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भारत की धार्मिक राजधानी की पवित्र यात्रा!

भारत की धार्मिक राजधानी वाराणसी, हिंदुओं का धार्मिक स्थल होने के साथ साथ जैन और बौद्ध धर्म का भी तीर्थस्थल है। इसे बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता है। भारत का सबसे प्राचीनतम शहर होने के साथ साथ यह दुनिया के भी प्राचीन शहरों में से एक है। सबसे दिलचस्प है यहां की संस्कृति और धार्मिक मान्यताएं, जो भारत की सबसे पवित्र नदी गंगा नदी से जुड़ी हैं। गंगा नदी के किनारे बसे इस क्षेत्र की हवा में एक अलग ही जादू है।

यहां गंगा घाटों के साथ कई सारे ऐसे आकर्षण के केंद्र हैं जहां की यात्रा आपकी सबसे सुखदायक और दिल को सुकुन देने वाली यात्रा होगी। क्युंकि बनारस इतिहास से भी पुराना है, परंपराओं से पुराना है, किवदंतियों से भी पुराना है और जब इन सबको एकत्र कर दें तो उस संग्रह से भी दुगुना पुराना और आकर्षक है।

एसी ही कई सारी खुबियों के साथ चलिए चलते हैं वाराणसी के उन्हीं आकर्षक केंद्रों के सफ़र में।

गंगा नदी

गंगा नदी

वाराणसी शहर मुख्यत गंगा नदी के तट पर ही बसा हुआ है। गंगा किनारे बैठ या गंगा नदी पर नाव की सवारी कर दिल को सुकुन मिलता है।

Image Courtesy:Ross Thomson

सारनाथ

सारनाथ

सारनाथ वाराणसी के 10 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था जिसे "धर्म चक्र प्रवर्तन" का नाम दिया जाता है और जो बौद्ध मत के प्रचार-प्रसार का आरंभ था।

Image Courtesy:Aleksandr Zykov

मणीकर्णिका घाट

मणीकर्णिका घाट

इस घाट से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। इस घाट की विशेषता ये है, कि यहां लगातार हिन्दू अन्त्येष्टि होती रहती हैं व घाट पर चिता की अग्नि लगातार जलती ही रहती है, कभी भी बुझने नहीं पाती।

Image Courtesy:Dennis Jarvis

काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ मंदिर को यहां का स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर की वाराणसी में सर्वोच्च महिमा है, क्योंकि यहां विश्वेश्वर या विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग स्थापित है। इस ज्योतिर्लिंग का एक बार दर्शनमात्र किसी भी अन्य ज्योतिर्लिंग से कई गुणा फलदायी होता है।

Image Courtesy:AKS.9955

दुर्गा मंदिर

दुर्गा मंदिर

दुर्गा मंदिर 18वीं शताब्दी में बना था। यहां बड़ी संख्या में बंदरों की उपस्थिति के कारण इसे मंकी टेम्पल कहा जाता है। मान्यता अनुसार वर्तमाण दुर्गा प्रतिमा मानव निर्मित नहीं बल्कि मंदिर में खुद ही प्रकट हुई थी।

Image Courtesy:Henk Kosters

मान मंदिर घाट

मान मंदिर घाट

मान मंदिर घाट, जयपुर के राजा जयसिंह ने सन् 1770 में बनवाया था। इसमें नक्काशी से अलंकृत झरोखे बने हैं।

Image Courtesy:Vrinda

रामनगर किला

रामनगर किला

रामनगर किले में स्थित सरस्वती भवन में दुर्लभ पांडुलिपियों, विशेषकर धार्मिक ग्रन्थों का दुर्लभ संग्रह सुरक्षित है। यहां गोस्वामी तुलसीदास की एक पांडुलिपि की मूल प्रति भी रखी है।

Image Courtesy:Adam Jones

चुनार किला

चुनार किला

चुनार किला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में वाराणसी से 45 किलोमीटर की दूरी पर गंगा नदी के किनारे चुनार शहर मे स्थित है। चुनार किला भारत के उन किलो मे से एक है जो आज भी शान के साथ खड़ा है। चुनार प्राचीन काल से आध्यात्मिक, पर्यटन और व्यापारिक केन्द्र के रूप में स्थापित है।

Image Courtesy:Aminesh.aryan

दशाश्वमेध घाट

दशाश्वमेध घाट

काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट ही स्थित है और सबसे शानदार घाट है। प्रत्येक संध्या पुजारियों का एक समूह यहां अग्नि-पूजा करता है जिसमें भगवान शिव, गंगा नदी, सूर्यदेव, अग्निदेव एवं संपूर्ण ब्रह्मांड को आहुतियां समर्पित की जाती हैं। यहां देवी गंगा की भी भव्य आरती की जाती है।

Image Courtesy:AKS.9955

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