14 जनवरी को पूरे देश में हर्षौल्लास के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनायी जा रही है। इस दिन लोग गंगा स्नान के साथ करने के साथ दान-पुण्य करने की परम्परा है। इस दिन उत्तरायण भी होता है,इसलिए इस पर्व को गुजरात में उत्तरायण के नाम से भी मनाया जाता है।
भारत में मकर संक्रांति के विभिन्न रूप हैं, जिन्हें अलग अलग अंदाज में मनाया जाता है। इस दिन देश के कई राज्यों में नई फसलों का आगमन होता है, और किसान अपनी अच्छी फसल के लिए सूर्य भगवान को अपना आभार प्रकट करते हैं। मकर संक्राति भारत का एक ऐसा पर्व है, जिसे सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है, लेकिन अलग अलग नामों के साथ तो आइये जानते हैं, किस राज्य में किस तरह मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्यौहार।
उत्तरायण
गुजरात में मकर संक्राति का पर्व बेहद हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है, नये साल के शुरू होते ही,गुजरात में लोग मकर संक्रांति की तैयारियों में जुट जाते हैं। इतना ही नहीं इस पर्व पर गुजरात में जमकर पतंगे उड़ाई जाती हैं । इसके अलावा इस समय गुजरात में इंटरनेशनल काईट फेस्टिवल आयोजित किया जाता है,जिसमे कई विदेशी देश हिस्सा लेने पहुंचते हैं। इस दिन गुजरात में बाजारों में तिल,गुड़,गजक, मूंगफली की भरमार रहती है।Pc:Bhavishya Goel
लोहड़ी
हरियाणा और पंजाब में मकर संक्रांति को लोहड़ी के रूप में मनाते हैं। 'लोहड़ी' का अर्थ ल (लकड़ी) +ओह (गोहा = सूखे उपले) +ड़ी (रेवड़ी) = 'लोहड़ी' .. ये होता है। ये फसलों का त्योहार कहा जाता है क्योंकि इस दिन पहली फसल कटकर तैयार होती है। इस दिन महिलाएं आग जलाकर उसके चारों और घूमकर अग्निदेव की पूजा कर उन्हें मूंगफली, तिल की बने मिठाइयाँ चढ़ाती हैं, और आपस में मिलकर गीत गीत गाती हैं,इस दिन अभी एक दूसरे के घर जाते हैं और मक्के की रोटी और सरसों के साग का लुत्फ उठाते हैं।
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पोंगल
तमिल नाडू में मकर संक्रांति को पोंगल के रूप में मनाया जाता है, यहां ये त्यौहार करीब चार दिन तक चलता है। इस दिन सभी लोग अपने घरों की साफ सफाई कर नया सामान खरीदते हैं, इस दिन यहां मिट्टी के बर्तन में खीर बनाने का चलन है,जिसे पोंगल कहा जाता है,खीर पकाने के बाद सबसे पहले भगवान सूर्य को खिलाया जाता है।
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खिचड़ी
उत्तर प्रदेश में मकर संक्राति को खिचड़ी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घरों में खिचड़ी बनती हैं, साथ ही खिचड़ी के साथ साथ मूंगफली की चिक्की,गजक, तिल के लड्डू आदि भी दान किया जाता है।
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राजस्थान
राजस्थान में भी गुजरात की तरह मकर संक्रांति के दिन पतंगें उड़ाने का चलन है, इस दिन पतंगे उड़ाने के साथ साथ इस दिन महिलायों को सुहाग का सामान भी दिया जाता है। घरों में फेनी,तिल के लड्डू,खीर ,घेवर, व्यंजन आदि बनाये जाते हैं।
बिहार-झारखंड
इन दोनों राज्यों में मकर संक्रांति और खिचड़ी दोनों ही मनाया जाता है, इस दिन यहां दही चुड़ा और बहोड़ा खाने का प्रचलन है। इसी के साथ यहां रात के भोजन के लिए एक अलग प्रकार की खिचड़ी बनाई जाती है जिसे चोखा,पाप ,घी,अचार की चौकड़ी के आठ परोसा जाता है। इसके अलवा मीठे में तिल के लड्डू,तिल की मिठाई,गुड,मस्का आदि शामिल है।Pc:Soniya Goyal
तिळगुळ घ्या गोड गोड बोला
महाराष्ट्र में मकर संक्राति को तिळगुळ घ्या गोड गोड बोला के नाम से तीन दिन तक मनाया जाता है, ओस दिन यहां पुरण की रोटी खाने का महत्व है। इस पर्व की खास बात यह है कि,तिल- गुड़ बांटकर सभी पुरानी कडवाहटों को भुलाकर लोग आगे बढ़ते हैं।