आप ताजमहल को कितनी भी बार देख लो लेकिन आपका मन नहीं भरेगा। कुछ ऐसा ही मेरे साथ है मैंने बचपन में कई बार ताजमहल देखा। लेकिन अभी भी जब कभी मुझे आगरा जाने का मौका मिलता है मै ताजमहल देखने का समय जरुर निकाल लेती हूं। हाल ही में मुझे अपने दोस्तों के साथ एक बार फिर से आगरा जाने का मौका मिला। लखनऊ से आगरा जाने के लिए हमने अपनी गाड़ी से जाना ही उचित समझा।
यात्रा- लखनऊ से आगरा
उचित समय- अक्टूबर से मार्च
पहुँचने का समय- लगभग 6 घंटे
कितने दिन- दो दिन
लखनऊ से आगरा जाने के दो रास्ते हैं
पहला रास्ता
लखनऊ-उन्नाव-कन्नौज-इटावा-फिरोजाबाद-शिकोहाबाद-आगरा। अगर आप यह रूट फॉलो करते हैं तो आप 3 घंटे 4 मिनट में 339 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंच जायेंगे आगरा।
दूसरा रूट
लखनऊ-उन्नाव-कन्नौज-औरैय्या-इटावा-फिरोजाबाद-शिकोहाबाद-आगरा। अगर आप यह रूट फॉलो करते हैं तो आप 6 घंटे 25मिनट में 362 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंच जायेंगे आगरा।
अगर आप आगरा जल्दी पहुंचना चाहतें है तो आप रूट नम्बर 1 को फॉलो कर सकते हैं। आगरा जाने के लिए हम दूसरे दिन जल्दी उठ गये। सुबह 6 बजे हमने अपनी लखनऊ से आगरा की यात्रा शुरू की। लखनऊ से आगरा तक के सफर में आप छोटे चाय के शोर्ट ब्रेक्स ले सकते हैं। सुबह 6 बजे चलने के बाद हम 12 बजे आगरा पहुंचे।
आगरा पहुँचने के बाद सबसे पहले हमने अपने होटल ढूंढना शुरू किया शुक्र रहा कि, हमें होटल ताज महल के करीब ही मिला जहां से हम ताजमहल का दीदार कर सकते थे। कुछ देर होटल में आराम करने के बाद हम सभी दोस्तों ने आगरा घूमने का मन बनाया।
पहला दिन
आगरा में पहले दिन हम पहुंचे महताब बाग।महताब बाग़ का अर्थ होता है चांद की रोशनी का बाग। यमुना नदी के किनारे 25 एकड़ में फैले इस बाग का निर्माण 1631 से 1635 के बीच करवाया गया था। बाग के बीच मेंएक बड़ा सा अष्टभुजीय तालाब है, जिसमें ताजमहल का प्रतिबिंब बनता है।
सिकंदरा (अकबर का मकबरा)
महताब देखने के बाद हम पहुंचे आगरा किला से करीब 13 किमी की दूरी पर स्थित सिकंदरा में मुगल सम्राट अकबर का मकबरा है। लाल बलुआ-पत्थर से निर्मित यह विशाल मकबरा हरे भरे उद्यान के बीच स्थित है। अकबर के पुत्र जहांगीरने इस मकबरे का निर्माण कराया था।
महताब बाग़ और अकबर का किला देखने के बाद हमने बाहर ही खाने का प्लान बनाया। लकी रेस्तरां यहां का बटर चिकन काफी उम्दा और बेहतरीन है। अगर आप भी नॉन वेजेटेरीयन तो यहां जरुर जायें। डिनर करने के बाद हमने अपने होटल की ओर रुख किया।
दूसरे दिन हम सुबह जल्द ही उठ गये और नहा धोकर और नाश्ता करने के बाद हम ताजमहल का दीदार करने को बेकरार थे। बता दें ताजमहल में टिकट इंडियन टूरिस्ट की टिकट 40 रुपये है जबकि विदेशी सैलानियों की 1000। और आख़िरकार हम पहुंच ही गये ताज महल।
हम जैसे जैसे आगे बढ़ रहे थे जैसे जैसे आगे बढ़ रहे थे सफ़ेद संगमरमर की चकाचौंध से आँखे बंद हो रही थी। फर्श अभी ठंडा ही था और पीछे यमुना की तरफ छाव थी तो काफी समय हम सबने वहीं बिताया।
ताजमहल तीन घंटे बिताने के बाद हमने लाल किला देखने का विचार बनाया और निकल पड़े लाल किले की ओर।लाल किले का निर्माण अकबर ने सन 1565 में कराया था। हालांकि बाद में शाहजहां द्वारा इस किले का पुनरोद्धार लाल बलुआ पत्थर से करवाया गया।
इस किले में मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जहांगीर महल, खास महल, शीश महल, मुसम्मन बुर्ज, नगीना मस्जिद आदि स्थित हैं। हालांकि किले का आधे से ज्यादा भाग पर्यटकों के लिए खुला नहीं रहता।
लाल किले में कुछ समय गुजारने के बाद हम सभी ने ताजगंज की मशहूर कचौरियों का मजा लिया और निकल पड़े फतेहपुर सिकरी देखने। फ़तेह पुर सिकरी आगरा से कुछ दूरी पर स्थित है इसलिए फतेहपुर सीकरी जाने से पहले हमने होटल से चेक आउट कर लिया था ।
फतेहपुर सीकरी का निर्माण अकबर ने 17वीं सदी के आरंभ में कराया था। फतेहपुर सीकरी में एक बुलंद दरवाजा भी है। बुलंद दरवाज़ा लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है जिसके अंदरूनी हिस्सों में सफेद और काले संगमरमर की नक्काशी है।
फतेहपुर सीकरी वाकई बेहद शालीन और खूबसूरत है। इसी के साथ हम सभी लौट पड़े अपने घर यानी लखनऊ की ओर।
-आगरा में घूमते समय आपको कई गाइड मिलेंगे जो आपको आगरा घुमाने के लिए आपसे ज्यादा रकम मांगेंगे इसलिए गाइड करने से पहले मोलभाव जरुर करें।
-आगरा में शॉपिंग के लिए कुछ खास नहीं है लेकिन आगरा का पेठा खाना बिल्कुल भी ना भूले।
-आगरा का पानी काफी खारा है बेहतर है आप बिसलरी का पानी पिए।
-आगरा में जेब कतरों से सावधान रहें।