जैसे ही कभी आप भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में शुमार राजस्थान की कल्पना करते होंगे तो जो सबसे पहली चीज आपके दिमाग में आती होगी वो वहां का तपता सूरज, दूर दूर तक फैली रेत और उनमें दौड़ते ऊँट। लेकिन अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो आपको आश्चर्य चकित करने के लिए काफी है। जी हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान की झीलों कि जो हर साल देश के अलावा दुनिया भर के पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं।
PICS : वो हॉट, अमेजिंग, दिलकश और सेक्सी गोवा जो शायद आज से पहले आपने कभी न देखा हो
गौरतलब है कि पानी की कमी के चलते राजस्थान में स्थित ज्यादातर झीलें कृत्रिम हैं, साथ ही जिनको बनवाने का उद्देश्य राज्य में पानी की आपूर्ति को पूरा करना था। यदि बात राजस्थान की सबसे खूबसूरत झीलों कि हो तो अना सागर झील, बालसमंद झील, फॉय सागर झील, फतेह सागर झील यहां की कुछ फेमस झीलें हैं। इसी क्रम में आज अपने इस आर्टिकल में आज हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं राजस्थान की कुछ बेहद खूबसूरत झीलों से।
अना सागर झील
अना सागर झील, 13 किमी के क्षेत्र में फैली है, एक कृत्रिम झील है जो पृथ्वी राज चौहान के पितामह अनाजी चौहान द्वारा निर्मित की गई थी। झील में जलग्रहण स्थानीय लोगों की मदद के साथ 1135 और 1150 ई. के मध्य बनाया गया था। झील में एक द्वीप है और सुंदर बगीचे और यह संगमरमर के मंडपों से घिरा हुआ है। द्वीप तक पहुँचने के लिए पर्यटकों हेतु दौलत बाग उद्यान के पूर्वी हिस्से से नाव एवं जल स्कूटर उपलब्ध हैं। झील की सुन्दरता को बढाने के लिए मुगलों द्वारा अतिरिक्त निर्माण भी किये गये थे।
बालसमंद झील
बालसमंद झील, 1159 ई0 में बालाक राव परिहार द्वारा निर्मित, जोधपुर- मंदौर रोड पर स्थित है। पहले, इस झील ने मंदौर के लिये एक जलाशय के रूप में कार्य किया। यह एक हरे उद्यान से घिरा हुआ है जहाँ गीदड़ और मोर पाये जाते हैं। बालसमंद लेक पैलेस झील में स्थित है। इस महल ने जोधपुर के शाही परिवारों के लिए एक गर्मी के राहत पाने के स्थान के रूप में सेवा की। पारंपरिक राजपूताना स्थापत्य शैली के साथ, यह महल जोधपुर के प्रसिद्ध हेरिटेज होटलों में से एक है।
फतेह सागर झील
फतेह सागर एक सुंदर नाशपाती के आकार की कृत्रिम झील है जिसे महाराणा फतेह सिंह द्वारा वर्ष 1678 में विकसित किया गया था। यह उदयपुर के चार झीलों में से एक है, और इसे शहर का गौरव माना जाता है। अपनी सुंदर नीले पानी, और हरे भरे परिवेश की वजह से जगह को 'दूसरा कश्मीर' के रूप में जाना जाता है। यहाँ झील के बीच में तीन छोटे द्वीप स्थित हैं। कनॉट के ड्यूक, जो महारानी विक्टोरिया का बेटा था, ने झील की नींव रखी थी। यह पिछोला झील और रंग सागर झील से एक नहर के द्वारा जुड़ा हुआ है।
जय समंद झील
अलवर शहर से 6 किलोमीटर दूर स्थित जय समंद झील एक कृत्रिम झील है। महाराजा जय सिंह द्वारा वर्ष 1910 में बनवायी गयी यह झील एक लोकप्रिय स्थल है। यहाँ आगंतुक पानी से खेल सकते हैं और मछली पकड़ने का आनंद ले सकते हैं।
कैलाना झील
कैलाना झील एक छोटी कृत्रिम झील जैसलमेर रोड पर स्थित है। यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। झील पर नौका विहार की सुविधा राजस्थान पर्यटन विकास निगम द्वारा उपलब्ध है। इस झील का एक और हिस्सा तखत सागर झील के रूप में जाना जाता है, जो जोधपुर शहर से लगभग 10 किमी दूर स्थित है। इस झील का नाम राजा तखत सिंह, जिन्होंने 19 वीं सदी के दौरान जोधपुर पर शासन किया, के नाम पर रखा गया है।
फॉय सागर झील
फॉय सागर झील एक कृत्रिम झील है जिसका निर्माण अजमेर के पास वर्ष 1892 में अंग्रेज़ वास्तुकार श्री फॉय की निगरानी में हुआ था। झील का निर्माण मूल रूप से एक सूखा राहत परियोजना के हिस्से के तहत् किया गया था, एवं यह पानी के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में सेवा देती है। झील की सुन्दरता अपने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
मन सागर झील
मन सागर झील का भी शुमार राजस्थान की सबसे खूबसूरत झीलों में होता है। ये झील जयपुर में स्थित है ज्ञात हो कि जयपुर का लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण जल महल भी इसी झील के बीचों बीच स्थित है। चारो ओर से अरावली पहाड़ियों से घिरी ये झील ऐसी है जो किसी का भी मन मोह ले। हमारा सुझाव है कि यदि आप जयपुर में हों खूबसूरत झील को निहारना न भूलें।
माओटा झील
माओटा झील का भी शुमार राजस्थान की प्रमुख झीलों में होता है। अम्बेर के किले के पास मौजूद ये झील उनके लिए है जो प्रकृति को उसके सबसे खूबसूरत रूप में देखना चाहते हैं। आपको बता दें कि इस झील के आस पास का स्थान पिकनिक के लिए एक परफेक्ट स्थान है तो यदि आप जयपुर स्थित अम्बेर हों तो इस झील की यात्रा अवश्य करें।
नक्की झील
नक्की झील माउंट आबू का एक अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहाँ अनेक पर्यटक और स्थानीय लोग आते हैं। यह 1200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और भारत की एकमात्र कृत्रिम झील है। यह एक सुंदर और शांत स्थान है जिसकी पृष्ठभूमि में सुरम्य पहाडियाँ हैं। पर्यटक गाँधी घाट का भ्रमण भी कर सकते हैं जो महात्मा गाँधी की याद में बनाया गया था। 12 फरवरी 1948 को उनकी राख इस झील में विसर्जित की गई।
पिछोला झील
पिछोला झील एक कृत्रिम झील है जिसे 1362 ई. में विकसित किया गया था, और पिछोली नामक गांव के नाम पर इसका नाम रखा गया है। उदयपुर की पीने और सिंचाई की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक बांध का निर्माण किया गया जिसके क्रम में झील बनी। महाराणा उदय सिंह को झील के परिवेश ने अत्यधिक प्रभावित किया, इसलिए उन्होंने इस झील के तट पर उदयपुर शहर का निर्माण करने का फैसला किया। झील 696 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैली है, और इसकी अधिकतम गहराई 8.5 मीटर है।
पुष्कर झील
पुष्कर झील, एक अर्द्ध गोलाकार पवित्र जल से भरी झील है जिसे तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदु पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवाना ब्रहमा ने दानव वज्र नाभ का कमल के फूल से वध किया तो उस फूल की एक पंखुडी टूटकर यहां गिर गई और झील की उत्पत्ति हुई। इस पवित्र हिंदू झील की अधिकतम गहराई 10 मीटर है। पुष्कर झील, चारों तरफ से लगभग 300 मंदिरों और 52 घाटों से घिरा हुआ है, जहां श्रृद्धालु पवित्र स्नान करते हैं। यह एक धारणा है कि अगर कोई व्यक्ति कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस झील में पवित्र डुबकी लगाता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
सांबर सॉल्ट झील
सांबर सॉल्ट झील राजस्थान की एक अन्य प्रमुख झील है जिसका आकार एक कटोरे जैसा है। आपको बताते चलें कि यह झील भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय साल्ट लेक होने के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही इस झील की एक ख़ास बात और है इस झील से यहां राज्य में बड़ी संख्या में नमक का उत्पादन किया जाता है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए नमक निर्माण अपने आप में दिलचस्प है।