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कर्नाटक के वो "फ़ूड आइटम " जो बयां करते हैं एक ख़ास दास्तां

By Syedbelal

अच्छे खाने का हर कोई शौक़ीन होता है , किसी विशेष स्थान का भोजन उस शहर की पहचान होता है जहां से वो ताल्लुक रखता है। व्यक्ति किसी भी शहर के भोजन को देखकर वहां की सभ्यता और संस्कृति का भी अंदाजा लगा सकता हैं। इसी क्रम में आज हम आपको ले चलते हैं दक्षिण भारत के एक बेहद लोकप्रिय राज्य कर्नाटक में और हम आपको बताएंगे वहां के बेहद जायकेदार खाने के बारे में। आज कर्नाटक के कुछ शहर केवल अपने भोजन के लिए ही जानें जाते हैं तो अब जब आप कर्नाटक के इन शहरों में हों तो यहां के इन फेमस जायके को चखना न भूलें।

पढ़ें : कोलकाता में अगर ये चीजें नहीं खायी तो समझिये कुछ नहीं किया...

मैसूर पाक

मैसूर पाक

राज्य में मिठाई के तौर पर परोसी जाने वाली ये डिश घी चीनी और चने के बेसन से तैयार होती है। आपको बताते चलें कि कन्नड़ भाषा में पाक शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है शक्कर का घोल। एक पुरानी मान्यता के अनुसार मैसूर पाक का सबसे पहले निर्माण मैसूर पैलेस की रसोई में किया गया था। ये मिठाई राजा को इतनी पसंद आई की उन्होंने ये आदेश दिया कि सारे दुकानदार इसे अवश्य बनाएं और साधारण जनता को उपलब्ध कराएं।

दावणगेरे बेन्ने डोसा

दावणगेरे बेन्ने डोसा

बेन्ने डोसे की शुरुआत सबसे पहले कर्नाटक के दावणगेरे शहर में हुई थी। बेन्ने कन्नड़ भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है मक्खन। इस डोसे का स्वाद अपने आप में लाजवाब है तो अब यदि आपको इस डोसे का जायका लेना है तो एक बार दावणगेरे अवश्य आएं।

मद्दुर वडा

मद्दुर वडा

इस स्नैक का नाम कर्नाटक के मांडया के अंतर्गत आने वाले कसबे मद्दुर से हुआ है। इस वडे को बनाने में मैदे में चावल के आंटे के साथ प्याज हरी मिर्च, करी पत्ते, घिसे हुए नारियल सौंफ और जीरे का इस्तेमाल किया जाता है।

जोलड रोटी

जोलड रोटी

ये रोटी का एक प्रकार है जो बहुत ही मुलायम होती है। ये डिश उत्तरीय कर्नाटक की खासियत है। इस रोटी को बनाने में जौ के आंटे का इस्तेमाल किया जाता है और इसे बैंगन की सब्जी चटनी और अचार के साथ खाया जाता है।

 धारवाड़ पेड़ा

धारवाड़ पेड़ा

अगर आप अच्छा मीठा खाने के शौक़ीन हैं तो धारवाड़ में है। बात 175 साल पुरानी है 19 वीं शताब्दी में मध्य प्रदेश के उन्नाव का ठाकुर परिवार धारवाड़ स्थानांतरित हो गया था और यही लोग अपने साथ इस पेड़े को धारवाड़ लेके आये। धारवाड़ में इन पेड़ों की शुरुआत श्री राम रतन सिंह ने कि है और पेड़े को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। ये पेड़ा इनके परिवार द्वारा एक ख़ास विधि से बनाया जाता है।

मैंगलोर गोली भज्जी

मैंगलोर गोली भज्जी

आकार में टेबल टेनिस कि गेंद से मिलती इस भज्जी को कर्नाटक के लोग शाम में चाय के साथ बड़े चाव से खाते हैं। इस भज्जी को बनाने में मैदे के अलावा दही चावल के आंटे प्याज हरी धनिया नारियल के अलावा जीरे और हरी मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है।

बिदादी थट्टे इडली

बिदादी थट्टे इडली

बिदादी बैंगलोर मैसूर एक्सप्रेस हाईवे पर पड़ने वाला एक काजबा है।ये स्थान रामनगरम का एक तालुख भी है यहाँ आने पर आपको यहाँ की प्रसिद्द इडली का जायका चखने को मिलेगा जिसे यहाँ आलू सागू और लाल चटनी के साथ दिया जाता है।

नीर डोसा

नीर डोसा

नीर डोसा जिसका शाब्दिक अर्थ पानी का डोसा होता है। इस डोसे की ये खासियत है कि ये बहुत मुलायम होता है और आसानी से मुहं में घुल जाता है। ये डोसा कर्नाटक के तुलुकाडू का प्रमुख भोजन है।

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