दूर दूर तक फैली हरियाली, हरे भरे पेड़,विविध वन्यजीव, प्राकृतिक संसाधन से भरपूर असम में आपका स्वागत है। असम राज्य, अपनी विविध संस्कृति और हरे - भरे जंगलों के कारण जाना जाता है। असम ही एक ऐसा राज्य है जो हर मायने में प्रकृति के बेहद करीब है। जो लोग वन्यजीव पर्यटन के चहेते है, वह असम की ओर जरूर रूख करें।
असम पर्यटन देश के ने पर्यटन स्थलों की तुलना में ज्यादा विकसित नहीं है, लेकिन इसके बावजूद असम में ऐसा बहुत कुछ है जो एक पर्यटक को अवश्य देखना चाहिए..इसी क्रम में आज हम आपको अपने लेख से बताने जा रहे हैं, आखिर आपको असम की यात्रा इस साल क्यों करनी चाहिए और साथ ही असम किन खास चीजों के लिए जाना जाता है।
खुली हवा में लेनी है सांस, तो सैर करें भारत की इन जगहों की
कामख्या मंदिर
प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर घूमे बिना असम की यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। हिंदू धर्म के अनुसार यह 51 शक्तिपीठ में से एक है और इसकी गितनी सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से होती है। यहां हर साल जून में अंबुबाची मेला आयोजित किया जाता है, जिसे देखने भक्तों का जमावड़ा लगता है।Pc: Vikramjit Kakati
माजुली
माजुली असम के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक है, साथ ही यह एक आध्यात्मिक जगह है। पर्यटक यहां नदी से बना मजुली द्वीप को भी देख सकते हैं। पर्यटक यहां प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ हर साल यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। सुबह से लेकर देर शाम तक यहां सैलानियों का तांता बना रहता है। नेचर लवर्स और फोटोग्राफी के शौकिनों के लिए यह एक परफेक्ट प्लेस है। इसी के साथ ही पर्यटक यहां प्राचीन असमीया कलाकृतियों, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र-आभूषण और हस्तशिल्प के विशेष संकलन को आसानी से देख सकते हैं।
Pc:Kalai Sukanta
ब्रह्मपुत्र
ब्रह्मपुत्र एक नदी है। यह तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के दक्षिण में मानसरोवर के निकट चेमायुंग दुंग नामक हिमवाह से हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 2700 किलोमीटर है। इसका नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है। इस नदी को खूबसूरत बनाता है माजुली द्वीप।Pc:Kartikeya Agarwal
एक सिंग वाला गेंडा
भारत के असम राज्य में पाये जाने वाले एक सींग वाले गैंडे आज विलुप्त होती प्रजाति है जिसे देखने हर साल हज़ारों पर्यटक इस खूबसूरत राज्य की यात्रा करते हैं यदि आपको भी इन विशालकाय जीवों के दीदार करने हैं तो आज ही असम आइये।Pc: Krish Dulal
बिहू
असम का प्रमुख त्यौहार बिहू मौसम के परिवर्तन को दर्शाता है। यह त्यौहार वर्ष में तीन बार मनाया जाता है , दिसंबर में भोगली बीहु या माघ बिहू (जनवरी में), बोहाग बीहु या रोंगली बीहु और अप्रैल में कोंगलाई बिहु या काशी बीहु के तीन अलग-अलग नामों से यह उत्सव मनाया जाता है।Pc:Jugal Bharali
चाय के बगान
असम का जिक्र हो और चाय का नाम ना आये तो ये तो मुमकिन ही नही है। असम की यात्रा के दौरान आप यहां चाय का उत्पादन कैसे होता है , देख सकते हैं, साथ ही चाय के बगानों को निहार सकते हैं।
Pc: Akarsh Simha
अहोम राजवंश
अहोम राजवंश भारत का वो राजवंश था जिसने एक ही स्थान पर 600 वर्षों तक शासन किया है। आपको बता दें कि इस राजवंश का शासनकाल 1826 में समाप्त हुआ। तो यदि आप इस राजवंश को करीब से देखना चाहते हैं तो असम की यात्रा अवश्य करें।Pc:Kaushik Saikia
काजीरंगा
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम के गर्व में से एक है। यह उल्लेख करना जरूरी है कि यह लुप्तप्राय भारतीय एक सींग वाले गैंडे का घर है और दुनिया में बाघों की सबसे अधिक घनत्व को समयोजित करते हुए, 2006 में इसे बाघ अभयारण्य के रूप में भी घोषित किया गया। यह असम के दो जिलों - गोलाघाट और नोआगांव के अंतर्गत आता है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में कई आकर्षणों में से एक है प्रशिक्षित महावत द्वारा परिचालित उद्यान के अंदर हाथियों पर यात्रा करना है।Pc:Sudiptorana
असम सिल्क
यह खास राज्य में अपने सिल्क के कारण भी दुनिया में ख़ास पहचान रखता है। यहां आपको रेशम की दो प्रमुख किस्में देखने को मिलेंगी इरी और मुगा जिनको विश्व के सर्वोत्तम सिल्क होने का दर्ज प्राप्त है।Pc:Satnath
भूत झोलोकिआ
भूत झोलोकिआ का शुमार दुनिया कि सबसे तीखी मिर्चों में है। मिर्च की इस प्रजाति को भूत मिर्च और लाल नागा मिर्च के नाम से भी जाना जाता है। ज्ञात हो कि सन 2007 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इसे दुनिया की सबसे तीखी मिर्च का दर्जा दिया है।Pc:Richard Elzey