उत्तर प्रदेश में स्थित वाराणसी एक प्राचीन नगरी है, जिसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यह शहर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की वजह से जानी जाती है। जहां भक्तगण पूरी भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ गंगा में डुबकी लगाते हैं और मन्दिरों में दर्शन करते हैं। अगर आप सोचते हैं वाराणसी में आप सिर्फ यही कर सकते हैं, तो आप गलत है शायद।
जी हां, वाराणसी में मंदिर के अलावा भी काफी कुछ है, जिन्हें बतौर पर्यटक आपको अवश्य देखना चाहिए,इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं वाराणसी के तीन खास म्यूजियम के बारे में। इन तीन खास म्यूजियम के नाम कुछ इस प्रकार है- भारत कला म्यूजियम, रामनगर किला म्यूजियम, और सरकारी संग्रहालय। तो आइये इन तीनों ही संग्रहालयों के बारे में स्लाइड्स में विस्तार से जानते हैं-
भारत कला म्यूजियम
भारत कला भवन, वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में स्थित एक कला और पुरातात्विक संग्रहालय है। वाराणसी के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से इस संग्रहालय में वेशभूषा और कपड़ा, हिंदू और बौद्ध मूर्तियां, लघु चित्रों और पुरातात्विक महत्व के अन्य सामान का एक बड़ा संग्रह है।
इस संग्रहालय में 15 वीं और 16 वीं शताब्दी की तस्वीरों का संग्रह देखा जा सकता है। इस संग्रहालय में लगभग बाहर हजार विभिन्न शैलियों के चित्र संकलित हैं। इन सभी चित्रों की अपनी पृथक तथा रोमांचक कहानियाँ शामिल हैं।
समय - सुबह10.30 बजे से -शाम 5 बजे तक
रविवार और विश्वविद्यालय की छुट्टी के दिन ये बंद रहता है।
Pc:Jeff Hart
रामनगर किला संग्रहालय
वाराणसी से 6 मील दूरी पर स्थित रामनगर किला संग्रहालय एक पुराने रामनगर किले में स्थापित है। रामनगर संग्रहालय में खूबसूरती से नक्काशी की गई बालकनी, भव्य मंडप और खुले आंगन है। इस संग्रहालय का सबसे अहम हिस्सा विद्या मंदिर है जो शासकों के काल की अदालत का प्रतिनिधित्व करता है। इस संग्रहालय में कई प्राचीन वस्तुओं का नायाब कलेक्शन है जिनमें प्राचीन घडियां, पुराने शस्त्रगार, तलवारें, पुरानी बंदूकें, शाही कारें और हाथी दांत के काम के सामान शामिल है। पर्यटक यहां आकर शाही परिवारों के मध्ययुगीन वेशभूषा, आभूषण और फर्नीचर देख सकते है। रामनगर संग्रहालय निस्संदेह वाराणसी के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है।
समय - सुबह- 9 बजे से -शाम 5:30 बजे तक
बंद- सार्वजनिक छुट्टी के दिन
Pc:Brian
सरकारी संग्रहालय
सरकारी संग्रहालय में पुरातन और ऐतिहासिक कलाकृतियों का एक समृद्ध और प्रभावशाली संग्रह है। 1874 में स्थापित, इस संग्रह में मथुरा क्षेत्र से मिले अनेक पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं, साथ ही कुछ विस्तृत राहत कार्यों, टेराकोट्टा कटोरे, मिट्टी के बर्तनों, सिक्के और कांस्य टुकड़ों आदि भी देखे जा सकते हैं। विशेष रूप से इस म्यूजियम में 3 शताब्दी ईसा पूर्व के पत्थर की मूर्तियों का संग्रह है।
समय - सुबह- 9: 30 बजे से -शाम 5:30 बजे तक
बंद- सार्वजनिक छुट्टी के दिन
Pc:Biswarup Ganguly
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