Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »भारत के सबसे पुराने शहर जहां की संस्कृति और विरासत आज भी जिंदा है

भारत के सबसे पुराने शहर जहां की संस्कृति और विरासत आज भी जिंदा है

भारत के इतिहास का सही अवलोकन आज तक कोई नहीं कर सका और शायद ना कोई कर सकता है। ये देश जितना पुराना है उतना यहां के शहर। यहां के कई ऐसे शहर हैं, हजारों साल पुराने होने के बावजूद आज भी इनकी चमक बरकरार है। इन शहरों की धरती पर कदम रखते ही आपको यहां संस्कृति और विरासत का एहसास होने लगता है।

यहां के पुराने शहर, पुरानी इमारते और लोग आपको उस जमाने, उस सदी की याद दिलाते हैं, जिनके बारे में आप सिर्फ और सिर्फ कहानियों में ही सुनते आए हैं। इन सभी शहरों में आपको कई ऐसे स्मारक या मंदिर मिल जाएंगे, जो सैकड़ों साल पुराने हैं और इनका भी किसी न किसी महाकाव्य या ग्रन्थों में जिक्र किया गया है।

काशी (वाराणसी)

काशी (वाराणसी)

वाराणसी को आज भी लोग काशी के नाम से जानते हैं। ये शहर ना सिर्फ भारत का बल्कि दुनिया के सबसे प्राचीनतम शहरों में से एक है। बाबा भोलेनाथ की नगरी कही जाने वाली काशी नगरी में सदियों पुरानी इमारते, प्राचीन मंदिर और गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर सभी तीर्थयात्रियों की यात्रा लिस्ट में जरूर शामिल होनी चाहिए। काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के साथ यहां कई प्रसिद्ध मंदिर जैसे- दुर्गाकुण्ड मंदिर, संकट मोचन मंदिर, काल भैरव मंदिर, नया विश्वनाथ मंदिर है। इसके अलावा यहां पर प्रसिद्ध बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय, सारनाथ, अस्सी घाट, दशाश्वमेघ घाट, मणिकर्णिका घाट व हरिचंद्र घाट प्रमुख है। काशी को लेकर कहा जाता है कि ये शहर इतिहास से भी पुराना है तो ये झूठ नहीं है।

वृंदावन

वृंदावन

वृंदावन को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है। इस शहर में आज भी कृष्ण के होने का एहसास आपको मिलता रहेगा। यहां पर आज भी लोग आपको वैसे ही मिलेंगे, जैसे हजारों साल पहले भगवान कृष्ण के समय दिखाई देते हैं। आज भी यहां की संस्कृति और विरासत आप अपनी आंखों से देख सकते हैं। कहा जाता है कि यहां पर आज भी कृष्णा राधा के साथ रास रचाते हैं।

अयोध्या

अयोध्या

ये शहर भगवान श्रीराम के जन्मभूमि के रूप में जानी जाती है। सरयूं नदी के किनारे बसा ये शहर आज भी अपनी संस्कृति को नहीं भूला है। इसी सरयूं नदी में प्रभु श्रीराम ने जल समाधि भी ली थी। आज भी यहां के लोग भगवान राम को अपना राजा मानते हैं और उनकी हर रोज पूजा किया करते हैं। इस शहर में भारत का सबसे भव्य मंदिर (राम मंदिर) भी बन रहा है, जो अपने इतिहास को जन्म-जन्मांतर के लिए अमर कर देगा।

पटना

पटना

पटना शहर को पहले पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। यह शहर करीब ढाई हजार साल माना जाता है। इसी शहर में आर्यभट्ट और चंद्रगुप्त मौर्य जैसे विद्वान भी जन्में हैं। इतना ही नहीं, यहां पर सिखों के 10 वें गुरु 'गुरु गोबिंद सिंह' का जन्मस्थान भी है। ये शहर बोधगया और नालंदा पास होने के चलते दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

उज्जैन

उज्जैन

क्षिप्रा नदी के किनारे बसा उज्जैन शहर अपने धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। इस शहर का उल्लेख कवि कालिदास ने अपने महाकाव्यों में भी किया है। इस शहर पर मौर्य, नंद और गुप्त वंश जैसे कई साम्राज्यों का कभी हुकूमत थी। ये शहर इन वंशों के उत्थान और पतन दोनों का गवाह है। यहां पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, सूफी संत रूमी का मकबरा जैसे धार्मिक स्थल आपको देखने को मिल जाएंगे।

पुष्कर

पुष्कर

पौराणिक मान्यताओं की मानें तो एक बार ब्रह्मा जी के हाथ एक कमल का फूल पृथ्वी पर इसी स्थान पर गिरा था, इसीलिए इस स्थान का नाम पुष्कर पड़ गया। राजस्थान के इस शहर पर मुगलों और बाद में सिंधियाओं का हुकूमत चला है। कहा जाता है कि ये शहर कितना पुराना आज तक इसका कोई साक्ष्य या प्रमाण नहीं मिला है। यहां पर विश्व का एकलौता ब्रह्मा मंदिर है और यहां हर साल वार्षिक पुष्कर ऊंट मेले का आयोजन भी किया जाता है। यहां पर परम्परा आज भी आपको पुराने वाले पुष्कर की याद दिला देगी।

द्वारका

द्वारका

अरब सागर के किनारे बसा ये शहर गुजरात में स्थित है, जो करीब 5000 साल से भी पुराना बताया जाता है। यहां भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत समाप्त होने के बाद अपनी नगरी बसाई थी, जो जीवंत होने के कई साक्ष्य भी मिल चुके हैं। यहां के पुरोहितों या आसपास के लोगों की मानें तो उनका कहना है कि अरब सागर में द्वारका नगरी डूब गई है, जो आज भी उसी हालत में है जैसे पहले उस समय थी।

मदुरई

मदुरई

तमिलनाडु का मदुरई शहर करीब 2500 साल पुराना है। इस शहर पर कभी चोलों और पांड्यों जैसे साम्राज्यों का शासन रहा है। यहां आपको विश्व प्रसिद्ध मीनाक्षी अम्मन मंदिर देखने को मिल जाएगा, जिसे देखने के बाद आप इसकी खूबसूरती में खो जाएंगे। माना जाता है कि मदुरई को 600 ई. पू. में बनाया गया था।

तंजावुर

तंजावुर

तंजावुर का पुराना नाम तंजौर था, जो तमिलनाडु राज्य में स्थित है। ये शहर कभी नायकों और चोलों का शाही शहर हुआ करता था। इस शहर का नाम राक्षस तंजनासुर के नाम से लिया गया है। ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर श्री आनंदवल्ली अम्मन और भगवान विष्णु द्वारा उसका वध किया गया था। ये शहर ना सिर्फ इतिहास से जुड़ा है बल्कि इस शहर का जिक्र पुराणों में भी किया गया है।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X