भारत का ह्रदय राज्य मध्य प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपने रहस्यमय स्थानों के लिए भी जाना जाता है। यहां कई ऐसे स्थल मौजूद हैं जिनका संबंध पौराणिक काल से है। जिनमें से बहुतों की खोज भारत में अंग्रजों के आगमन के बाद हुई। मध्यप्रदेश मुख्यत : अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए विश्व विख्यात है। कान्हा, खजुराहो, भीमबेटका, जबलपुर ये कुछ ऐसे स्थान हैं जहां सालभर सैलानियों का आना जाना लगा रहता है।
इनके अलावा भी राज्य में कुछ ऐसे पौराणिक स्थल हैं जो अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपने रहस्यमयी इतिहास के लिए भी जाने जाते हैं। आज इस विशेष खंड में हमारे साथ जानिए एक ऐसे भव्य मंदिर के बारे में जिसे भोलेनाथ का अधूरा मंदिर कहा जाता है, जिसे एक रात मे बनाने का स्वप्न देखा गया था। जानिए इससे पीछे छुपी पूरी कहानी।
भोजेश्ववर मंदिर का रहस्य
PC- Nagarjun Kandukuru
मध्यप्रदेश के भोजपुर गांव में स्थित भोलेनाथ को समर्पित मंदिर अपने अर्ध निर्माण के रहस्य के लिए जाना जाता है। जिसके पीछे की सच्चाई का पता आज तक कोई नहीं लगा सका। हालांकि इससे कई पौराणिक किवदंतियां अवश्य जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य एक रात में पूरा किया जाना था, लेकिन कारीगर यह काम पूरा नहीं कर सका। इसलिए यह मंदिर आज तक अधूरा ही है। जिसका फिर से निर्माण नहीं करवाया गया। रहस्य : हिमाचल की इस झील में गढ़ा है अरबों-खरबों का खजाना
एक रात में ही यह मंदिर क्यों बनना था ? क्यों इस मंदिर को अधूरा छोड़ दिया गया ? दिन की रोशनी से इन मंदिर के निर्माण में क्या दिक्कत थी ? ये कुछ ऐसे सवाल है जो जिनका सटीक जवाब किसी को नहीं पता।
मंदिर का विशाल शिवलिंग
PC- Nagarjun Kandukuru
धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज द्वारा बनवाया गया यह मंदिर अपने विशाल शिवलिंग के लिए जाना जाता है। एक ही पत्थर पर खड़ा यह विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है। जिसकी लंबाई 12 फीट बताई जाती है। पत्थर के साथ यह संपूर्ण शिवलिंग की लबाई 18 फीट है। राजा भोज के नाम पर ही इस मंदिर का नाम भोजेश्वर पड़ा।अद्भुत : इस अनोखी अदालत में देवी-देवताओं को मिलती है सज़ा
हालांकि पौराणिक किवदंतियों के अनुसार माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था। मंदिर परिसर को देखने से पता चलता है कि यहां और कई कई छोटे-छोट मंदिर बनाए जाने थे।
मंदिर की अन्य विशेषताएं
PC-Nagarjun Kandukuru
रहस्य पड़ताल : पाताल से जुड़ा कुआं बना वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भारत में इस्लाम धर्म के आगमन से पहले किया गया था। जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है मंदिर की गुम्बदाकार छत भारत की पहली ऐसी संरचना है।
प्राकृतिक आपदा का शिकार ?
PC- Nagarjun Kandukuru
भोजेश्वर मंदिर को बनाने में इस्तेमाल की गई वास्तुकला और खूबसूरत नक्काशी को देख ऐसा लगता है कि अगर यह मंदिर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाता तो यह भारत का पहला अलौकिक मंदिर बनता। जिसकी खूबसूरती की मिसाल पूरा विश्व देता। दुर्भाग्य से यह मंदिर पूरा न हो सका। जिसके पीछे की कहानी एक बड़ा रहस्य बन हमारे सामने है।
अद्भुत : यहां भूत को चढ़ाया जाता है मिनरल वाटर और सिगरेट
अन्य दर्शनीय स्थल : पार्वती गुफा
PC- Nagarjun Kandukuru
अद्भुत : यहां लगता है भूत-पिशाचों का सबसे बड़ा बाजार
अधूरा जैन मंदिर
PC- Nagarjun Kandukuru
भगवान शिव के मंदिर की ही तरह यहां एक अधूरा जैन मंदिर भी मौजूद है। इस मंदिर में भगवान शांतिनाथ की 6 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इसके अलावा यहां भगवान सुपारासनाथ और पार्शवनाथ की मूर्तियां भी मौजूद हैं। इस मंदिर में एक प्राचीन शिलालेख भी है जिसपर राजा भोज का नाम अंकित है। यह एकमात्र ऐसा साक्ष्य है जो सीधा परमार राजा भोज से जुड़ा है।रहस्यमयी सुरंगों वाली बावड़ी, जहां छुपा है अरबों का खजाना
कैसे करें प्रवेश
PC- Nagarjun Kandukuru
भोजेश्ववर मंदिर राज्य की राजधानी भोपाल से लगभग 32 किमी की दूरी पर स्थित है। जहां आप बस यहां स्थानीय परिवहन के माध्यमों से पहुंच सकते हैं। भोपाल आने के लिए आप रेल और हवाई मार्ग का सहारा ले सकते हैं। भोपाल रेलवे स्टेशन भारत के मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है। हवाई मार्ग के लिए आप भोपाल एयरपोर्ट का सहारा ले सकते हैं।रहस्य : इस किले में आज भी भटकती है नटिन की आत्मा