है जो इस क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा पर प्रकाश डालती है। यहां कई खूबसूरत धार्मिक गंतव्य स्थल" title="उत्तर प्रदेश के खूबसूरत शहरों में से एक पीलीभीत है..इस शहर में सबसे ज्यादा घने जंगल पाए जाते हैं। पीलीभीत नेपाल से 54 किमी की दूरी पर स्थित है। पीलीभीत में कई दिलचस्प प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक है जो इस क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा पर प्रकाश डालती है। यहां कई खूबसूरत धार्मिक गंतव्य स्थल" loading="lazy" width="100" height="56" />उत्तर प्रदेश के खूबसूरत शहरों में से एक पीलीभीत है..इस शहर में सबसे ज्यादा घने जंगल पाए जाते हैं। पीलीभीत नेपाल से 54 किमी की दूरी पर स्थित है। पीलीभीत में कई दिलचस्प प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक है जो इस क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा पर प्रकाश डालती है। यहां कई खूबसूरत धार्मिक गंतव्य स्थल
पीलीभीत सबसे ज्यादा पर्यटकों के बीच पीलीभीत टाइगर रिजर्व के कारण जाना है जहां आप कई राजसी पशुओं को देख सकते है। इसके अलावा, यहां कई प्राकृतिक स्थल है जिनमें गोमट ताल, देवहा - घाघरा संगम और राजा वेनू का टीला शामिल है। यहां एक तट भी है जिसे चुका तट के नाम से जाना जाता है जो महोफ वन रेंज में आता है।
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यहां कई मंदिर और धार्मिक स्थल है जो पीलीभीत क्षेत्र में स्थित है, इनमें गौरी शंकर मंदिर शामिल है जो लगभग 450 साल पुराना है। इसके अलावा, छथावी पद्शाही गुरूद्वारा, दरगाह हरजत शाह मोहम्मद शेर मियां की, जामा मस्जिद, मेथोडिस्ट चर्च, अर्द्धनारीश्वर मंदिर और जयसंतरी देवी मंदिर भी यहां स्थित है। पुराना पीलीभीत का अस्तित्व लगभग 15 वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। यहां का माहौल काफी रंगबिरंगा रहता है और यहां के लोग बेहद मिलनसार, और ऊर्जावान होते है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व
पीलीभीत टाइगर रिजर्व हिमालय की तलहटी के जंगली क्षेत्र में बना हुआ है। यह भारत में स्थित 41 टाइगर रिजर्व में से एक है। पीलीभीत क्षेत्र कुल 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस रिजर्व में लगभग 36 टाइगर है और उनके रहने के लिए एक अच्छा सा बेस है। यह जगह, शारदा नदी और घाघरा नदी से घिरी हुई है।इस रिजर्व में 125 प्रकार के जंतु, 550 प्रजाति की चिडि़यां और 2100 फूलों के पौधे लगे हुए है।
PC: A. J. T. Johnsingh
राजा वेणु का टीला
राजा वेणु का टीला, पीलीभीत के पुरनपुर जिले में स्थित है जो वर्तमान में पीलीभीत रेलवे स्टेशन से 1 किमी. की दूरी पर स्थित है। हालांकि, आज की तारीख में यह टीला खंडहर में बदल चुका है लेकिन फिर भी यहां के खंडहर भी इतिहास की गवाही देने में समर्थ है कि कैसे राजा वेणु अपने शासनकाल के दौरान राज्य किया करते होंगे।
गौरी शंकर मंदिर
गौरी शंकर मंदिर, 450 साल पुराना है जो घाघरा नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शंकर और उनकी धर्मपत्नी पार्वती को समर्पित है जो हिंदूओं के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में कई नामचीन लोगों ने जैसे - पंडित हरि प्रसाद और कई अन्य संत। इस मंदिर में दो मुख्य प्रवेश द्वार है जो पूर्व और दक्षिण की दिशा में बने हुए है। इन दोनों प्रवेश द्वार को 18 वीं शताब्दी में हाफिज रहमत खान ने बनवाया था।PC:Shamikh Faraz
चुका/चौका तट
पीलीभीत का मुख्य आकर्षण चुका/चौका तट महोफ वन रेंज में शारदा सागर बांध और शारदा नहर के बीच स्थित है। यह जगह प्राकृतिक जंगलों से घिरी हुई है जहां से सूर्यास्त का दृश्य लाजबाव दिखता है।
PC: Makks2010
जामा मस्जिद
यह मस्जिद, दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद की प्रतिकृति है और उस ज़माने में इसे बनवाने पर तीन लाख रूपए का खर्चा आया था। इस मस्जिद की दीवारें पूरी तरीके से मुगल शैली में बनी हुई है लेकिन इसकी छत की बनावट में बंगाली छवि दिखाई देती है। हर सप्ताह के शुक्रवार को यहां सभी मुस्लिम भाई इक्ट्ठा होते है और नवा़ज अदा करते है। यह मस्जिद 250 साल पुरानी है जिसे मुगल काल में हाफिज रहमत खान ने बनवाया था। उनकी मृत्यु के बाद उन्हे यहीं दफना दिया गया था।
कैसे पहुंचे पीलीभीत
हवाईजहाज द्वारा
पीलीभीत का नजदीकी हवाई अड्डा लखनऊ अमौसी एयरपोर्ट है,यह हवाई अड्डा देश से सभी हवाई अड्डो से जुड़ा हुआ है। लखनऊ पीलीभीत से करीबन 272 किमी की दूरी पर स्थित है।
ट्रेन द्वारा
पीलीभीत में रेलवे स्टेशन है जहां से राज्य के कई शहरों जैसे - लखनऊ, बरेली, आगरा और दिल्ली के लिए नियमित रूप से रेल चलती है।
सड़क द्वारा
पीलीभीत नेशनल हाइवे से जुड़ा है..जिससे आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है।
PC: Makks2010