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फल फूलअगरबत्ती नहीं, इस मंदिर में देवता को पसंद है महंगी ब्रांड की चॉकलेट

By Belal Jafri

आस्था, विश्वास और श्रद्धा हम भारतियों में कूट कूट के भरी है। जिसके मद्देनज़र आज हम कोई तैंतीस करोड़ देवी देवताओं की पूजा करते हैं और शायद इसलिए भारत मंदिरों का देश और रिलिजियस टूरिज्म का हब कहलाता है। यहां आपको हर गली चौक चौराहों पर कई खूबसूरत और बेमिसाल मंदिर दिख जाएंगे। ये मंदिर ऐसे हैं कि इनकी कलात्मकता और रचनात्मकता हमेशा ही आपका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करेगी। कहीं जलती हुई सिगरेट, तो कहीं रॉयल इंफील्ड , ये हैं इन मंदिरों के प्रमुख देवता

जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि आस्था, विश्वास और श्रद्धा हम भारतियों में कूट कूट के भरी है तो इसी के मद्देनज़र आज हम आपको एक ऐसे अनूठे मंदिर से अवगत कराने वाले हैं जहां बंटने वाला प्रसाद ज़रा अलग और दूसरे किस्म का है। इस मंदिर में देवता को ना तो खील बताशे पसंद हैं और ना ही सेब संतरा यहां देवता थोड़े मॉडर्न हैं और चॉकलेट खाने और बांटने का शौक रखते हैं।

जी हां ये सच है, हम आज आपको बताने जा रहे हैं केरल के अलेप्पी स्थित थेककन पलानी बालसुब्रमणिया मंदिर के बारे में जहां पर मन्दिर के मुख्य देवता को फल फूल नारियल माला और अगरबत्ती की जगह चॉकलेट चढ़ाई जाती है। मंदिर के प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार यहां सभी जाति धर्म और समुदाय के लोग आते हैं और चॉकलेट के कारण यहां हमेशा ही बच्चों की तादाद हमेशा ही ज्यादा होती है।

यहां दर्शन करने आये लोगों कि माने तो देवता को महंगी चॉकलेट दी जाती है क्योंकि देवता सिर्फ बड़े ब्रांड जैसे नेस्ले, कैडबरी और रॅशर्स की ही चॉकलेट खाते हैं। आपको बताते चलें कि मंदिर के मुख्य पुजारी दी गयी चॉकलेट में से आधा हिस्सा देवता के लिए रखते हैं और आधा आपको वापस कर देते हैं।

मंदिर जहां देवता खाते हैं चॉकलेट

इस मंदिर की एक ख़ास बात और है इसे एक मशहूर चॉकलेट ब्रांड "मंच" से जोड़ते हुए यहाँ के स्थानीय लोगों द्वारा "मंच मुरुगन" के नाम से जाना जाता है। यहां के पुजारियों का ये भी कहना है कि इस मंदिर में भगवान बालामुरुगन मुख्य देवता हैं और मुरुगा उनका बाल स्वरुप और जैसा कि बच्चों को चॉकलेट बहुत पसंद होती है देवता मुरुगा भी इसी तर्ज पर चॉकलेट के शौक़ीन हैं ।

अगर इस मंदिर के आयोजनों की बात करें तो मंदिर में मुख्य आरती के बाद लोगों को फूल दिए जाते हैं और चंदन का टीका लगाया जाता है और आरती ख़त्म होने के बाद चॉकलेट दी जाती है। गौरतलब है कि इस मंदिर में सभी प्रमुख अनुष्ठानों के लिए चॉकलेट का ही इस्तेमाल किया जाता है। यहां का सबसे प्रमुख अनुष्ठान थुलुभारा है। इस अनोखे मंदिर में आपको भारत के अलावा भी दुनिया भर के पर्यटक मिलेंगे।

बताया जाता है कि पहले इस मंदिर में देवता को केवल बच्चों के द्वारा चॉकलेट चढ़ाई जाती थी बाद में यहां आने वाले सभी लोगों ने देवता को चॉकलेट चढ़ाना शुरू कर दिया। तो अब यदि इस लेख को पढ़ के आपका भी चॉकलेट खाने का मन हो तो केरल के अलेप्पी स्थित इस अनोखे मंदिर की यात्रा का प्लान आज ही बनाएं।

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