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अगर आप में है घुमक्कड़ का कीड़ा, तो इन खास जगहों पर है इसका इलाज

आज भारत में कई खूबसूरत हॉलिडे डेस्टिनेशन, जो देशी और विदेशी पर्यटकों के बीच विखायता है, जिस कारण यहां हर सीजन में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके अलावा यहां कुछ ऐसी भी गुमनाम हॉलिडे डेस्टिनेशन है

By Goldi

आज भारत में कई खूबसूरत हॉलिडे डेस्टिनेशन, जो देशी और विदेशी पर्यटकों के बीच विखायता है, जिस कारण यहां हर सीजन में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके अलावा यहां कुछ ऐसी भी गुमनाम हॉलिडे डेस्टिनेशन हैं, जो आज भी पर्यटकों की नजरों से दूर है ।

हालांकि इन खास जगहों तक पहुँचने के लिए थोड़ी से मेहनत करनी पड़ती है, जिसके चलते पर्यटक शायद यहां तक नहीं पहुंचते हैं, और ये जगह भी बेहद खूबसूरत है, जो आज भी शहरीकरण और प्रदूष्ण की गिरफ्त से दूर आपको एक खुली हवा प्रदान करती हैं।

तो अगर आप हमेशा ही कुछ नया घूमने की ख्वाइश रखते हैं तो आपको भारत की इन खास जगहों की सैर अवश्य करनी चाहिए..

फुगताल मठ

फुगताल मठ

कश्मीर कश्मीर

रोजरी चर्च

रोजरी चर्च

भारत के कई गुमनाम डेस्टिनेशनों में से एक शेट्टीहल्ली का रोजरी चर्च वो स्थान है जिसे एक पर्यटक को अवश्य देखना चाहिए। हेमावती नदी के किनारे मौजूद इस चर्च का निर्माण 1860 में फ्रेंच मिशनरीज द्वारा किया गया था। इस खूबसूरत चर्च की एक खासियत ये कि ये चर्च तब पानी में जल मग्न रहता है जब बाँध का पानी छोड़ा जाता है।Pc:Bikashrd

लुंगलेई, मिजोरम

लुंगलेई, मिजोरम

लुंगलेई मिजोरम दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह खूबसूरत सी जगह हर प्रकृति प्रेमी के लिए स्वर्ग है, । लुंगलेई से करीबन 50 किलोमीटर दूर मुआल्चेंग गाँव में भगवान बुद्ध की खुदी हुई छवि है। रोचक बात यह है कि यह इस शहर का एकमात्र बौद्ध अवशेष है और आज तक यह एक रहस्य है कि इसकी उत्पत्ति कहाँ से हुई जो लुंगलेई पर्यटन को और भी रोचक बना देता है। पर्यटक लुंगलेई खौनग्लुंग वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, कौमज़वी पार्क, सैकुती हॉल और मिजोरम का दूसरा घास का फुटबॉल ग्राउंड थुआम्लूआइआ मुआल आदि देख सकते हैं।Pc:R london

नुब्रा घाटी

नुब्रा घाटी

नुब्रा घाटी, जो मूलतह ल्दुम्र के नाम से जाना जाता था, का मतलब 'फूलों की घाटी' है, जो समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह क्षेत्र लद्दाख के बाग के नाम से जाना जाता है। गर्मियों के दौरान पर्यटकों को गुलाबी और पीले जंगली गुलाबों को देखने का मौका मिलता है जो कि इस क्षेत्र में उगते हैं।

हैलेबिडु, कर्नाटक

हैलेबिडु, कर्नाटक

हैलेबिडु का शुमार कर्नाटक के अलावा भारत के उन चुनिंदा शहरों में जो आज भी अपने में इतिहास को संजो के रखे हुए है। हैलेबिडु को दक्षिण के निवासी बेलूर को दक्षिण का काशी के नाम से सम्बोधित करते हैं। हैलेबिडु होयसाला राज्य की गौरवान्वित शाही राजधानी हुआ करती थी जिसे पुराने दिनों में "द्वारसमुद्र" के रूप में जाना जाता था। यदि बात बेलूर और हैलेबिडु में पर्यटन की हो तो यहां ऐसा बहुत कुछ मौजूद है जिस कारण देश के अलावा दुनिया भर के वास्तु और इतिहास प्रेमियों यहां आ रहे हैं। फोटोग्राफी की दृष्टि से भी ये दोनों ही स्थान बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।Pc:Anks.manuja

कुंबालंगी

कुंबालंगी

कई लोगों को नहीं पता है कि कुंबालागी देश का पहला डिज़ाइन किया गया ईको टूरिज्‍म गांव है। इस खूबसूरत गांच में कई जगहों पर घूम सकते हैं। कोच्चि के झरनों की ओर मुख किए इस छोटे से गांव को चीनी फिशिंग नेट के लिए जाना जाता है। यहां से सूर्यास्‍त का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है।Pc:Aruna

खोनोमा, नागालैंड

खोनोमा, नागालैंड

कोहिमा से 20 किमी की दूरी पर स्थित खोनोमा को भारत के सबसे हरे-भरे गांव का दर्जा प्राप्त है। हसीन वादियों, पहाड़ों व झरनों के साथ विभिन्न वनस्पतियां इस स्थल को एक जीवंत रूप प्रदान करती हैं। यहां आप रंग-बिरंगे पक्षियों के मनोरम दृश्यों को अपनी आंखों में समेट सकते हैं। आप यहां खोनोमा नेचर कंजर्वेशन व ट्रैगोपान सैंक्चुअरी की सैर का आनंद भी उठा सकते हैं। 30 वर्ग किमी में फैला खोनोमा नेचर कंजर्वेशन, विभिन्न तरह के पक्षियों के सरंक्षण के लिए विख्यात है।
Pc: flicker

लोथल, गुजरात

लोथल, गुजरात

प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। लगभग 2400 ईसापूर्व पुराना यह शहर भारत के राज्य गुजरात के भाल क्षेत्र में स्थित है और इसकी खोज सन 1954 में हुई थी। खुदाई के दौरान जल निकासी नहरों, कुओं, शहर संरचनाओं आदि का प्रदर्शन किया गया, जो पिछले युग में कार्यात्मक थे। लोथल प्रत्येक इतिहास प्रेमी के लिए एक परफेक्ट जगह है क्योंकि यह सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में बहुत अधिक जानकारी देता है।

उनाकोटी

उनाकोटी

उनाकोटी त्रिपुरा में स्थित एक ऑफ डेस्टिनेशन है, जोकि जिसमें रॉक-कट वाले नक्काशी, भित्ति-चित्र और विभिन्न पौराणिक आंकड़ों की पत्थर की प्रतिमाएं हैं जोकि सातवीं से नौंवी शताब्दी की है। बहुत से पत्थरों पर गणेशा की प्रतिमा को देखा जा सकता है।यहां अशोकष्ट्मी मेला यहां हर वर्ष अप्रैल के महीने में आयोजित किया जाता है,जहां हजारो की तादाद में श्रदालु आते हैं।Pc:Atudu

ज्योलिकोट

ज्योलिकोट

ज्योलिकोट नैनीताल और हरिद्वार हाइवे के बीच में स्थित है...इस खूबसूरत जगह की खोज श्रीअरबिंदो घोष और विवेकानंद ने की थी। यह जगह गर्मियों की छुट्टियों के लिए एकदम बेस्ट डेस्टिनेशन है। यहां से से कुमाऊं पहाड़ियों का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।

पाटन, गुजरात

पाटन, गुजरात

पाटन गुजरात के खूबसूरत छिपी हुई जगहों में से एक है...जोकि यहां की खूबसूरत पटोला साड़ी के लिए जाना जाता है। पर्यटक पाटन में रानी की वाव, और कई अन्य ऐतिहासिक जगहों को देख सकते हैं।Pc:Nihardhanani

फूलों की घाटी

फूलों की घाटी

 उत्तराखंड</a></strong> स्थित राष्ट्रीय उद्यान 'फूलों की घाटी' की सैर करनी चाहिए, जोकि फूलों की घाटी, गोविंदघाट के माध्यम से हेमकुंड साहिब के रास्ते घांघरिया गांव से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ आपको फूलों की लगभग 500 से भी अधिक प्रजातियां मिलेंगी जो किसी भी <strong><a href=प्रकृति प्रेमी " title=" उत्तराखंड स्थित राष्ट्रीय उद्यान 'फूलों की घाटी' की सैर करनी चाहिए, जोकि फूलों की घाटी, गोविंदघाट के माध्यम से हेमकुंड साहिब के रास्ते घांघरिया गांव से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ आपको फूलों की लगभग 500 से भी अधिक प्रजातियां मिलेंगी जो किसी भी प्रकृति प्रेमी " loading="lazy" width="100" height="56" /> उत्तराखंड स्थित राष्ट्रीय उद्यान 'फूलों की घाटी' की सैर करनी चाहिए, जोकि फूलों की घाटी, गोविंदघाट के माध्यम से हेमकुंड साहिब के रास्ते घांघरिया गांव से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ आपको फूलों की लगभग 500 से भी अधिक प्रजातियां मिलेंगी जो किसी भी प्रकृति प्रेमी

लाहौल

लाहौल

लाहौल, हिमाचल प्रदेश राज्‍य में भारत-तिब्‍बत सीमा पर स्थित जगह है। लाहौल और स्‍पीति पहले दो जिले थे, जिन्‍हे बाद में 1960 में एकीकृत कर दिया गया था। यहां के मूल निवासी गोरी त्‍वचा वाले और भूरी आंखो वाले होते हैं, जो तिब्‍बती वंश के होते हैं। इनमें से अधिकांश लोग बौद्ध धर्म और उसके रीति-रिवाज को मानते हैं।Pc:Nvvchar

देहना

देहना

रात के समय जुगनूओं की जगमगाहट देखने के लिए देहना जा सकते हैं। ये जगह रात में जुगनूओं की जगमगाहट के लिए मशहूर है। यहां का नज़ारा आपको एक ऐसा यादगार अनुभव देगा जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगें। कई संस्‍थान देहाना के गांव में टूर का आयोजन करते हैं। इन टूर पर आपको ना केवल जुगनू देखने का मौका मिलेगा बल्कि आप देहना गांव की जनजाति का रहन-सहन और काफी कुछ भी देख पाएंगें।

देवप्रयाग

देवप्रयाग

देवप्रयाग उत्तराखंड राज्य में स्थित है साथ ही यह एक बेहद ही प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। यह अलकनंदा तथा भागीरथी नदियों के संगम पर स्थित है। इसी संगम स्थल के बाद इस नदी को गंगा के नाम से भी जाना जाता है। "अलकनंदा" और "भागीरथी" नदियों के संगम पर स्थित, इस शहर को संस्कृत में "पवित्र संगम" के नाम से संबोधित किया गया है। "उत्तराखण्ड के रत्न" के रूप में प्रसिद्ध देवप्रयाग हिंदू संत देव शर्मा के नाम पर अंकित है। किंवदंती है कि, भगवान राम और उनके पिता, राजा दशरथ ने यहाँ घोर तपस्या की थी। यह भी कहा जाता है कि, हिंदू महाकाव्य महाभारत के पौराणिक पात्र पांडवों ने बद्रीनाथ जाने से पहले यहाँ प्रक्षालन किया था।Pc:Aditya6521

अश्वेम बीच

अश्वेम बीच

जैसे ही आप बीचों की कल्पना करते होंगे आपके दिमाग में गोवा के खूबसूरत नज़ारे आ जाते होंगे। एक बीच पर चाहे सूरज हो या रेत हो या फिर समुंद्र हमेशा ही एक पर्यटक इनकी तरफ आकर्षित हुआ है साथ ही एक पर्यटक के दिल में बीच पर जाने की तमन्ना अवश्य होती है। गोवा के उत्तर में स्थित अश्वेम बीच वो स्थान है जहां आपको अवश्य जाना चाहिए। ये बीच लोगों की भीड़ से अछूता और बेहद शांत है। हमारा सुझाव है कि आप इस बीच की यात्रा अवश्य करें।Pc:Raya Sharbain

अनंतपुरा लेक टेम्पल

अनंतपुरा लेक टेम्पल

भारत की सबसे अनोखे स्थानों में शुमार केरल का अनंतपुरा लेक टेम्पल वो स्थान है जो एक ख़ास रहस्य के लिए जाना जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा एक 150 पुराने मगरमच्छ के हाथों में है जो पूर्णतः शाकाहारी है। हालांकि ये सुनने में थोडा अजीब है लेकिन सच जानने के लिए आप खुद केरल के इस मंदिर में आएं और जानें कि आखिर सच्चाई क्या है।Pc:Pkdinuu

असकोट, उत्तराखंड

असकोट, उत्तराखंड

असकोट एक छोटा सा शहर है जो पिथौरागढ़ डिस्ट्रिक्ट के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह शहर हिमालय की पहाड़ियों के बिल्कुल समीप बसा हुआ है। यह इलाका अपने कस्तूरी मृगों के लिए प्रसिद्ध है। इस वजह से ही इन हिरणों की सुरक्षा के लिए यहां असकोट कस्तूरी मृग अभ्यारण का निर्माण किया गया है। देखने पर असकोट पूरी तरह से प्रकृति की गोद से घिरा नज़र आता है।Pc:A. J. T. Johnsingh, WWF-India and NCF

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