किसी भी चीज को यथाक्रम जानने के लिए वैज्ञानिक मापदंड सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसलिए रहस्यों के तह तक जाने के लिए भी वैज्ञानिक तकनीकों का सहारा लिया जाता है। पर आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भी दुनिया में कई ऐसी चीजें मौजूद हैं जिनके करीब जाते ही विज्ञान भी अपना होशहवास खो बैठता है। जिनके रहस्य का आज तक कोई पता नहीं लगा पाया। ऐसी चीजें चमत्कार या किसी दैवीय शक्ति के रूप में आपके आसपास भी हो सकती हैं।
भारत के संदर्भ में देखा जाए तो यहां कई ऐसे पौराणिक व ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं जो शुरू से है वैज्ञानिक शोध का विषय रहे हैं। आज हम बात करेंगे भारत के चुनिंदा मंदिरों के बारे में जिनका रहस्य कई सालों से बना हुआ है सबसे बड़ा सवाल।
रहस्यमय स्तंभों वाला मंदिर
PC- MADHURANTHAKAN JAGADEESAN
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित लेपाक्षी मंदिर अपने रहस्यमयी स्तंभ के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर परिसर में 70 खूबसूरत नक्काशीदार स्तंभ मौजूद हैं, जिनमें से एक स्तंभ जमीन को नहीं छूता बल्कि वो कई सालों से हवा में ही लटका हुआ है।
अब यह स्तंभ आस्था का केंद्र बन गया है, मान्यता है कि स्तंभ के नीचे से कपड़ा निकालने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और समृद्धि मिलती है। सिर्फ एकमात्र इस 'हैंगिंग पीलर' को देखने के लिए यहां रोजाना सैलानियों व भक्तों का जमावड़ा लगता है। इस मंदिर यह लटकता हुआ स्तंभ बना हुआ है सबसे बड़ा रहस्य।
शुद्ध ग्रेनाइट से बना मंदिर
PC- Bernard Gagnon
बृहदेश्वर मंदिर, तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित है, जो अपनी आकर्षक वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का अधिकांश भाग शुद्ध ग्रेनाइट से बना है, लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि मंदिर के 60 किमी की दूरी तक कहीं भी ग्रेनाइट का कोई भी स्रोत नहीं है। तो इस मंदिर में इस्तेमाल किया गया ग्रेनाइट कहां से लाया गया ?
इसके निर्माण के कहानी पूर्ण रूप से अधूरी मानी जाती है। मंदिर का 'गोपुरम' (ऊपरी भाग) एक 80 टन वजनी पत्थर से बनाया गया है। जो इस मंदिर का मुख्य आकर्षण के केंद्र है।
गुप्त तहखानों वाला मंदिर
PC- Madhu rajani
केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी एक हिन्दू मंदिर है। सर्वोच्च न्यायालय के अनुरोध पर, मंदिर की देखरेख समिति ने उन 6 तहखानों को खोला है, जिनमें 22 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का सोना मौजूद है। लेकिन मंदिर के 7वें तहखाने को खोल पाना संभव नहीं हो पाया है। 7वें तहखाने का दरवाजा स्टील का बना है जिसमें किसी भी तरह की कुंडी नहीं लगी है।
माना जाता है कि इस गुप्त तहखाने की रक्षा दो सर्पों द्वारा की जाती है, जिसे विशेष मंत्रों द्वारा ही खोला जा सकता है। और दरवाजे को खोलने के लिए किसी अन्य साधन का प्रयोग करना खतरनाक स्थित पैदा कर सकता है।
रहस्यमयी जलस्रोत वाला मंदिर
PC- Arunsbhat
काडु मालेश्वरा मंदिर, कर्नाटक के बैंगलोर शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। वर्ष 1997 में मंदिर के पास निर्माण कार्य चल रहा था, उसी दौरान यहां से एक दूसरे मंदिर (नंदी का मंदिर) के होने का पता चला। खुदाई जारी रखी गई, जिसके बाद मंदिर के नीचे से एक जलाशय मिला।
जहां 'नंदी की मूर्ति' के मुख से साफ पानी शिवलिंग पर गिर रहा था। यह बात अभी भी एक रहस्य बनी हुई है कि आखिर दोनों जगहों पर पानी आ कहां से रहा है ?
जहां मंदिर हो जाता है गायब
PC- Nizil Shah
स्तंभेश्वर, गुजरात के अदृश्य मंदिर के रूप में जाना जाता है। क्योंकि यह मंदिर वास्तव में ही गायब हो जाता है। स्तंभेश्वर मंदिर जम्भसार शहर के समुद्री तटों से पास कैम्बे की खाड़ी में स्थित है। जानकारों की मानें तो यह अदृश्य मंदिर लगभग 150 साल पुराना है। मंदिर की संरचना उतनी खास नहीं हैं, लेकिन तेज लहरों के आते ही यह मंदिर पूरी तरह समंदर में समा जाता है, बहाव कम होने के बाद यह मंदिर पुन: अपनी पूर्व अवस्था में आ जाता है।
भक्त यहां प्रसाद चढ़ाने के लिए सुबह के वक्त आते हैं, इस दौरान समुद्र लहरों की गति धीमी रहती है। यहां पर्यटक शाम तक बैठे रहते हैं जिस वक्त मंदिर धीरे-धीरे नीचे जाना शुरू करता है।