मैदानों के अलावा दुर्लभ पौधों और जानवरों कि कई ऐसी किस्में हैं जो आप किसी भी अन्य देश में नहीं देख सकते। आज अगर हम भारतीय हिमालयी राज्यों कि बात करें तो इसमें जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के अलावा नॉर्थ ईस्ट के भी कई महत्त्वपूर्ण राज्य जैसे सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।
भारत का विंटर या शीतकालीन सीजन हमेशा से ही घूमने वालों के लिए ख़ास रहा है इस दौरान आप भारत में सबसे अच्छे प्राकृतिक दृश्यों और ग्रेटर हिमालय के आसपास अद्भुत परिदृश्य को महसूस कर सकते हैं। इस दौरान जहां एक तरफ शिवालिक की पर्वतमालाएं आपका मन मोह लेंगी तो वहीँ दूसरी तरफ सतलज, काली, गंगा, कोसी और ब्रह्मपुत्र जैसी पवित्र नदियों आपको आध्यात्म की तरफ ले जाएंगी।
गुलमर्ग -जम्मू और कश्मीर
गुलमर्ग का अर्थ है "फूलों की वादी"। जम्मू - कश्मीर के बारामूला जिले में लग - भग 2730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुलमर्ग, की खोज 1927 में अंग्रेजों ने की थी। गुलमर्ग का सुहावना मौसम, शानदार परिदृश्य, फूलों से खिले बगीचे, देवदार के पेड, खूबसूरत झीले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। निंगली नल्लाह और ऑटर सर्कल वाक, गुलमर्ग के दो प्रमुख आकर्षक स्थल है।
कैसे पहुंचे गुलमर्ग
गुलमर्ग रोड मार्ग द्वारा जम्मू कश्मीर के कई शहरों से जुडा है। यात्री अपनी सुविधा अनुसार किसी भी सरकारी या निजी बस द्वारा गुलमर्ग आ सकते हैं। उत्तर भारत के निवासी कार द्वारा भी श्रीनगर आ सकते हैं। देश के प्रमुख शहरों के अलावा आप राजधानी दिल्ली से भी रेल और वायु मार्ग द्वारा गुलमर्ग पहुंच सकते हैं।
धनौल्टी - उत्तराखंड
उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में समुद्र तल से 2286 मीटर की उंचाई पर धनौल्टी नाम का एक बेहद सुन्दर हिल स्टेशन है। अपने शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जानी जाने वाली यह जगह, चंबा से मसूरी के रास्ते में पड़ती है। यह जगह पर्यटकों के बीच इसलिए भी मशहूर है क्योंकि यह मसूरी से काफी पास है, बल्कि सिर्फ 24 किलोमीटर दूर है। यहाँ से पर्यटक दून वैली के सुन्दर नज़ारे का मज़ा उठा सकते हैं।
कैसे जाएं धनौल्टी
मसूरी-चंबा रोड पर होने के कारण धनौल्टी उत्तराखंड के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है। पर्यटक प्राइवेट या सरकारी बस सेवा का लाभ उठा कर दिल्ली और चंडीगढ़ से मसूरी पहुँच सकते हैं।
धर्मशाला - हिमाचल प्रदेश
काँगड़ा के उत्तर-पूर्व में 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह शहर चंडीगढ़ से 239 किलोमीटर, मनाली से 252 किलोमीटर, शिमला से 322 किलोमीटर और नई दिल्ली से 514 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विशाल तिब्बती बस्तियों के कारण इस जगह को अब ‘लामाओं की भूमि' के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में अनेक चर्च, मंदिर, संग्रहालय और मठ हैं। अनेक प्राचीन मंदिर जैसे ज्वालामुखी मंदिर, ब्रजेश्वरी मंदिर और चामुंडा मंदिर बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
कैसे पहुंचें धर्मशाला
यहां जाने का सबसे सरल तरीका ये है कि आप पहले दिल्ली पहुंचे और वहां से शिमला या मनाली जाएं । हिमाचल के इन दोनों ही स्थानों से आपको धर्मशाला के लिए कई सरकारी और गैर सरकारी बसें मिलेंगी जिनके माध्यम से आप धर्मशाला पहुँच सकते हैं।
कंचनजंगा - सिक्किम
कंचनजंगा विश्व की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है। यह भारत-नेपाल सीमा में, हिमालय में समुद्र तल से 8586 मीटर की उंचाई पर स्थित है| कंचनजंगा का शाब्दिक अर्थ है "बर्फ के पांच खजाने"। इसमें पांच चोटियाँ सम्मिलित हैं जिसमें प्रत्येक चोटी सोना, चांदी, जवाहरात, अनाज, एवं पवित्र पुस्तकों का दिव्य भंडार हैं। कंचनजंगा संपूर्ण विश्व में दार्जिलिंग से देखे जाने वाले अपने दृश्यों के लिए जाना जाता है। यहाँ की चोटियों ने अपनी प्राचीन सुंदरता को नहीं खोया है क्योंकि इस पर्वत श्रेणी पर ट्रेकिंग की अनुमति बहुत कम दी जाती है। यह दिन के अलग अलग समय अलग अलग रंगों को अपनाने के लिए भी जानी जाती है।
कैसे जाएं कंचनजंगा
यहां आने के लिए आपको पहले कोलकाता जाना होगा वहाँ से आप रेल या फ्लाइट के माध्यम से सिक्किम की राजधानी गंगटोक पहुँच सकते हैं। गंगटोक से आपको यहां आने के लिए बसे आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी। आप चाहें तो ट्रैकिंग कर के भी यहां जा सकते हैं लेकिन ट्रैकिंग के लिए ये जरूरी है कि आप शारीरिक तौर पर पूर्णतः फिट हों। यहां जाने के लिए आप अपने साथ गर्म कपडे अवश्य रखें क्योंकि यहां पर काफी ठंड होती है।
तवांग - अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश के सबसे पश्चिम में स्थित तवांग जिला अपनी रहस्यमयी और जादुई खूबसूरती के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस जिले की सीमा उत्तर में तिब्बत, दक्षिण-पूर्व में भूटान और पूर्व में पश्चिम कमेंग के सेला पर्वत श्रृंखला से लगती है। तवांग में देखने के लिए मठ, पहाड़ों की चोटी और झरने सहित कई चीजें हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। तवांग के कुछ प्रमुख आकर्षण में तवांग मठ, सेला पास और ढेर सारे जलप्रपात हैं, जिससे यह बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के लिए भी पसंदीदा स्थान बन जाता है।
कैसे जाएं तवांग
तवांग गुवाहाटी और तेजपुर जैसे शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। तेजपुर और इस क्षेत्र के अन्य स्थानों से तवांग के लिए बसें चलती हैं।