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वृन्दावन के 10 मुख्य आकर्षक केंद्र!

सबके लाडले और दुलारे कन्हैया के जन्म की आप सबको बहुत सारी बधाइयाँ ! हर साल भगवान् श्री कृष्ण के जन्मदिन पर लोगों के चेहरे से ही उनके भगवान के पैदा होने की ख़ुशी साफ़ झलकती है। घरों में नए पालने आते हैं, भक्त व्रत रख अपनी कृष्णभक्ति को और गाढ़ा करते हैं। कन्हैया की नगरी, मथुरा और वृन्दावन में तो नज़ारा ही कुछ अलग होता है। हर छोटे-छोटे मंदिरों में कन्हैया के पैदा होने की बधाई गीत बजते हैं। लोग नाचते गाते भगवान श्रीकृष्ण जी का स्वागत करते हैं।

आज हम कृष्ण की नगरी, वृन्दावन की सैर पर चलते हैं जो पुरे साल कृष्ण भक्ति में लीन रहता है और इस दिन तो यहाँ नज़ारा ही अलग होता है। वृन्दावन में कई ऐसे आकर्षक केंद्र हैं जो भारत ही नहीं दुनिया भर में रहने वाले कृष्ण भक्तों को हर साल अपनी ओर खींचते हैं।

चलिए इन्हीं आकर्षक केंद्रों के नज़ारों से रूबरू होते हैं।

प्रेम मन्दिर

प्रेम मन्दिर

प्रेम मन्दिर के निर्माण में 11 साल का समय और लगभग 100 करोड़ रुपए की धन राशि लगी है। इसमें इटैलियन करारा संगमरमर का प्रयोग किया गया और इसे राजस्थान और उत्तरप्रदेश के एक हजार शिल्पकारों ने मिलकर बनाया था। यह मन्दिर प्राचीन भारतीय शिल्पकला के पुनर्जागरण का एक नमूना है।

Image Courtesy:AX JKP

इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिर

1975 में बने इस्कॉन मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर ठीक उसी जगह पर बना है, जहां आज से 5000 साल पहले भगवान कृष्ण दूसरे बच्चों के साथ खेला करते थे।

Image Courtesy:Nimit Kumar Makkar

बाँके बिहारी मंदिर

बाँके बिहारी मंदिर

वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जिसे प्रचीन गायक तानसेन के गुरू स्वमी हरिदास ने बनवाया था। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में राजस्थानी शैली की बेहतरीन नक्काशी की गई है।

Image Courtesy:Rajatdesiboy

निधिवन मंदिर

निधिवन मंदिर

निधिवन मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की प्रसिद्ध लीला स्थलियों में से एक है। यह धार्मिक नगरी मथुरा में वृन्दावन के प्रसिद्ध स्थलों में से है। श्री राधारानी की अष्टसखियों में प्रधान ललिता सखी के अवतार रसिक संत संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदासजी महाराज की यह साधना स्थली है।

मदन मोहन मंदिर

मदन मोहन मंदिर

मदन मोहन जी का मंदिर वृंदावन में स्थित एक वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है।निमार्ण के समय और शिल्पियों के संबन्ध में कुछ जानकारी नहीं है। प्रचलित कथाओं में आता है कि राम दास खत्री व्यापारी की व्यापारिक सामान से लदी नाव यहाँ यमुना में फंस गयी थी। जो मदन मोहन जी के दर्शन और प्रार्थना के बाद निकल गयी।

Image Courtesy:Atarax42

केसी घाट

केसी घाट

ऐसा माना जाता है कि वृंदावन में ही भागवान कृष्ण ने बचपन का अधिकांश समय बिताया था। इसी मान्यता अनुसार केसी घाट पर ही भगवान कृष्ण दुष्ट राक्षस केशी से लड़े थे और अपने मित्रों व समुदाय को उनकी दुष्टता से बचाया था। आज भी केसी घाट इस घटना को अपने हृदय में समाए हुए विराजमान है।

Image Courtesy:Jpatokal

गोविंद देव जी मंदिर

गोविंद देव जी मंदिर

गोविन्द देव जी का मंदिर वृंदावन में स्थित वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है। मंदिर की भव्यता का अनुमान इस उद्धरण से लगाया जा सकता है कि जब औरंगज़ेब ने शाम को टहलते हुए, दक्षिण-पूर्व में दूर से दिखने वाली रौशनी के बारे जब पूछा तो पता चला कि यह चमक वृन्दावन के वैभवशाली मंदिरों की है।

Image Courtesy:Aleksandr Zykov

श्री वृंदाकुंड

श्री वृंदाकुंड

वृंदा कुंड वही जगह है जहाँ वृंदा देवी रोज़ बैठ कर राधा और कृष्ण द्वारा बिताये जाने वाले दिनों के बारे में विचार करते थीं। यहाँ स्थित मंदिर में वृंदा देवी की एक सुन्दर प्रतिमा भी स्थापित है।

 पागल बाबा मंदिर

पागल बाबा मंदिर

मथुरा से वृंदावन के मार्ग में फूल की आकृति में एक विशाल संगमरमर का मंदिर है, जो देखने में काफी सुंदर है। इसे पागल बाबा का मंदिर कहा जाता है। दस मंजिला इस विशाल मंदिर की सुंदरता में आप खो जायेंगे।

Image Courtesy:Rishabh gaur

कुसुम सरोवर

कुसुम सरोवर

कुसुम सरोवर गोवर्धन से लगभग 2 किलोमीटर दूर राधाकुण्ड के निकट स्थापत्य कला के नमूने का एक समूह जवाहर सिंह द्वारा अपने पिता सूरजमल की स्मृति में बनवाया गया। ई. 1675 से पहले यह कच्चा कुण्ड था जिसे ओरछा के राजा वीर सिंह ने पक्का कराया उसके बाद राजा सूरजमल ने इसे अपनी रानी किशोरी के लिए बाग़-बगीचे का रूप दिया और इसे अधिक सुन्दर और मनोरम स्थल बना दिया।

Image Courtesy:Gaura

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