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कलात्मक मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर मथुरा

By Khushnuma

मथुरा कलात्मक नगर होने के साथ साथ ऐतिहासिक धरोहर भी है। यह नगर भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है। कहा जाता है यहाँ कहीं भी एक पत्थर उछालो तो वो किसी न किसी मंदिर में ही गिरेगा इसलिए तो इस नगरी को 'मंदिरों की नगरी' कहा जाता है। यहाँ के पौराणिक किस्से कई हैं और उन किस्सों में छुपी आस्था भी अटूट है।

मथुरा ना सिर्फ मंदिरों के लिए मशहूर है बल्कि इस नगर ने भारत को अनमोल रत्न भी दिए हैं जिन्होंने मथुरा को साहित्यिक इतिहास में सर्वोपरि पहुंचाया है। महाकवि सूरदास, स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास और कवि रसखान आदि नगीने मथुरा की ऐतिहासिक भूमि से जुड़े हुए हैं। यहाँ आकर आप मथुरा के चारों शिव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। पिपलेश्वर, रंगेश्वर, भूतेश्वर और गोकर्णेश्वर आदि। तो क्यों न दोस्तों इस वेकेशन सैर की जाए मंदिरों के नगर और साहित्यिक नगर मथुरा की।
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कलात्मक मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर मथुरा

Image Courtesy:Rao'djunior
पोटारा कुंड जिसका मतलब है पावन दरवाज़ा

भगवान शिव जी के यह चारों मंदिर पिपलेश्वर, रंगेश्वर, भूतेश्वर और गोकर्णेश्वर मथुरा की चारों दिशाओं में बने हैं इसीलिए यहाँ भगवान शिव जी को मथुरा का कोतवाल कहा जाता है जिनके रहते मथुरा सुरक्षित मानी जाती है। इन मंदिरों के अलावा आप यहाँ प्रमुख दर्शनीय स्थलों की भी सैर कर सकते हैं जैसे- जामा मस्जिद, वृन्दावन, कृष्ण जन्मभूमि, शाही ईदगाह, पागल बाबा का मंदिर, विश्राम घाट, द्वारकाधीश मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, गीता मंदिर, कृष्ण बलराम मंदिर, संग्राहलय, कांच का मंदिर, निधिवन, गोविंद मंदिर, टेढ़े खम्बों का मंदिर, रंगजी मंदिर और पोटारा कुंड आदि। पोटारा कुंड के बारे में कहा जाता है कि पोटारा कुंड वहाँ बना है जहाँ भगवान श्री कृष्ण की माता कपड़े धोया करती थीं।
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कलात्मक मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर मथुरा

Image Courtesy:Poco a poco
कृष्णा जन्मभूमि मंदिर

कहा जाता है कि जहाँ भगवान का जन्म हुआ था वहां पहला मंदिर 80-57 में बनवाया गया था। अगर आप मथुरा आ रहे हैं तो आपको बतादें की यहाँ की भी आप सैर कर सकते हैं। यहाँ आपको विशाल मंदिर के साथ साथ भक्तों की लंबी कतार मिलेगी जो भगवान श्री कृष्ण प्रेम में दूर दूर से दर्शन करने आये होंगे। सचमुच यहाँ का दृश्य अद्भुत होता है। चारों और मंदिर में गूंजते भजन संध्या के समय आरती आदि का मनमोहक दृश्य देख मन प्रसन्न हो जाता है।
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कलात्मक मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर मथुरा

Image Ciurtesy:J.S. Jaimohan
मथुरा की बरसाना होली

अगर आप मथुरा सैर करने की सोच रहे हैं तो आपको बतादें की पूरे एक दिन में आप मथुरा वृन्दावन की सैर कर सकते हैं। यहाँ के अधिकतर मंदिर सुबह से दिन के बारह बजे तक ही खुलते हैं फिर शाम को 4 से 6 या 7 बजे तक खुलते हैं। तो आपको इसी के हिसाब से आपने कार्यक्रम बनाना होगा कि इस समय पर आप मंदिरों के दर्शन कर सकें और बाकी के समय संग्राहलय, जामा मस्जिद, ईदगाह आदि और भी जगह घूम सकते हैं। खरीदारी कर सकते हैं।
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कलात्मक मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर मथुरा

Image Courtesy:Nico Crisafulli
जय गुरुदेव आश्रम

अगर आप भो शान्ति के कुछ पल बिताना चाहते हैं मन की शान्ति के लिए इधर उधर भटक रहे हैं तो यहां अवश्य आएं। यहाँ का वातावरण बेहद शांत व सुकून भरा रहता है। यहाँ बहुत से यात्री ज्ञान की खोज में आते हैं। जय गुरुदेव आश्रम का नामकरण महान स्वामी जय गुरुदेव के नाम पर हुआ है।

कलात्मक मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर मथुरा

Image Courtesy:Biswarup Ganguly
मथुरा संग्रहालय में प्राचीन भारत के पुराने अवशेष और मूर्तियाँ रखीं हैं

अगर आप मथुरा सैर करने की सोच रहे हैं तो आपको बतादें की पूरे एक दिन में आप मथुरा वृन्दावन की सैर कर सकते हैं। यहाँ के अधिकतर मंदिर सुबह से दिन के बारह बजे तक ही खुलते हैं फिर शाम को 4 से 6 या 7 बजे तक खुलते हैं। तो आपको इसी के हिसाब से आपने कार्यक्रम बनाना होगा कि इस समय पर आप मंदिरों के दर्शन कर सकें और बाकी के समय संग्राहलय, जामा मस्जिद, ईदगाह आदि और भी जगह घूम सकते हैं। खरीदारी कर सकते हैं।

कलात्मक मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर मथुरा

Image Courtesy:आशीष भटनागर
प्रेम मन्दिर का मुख्य प्रवेश द्वार

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