पश्चिमी घाट के ऊंचे पहाड़ों के पास झरनों और प्राकृतिक सौंदर्य से सजा है केरल राज्य। नारियल, चाय के बागान, हिल स्टेशन और समुद्रतटों के लिए मशहूर केरल राज्य की खूबसूरती किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकती है। समुद्र तटीय क्षेत्र केरल में आप यहां के स्वादिष्ट खाने और हाउसबोट का भी मज़ा ले सकते हैं।
केरल जैसी खूबसूरत धरती पर सुरम्य नज़ारा प्रस्तुत करने वाला शहर है कालपेट्टा जोकि वायानाड जिले में स्थित है। ये वायानाड जिले का हैडक्वार्टर है जोकि 2560 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये शहर वायानाड से 13 किमी और कोजिकोडे से 73 किमी की दूरी पर स्थित है और यह कोजिकेडे-मैसूर नैशनल हाईवे यानि एनएच 766 पर पड़ता है।
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चाय और कॉफी के बागानों से घिरे इस पूरे शहर में आपको हर जगह खुशबू बिखरी मिलेगी। शानदार और खूबसूरत पश्चिमी घाट पर स्थित कालपेट्टा रोमांटिक ट्रिप के लिए भी मशहूर है। यहां पर आप हनीमून मनाने आ सकते हैं।
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माना जाता है कि कालपेट्टा नामक शब्द कन्नड़ भाषा से लिया गया है जोकि पहले जैनियों का निवास हुआ करता था। कालपेट्टा का मतलब होता है रत्नों का खजाना। इस पूरे शहर में चारों तरफ हर आकार की चट्टानें और पत्थर बिखरे हुए हैं।
आज हम आपको कुछ कालपेट्टा में घूमने लायक कुछ दर्शनीय स्थानों के बारे में बता रहे हैं।
कंथनपारा झरना
चूंकि वायानाड पर्यटकों के बीच ज्यादा मशहूर है इसलिए कालपेट्टा में लोग कम ही घूमने आते हैं और यहां के दर्शनीय स्थलों के बारे में भी लोगों को कम ही पता है। दो राज्यों के बीच बहता है खूबसूरत कंथनपारा झरना। पहाड़ों में से बहता हुआ कंथनपारा झरना काफी खूबसूरत लगता है। ये झरना 100 फीट की ऊंचाई से बहता है। कंथपारा एक छोटा-सा झरना है जहां आप पिकनिक के लिए घूमने आ सकते हैं।PC:Guillaume Meunier
मीनमुट्टी झरना
मुख्य शहर कालपेट्टा से 30 किमी की दूरी पर स्थित है मीनमुट्टी झरना। ये स्थान भी वायानाड जिले का प्रमुख आकर्षण माना जाता है। 985 फीट की ऊंचाई से पानी तीन तलों में आकर गिरता है। आसपास का वातावरण भी काफी हरा-भरा है। वायानंद आने वाले पर्यटकों को मीनमुट्टी झरना जरूर देखना चाहिए।
इसस झरने तक पहुंचने के लिए आपको 2-3 किमी का छोटा-सा चट्टानी ट्रैक पूरा करना पड़ेगा। इस झरने को देखने का सही समय नवंबर से मई तक का होता है क्योंकि इस दौरान झरने के पानी का बहाव काफी तेज होता है।
हालांकि, इस मौसम में आपको झरने के पास काफी सवाधानी बरतनी होगी क्योंकि यहां पर पहले कई हादसे हो चुके हैं। ये झरना पर्यटकों के लिए सुबह 8 बजे से शाम को 5 बजे तक खुला रहता है और इसकी एंट्री फीस निशुल्क है।PC:vishwaant avk
करापुज्हा बांध
मिट्टी से बना भारत के सबसे बड़े बांधों में से एक है करापुज्हा बांध। ये भी कालपेट्टा का अन्य खूबसूरत दर्शनीय स्थल है जहां आप शाम के समय घूम सकते हैं। इस बांध की गहराई 158 फीट है और ये हरी-भरी घास से घिरा हुआ है। करापुज्हा बांध करापुज्हा नदी के पानी को रोकने के लिए बनाया गया है। करापुज्हा, काबिनी नदी की सहायक नदी मानी जाती है।PC:vishwaant avk
कैसे पहुंचे कालपेट्टा
वायु मार्ग : कालपेट्टा से 84 किमी की दूरी पर स्थित है कोज्किोड़े का कैलिकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा। ये कालपेट्टा से सबसे निकटतम एयरपोर्ट है। ये एयरपोर्ट भारत के अन्य प्रमुख शहरों जैसे चेन्न्ई, मुंबई और बैंगलोर आदि से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग : कालपेट्टा से सबसे समीपतम रेलवे स्टेशन है कोज्किोडे रेलवे स्टेशन जोकि शहर से 72 किमी की दूरी पर स्थित है। सह रेलवे स्टेशन हैदराबाद, मैंगलोर, पॉन्डिचैरी आदि शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग : एनएच 766 के पास होने के कारण कालपेट्टा शहर अन्य पड़ोसी शहरों और राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार द्वारा केरल के अन्य हिस्सों से कालपेट्टा के लिए नियमित बसें भी चलाई जाती हैं।PC: Dirtyworks