भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपने किसी न किसी खास वजह जाने जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको उन मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने आप में बेहद खास है। ये सभी मंदिर अपने अनकही, अनसुनी रहस्यों के लिए जाने जाते हैं। ये अनसुनी कहानियां ऐसी वैसी नहीं है बल्कि श्रद्धालु इन पर विश्वास भी करते हैं और इसी तरीके से अपने भगवान की पूजा करते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ मशहूर मंदिरों के पीछे की अनसुनी अनकही कहानियों के बारे में...।
एकंबरेश्वर शिव मंदिर, कांचीपुरम
कांचीपुरम के प्रसिद्ध एकंबरेश्वर मंदिर के बारे में आप सभी जानते होंगे, यह भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। इस मंदिर के अंदर एक आम का पेड़ है, जो करीब 3500 साल पुराना बताया जाता है, जिसमें 4 प्रकार के आम पैदा होते हैं, जो अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है। इस मंदिर के पीठासीन देवता को एकम्बरेश्वर के नाम से जाना जाता है।
पेरुमल मंदिर, कांचीपुरम
कांचीपुरम में स्थित पेरुमल मंदिर का नाम तो आप सभी ने सुना ही होगा। पेरुमल प्रभु को भगवान तिरुपति बालाजी के बड़े भाई के रूप में जाना जाता है। अगर तिरुपति मंदिर में दर्शन करने नहीं जा सकते हैं तो आप इस मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। मंदिर में दर्शन करने पर आपको तिरुपति जितना ही फल मिलता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में नमक का उपयोग एकदम वर्जित है। मंदिर के अंदर नमक ले जाने की अनुमति नहीं है और न ही इसका उपयोग किसी भी भोजन की तैयारी में किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान ने वादा किया था कि वह इस स्थान में बिना नमक के भोजन करेंगे।
वेदगिरिश्वरर मंदिर, तमिलनाडु
तमिलनाडु के तिरुकलुकुंड्रम में स्थित वेदगिरिश्वरर मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जो भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का नाम पवित्र ईगल के नाम पर रखा गया है, जो हर रोज इस पहाड़ी मंदिर में आते हैं। इसीलिए इस मंदिर को पाक्षी तीर्थम या दक्षिण के कैलाश के रूप में भी जाना जाता है। यहां हर दोपहर मंदिर में दो चील चढ़ाए गए मीठे चावल को खाने लिए आते हैं और पानी पीने के बाद उड़ जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये दोनों चील प्राचीन काल से ही भगवान शिव की आराधना करने और उनके श्राप से मुक्ति पाने के लिए यहां आते हैं।
गवी गंगाधरेश्वर मंदिर, बैंगलोर
कर्नाटक के बैंगलोर में स्थित गवी गंगाधरेश्वर मंदिर, गविपुरम गुफा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यह एक हिंदू मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह एक गुफा मंदिर है, जो अपने जादुई घटना के कारण प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर के शिवलिंग पर घी मलने से वह मक्खन में बदल जाता है। ऐसा कई लोगों के साथ हुआ भी है।
थिरुनागेश्वरम मंदिर, थिरुनागेश्वरम
थिरुनागेश्वरम मंदिर सांपों के राजा राहु को समर्पित है, जहां वे अपनी पत्नी नागा वल्ली और नागा कन्नी के साथ विराजमान हैं। इस स्थान पर राहु ने भगवान शिव की पूजा की थी, इसी लिए इस स्थान को तिरुनागेश्वरम कहा गया। राहु की पूजा के लिए रविवार का दिन काफी शुभ माना जाता है, ऐसे में काफी भक्त इस मंदिर में दूध से अभिषेक करने आते हैं। मान्यता है कि अभिषेक के दौरान मूर्ति पर दूध डालने पर उसका रंग नीला हो जाता है लेकिन जब मूर्ति के माध्यम से बहता हुआ जमीन पर गिरता है तो दूध फिर से सफेद हो जाता है।