आज से(18 मार्च) भारत में चैत्र नवरात्र शुरू हो गए हैं, जो 25 मार्च तक चलेंगे। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा की विशेष साधना की जाती है। जिसमें देवी दुर्गा के 9 रूपों की अलग-अलग दिन पूजा होती है। मां दुर्गा के ये नौ रूप हैं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री। वर्ष में चार बार नवरात्रि का शुभ अवसर आता है, जिसमें भक्तों को मां दुर्गा की विशेष उपासना करने का मौका मिलता है। चैत्र नवरात्रि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह में आती है।
आइए जानते हैं इस दौरान मां दुर्गा के कौन-कौन से तीर्थों में भक्तों का जमवाड़ा लगेगा। जहां आप भी दर्शन कर मां दुर्गा का आशीष ग्रहण कर सकते हैं।
मैहर माता, मध्य प्रदेश
यह प्रमुख तीर्थ स्थान मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर नगर में हैं। यह मंदिर मां दुर्गा के शारदा अवतार को समर्पित है, जो त्रिकूट पर्वत पर लगभग 600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। माता का यह मंदिर 108 शक्ति पीठों में माना जाता है। वैसे तो यहां रोजाना भक्तों का जमावड़ा लगता है पर नवरात्र के दौरान यहां का आयोजन देखने लायक होता है।
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वैष्णो देवी मंदिर
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जम्मू-कश्मीर स्थित वैष्णो देवी मंदिर भारत का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। जो यहां के त्रिकूट पर्वत पर लगभग 1584 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। यहां देवी का मंदिर एक गुफा में स्थित है, जहां देवी को भैरो नाथ नाम के तांत्रिक की वजह से छुपना पड़ा था।
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विंध्याचल माता मंदिर
हिन्दुओं का यह पवित्र तीर्थ स्थान विंध्याचल में मिर्जापुर से 8 किमी दूरी पर स्थित है। यहां देवी विंध्यवासिनी के नाम से विख्यात है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यहां देवी मानव कष्ट निवारण के लिए महाकाली, महा सरस्वती और महालक्ष्मी का रूप धारण करती हैं। इसके अलावा देवी विंध्यवासिनी को मधु तथा कैटभ नामक असुरों का नाश करने वाली देवी भी कहा जाता है।
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चामुंडा देवी, हिमाचल प्रदेश
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चामुंडा देवी का यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी में गंगा किनारे स्थित है। जो लगभग 3,300 फीट की ऊंचाई पर सुरम्य पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह मंदिर मां काली के चामुंडा अवतार को समर्पित है। देवी चामुंडा को राक्षसों का काल माना जाता है। यहां से धर्मशाला 15 किमी के फासले पर रह जाता है। इसलिए यहां ज्यादातर सैलानी और भक्त मां के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं।
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कामाख्या देवी मंदिर
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भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में शामिल प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर असम के गुवाहाटी शहर में स्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जब भगवान शिव देवी सती के मृत शरीर को लेकर आगे बढ़ रहे थे तो उनके शरीर का एक अंग(योनी) यहीं आकर गिरा था।