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एक ट्रैवलर के लिए अपने आँचल में क्या क्या अनोखा समेटे हुए हैं गोल्डन सिटी जैसलमेर

By Syedbelal

अपनी अनूठी सभ्यता, संस्कृति, महलों सांस्कृतिक धरोहरों और अपनी राजपुताना शान के चलते हमेशा ही राजस्थान की भूमि ने पर्यटन के उत्साही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। राजस्थान, एक अविश्वसनीय रूप से सुंदर राज्य भारत के उत्तर पश्चिम में मौजूद है जो अपने आप में कालातीत आश्चर्य का जीवंत उदहारण है, अगर व्यक्ति पर्यटन का शौक़ीन हैं तो उसे इस राज्य की यात्रा अवश्य करनी चहिये।

यूं तो इस राज्य में कई खूबसूरत शहर हैं मगर जैसलमेर की बात किये बिना इस राज्य का वर्णन अधूरा है। जैसलमेर,'गोल्डन सिटी', राजस्थान के शाही महलों और लड़ने वाले ऊंटों के साथ एक रेतीले रेगिस्तान के आकर्षण का प्रतीक है। यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल महान थार रेगिस्तान के बीच में स्थित है। यह सुनहरा शहर राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य रूपों, जिन्हे वैश्विक मंच पर अत्याधिक सराहा जाता है, के लिए प्रसिद्ध है।

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पर्यटन की दृष्टि से ये शहर अपने में ख़ास है। राजस्थान के किसी भी अन्य रेगिस्तानी शहर की तरह, जैसलमेर भी शाही किलों, हवेलियों, महलों, संग्रहालयों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। जैसलमेर किला, जिसे जैसलमेर की शान के रूप में माना जाता है, गोल्डन सिटी का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। तो आइये इस आर्टिकल के जरिये जानें कि अपनी जैसलमेर की यात्रा पर क्या क्या कर सकते हैं आप।

जैसलमेर किला

जैसलमेर किला

जैसलमेर किले को जैसलमेर की शान के रूप में माना जाता है और यह शहर के केन्द्र में स्थित है। यह 'सोनार किला' या 'स्वर्ण किले' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पीले बलुआ पत्थर का किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है। इसे 1156 ई0 में एक भाटी राजपूत शासक जैसल द्वारा त्रिकुरा पहाड़ी के शीर्ष पर निर्मित किया गया था। जैसलमेर किले में कई खूबसूरत हवेलियाँ या मकान, मंदिर और सैनिकों तथा व्यापारियों के आवासीय परिसर हैं। यह किला एक 30 फुट ऊंची दीवार से घिरा हुआ है। यह एक विशाल 99 बुर्जों वाला किला है। वर्तमान में, यह शहर की आबादी के एक चौथाई के लिए एक आवासीय स्थान है। किला परिसर में कई कुयें हैं जो यहाँ के निवासियों के लिए पानी का नियमित स्रोत हैं। किला राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का आदर्श संलयन दर्शाता है।
फोटो कर्टसी - Manoj Vasanth

बड़ा बाग

बड़ा बाग

बड़ा बाग एक विशाल पार्क अपने शाही स्मारकों या छतरियों के लिए प्रसिद्ध है जिसे विभिन्न भट्टी शासकों द्वारा निर्मित किया गया। सब के बीच, राजा महारावल जैत सिंह की कब्र सबसे प्राचीन स्मारक है। यह जगह जैसलमेर शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पार्क के अंदर स्मारकों के अलावा, पर्यटक जैतसार टंकी, जैत बांध और एक गोवर्धन स्तंभ को भी देख सकते हैं। बांध और टंकी दोनों के निर्माण में पत्थरों के ठोस टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया था। जैसलमेर शहर से रिक्शा और टैक्सी से पर्यटक इस पर्यटक स्थल तक पहुँच सकते हैं।

फोटो कर्टसी - Honza Soukup

सलीम सिंह की हवेली

सलीम सिंह की हवेली

सलीम सिंह की हवेली जैसलमेर रेलवे स्टेशन के करीब स्थित है। इस खूबसूरत इमारत को सलीम सिंह के द्वारा 1815 ई0 में बनाया गया था। इसे जहाजमहल भी कहा जाता है क्योंकि इसके सामने का हिस्सा एक जहाज की तरह दिखता है। इमारत की छत धनुषाकार और नीले कपोलों के साथ ढकी हुई है। पर्यटक नक़्क़ाशीदार कोष्ठकों से सजी छत, जो एक मोर जैसी दिखती है, को देख सकते हैं। सलीम सिंह की हवेली के पूरा होने के बाद ही मेहता परिवार इसमें रहने लगा था। इस इमारत में 38 बाल्कनी हैं जिनका डिजाइन एक दूसरे से पूरी तरह अलग है।
फोटो कर्टसी - Ashwin Kumar

गडसीसर झील

गडसीसर झील

गडसीसर झील एक कृत्रिम पानी का जलाशय है जिसे 14 वीं सदी के दौरान राजा महरवाल गडसी द्वारा निर्मित किया गया था। यह वर्षा के पानी की झील है जो उस अवधि के दौरान पानी का प्रधान स्रोत थी। झील के किनारे पर कई छोटे मंदिर स्थित हैं। पर्यटक झील पर कई प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं। भरतपुर पक्षी अभयारण्य से अपने रास्ते पर ये पक्षी झील पर कुछ समय के लिये रुकते हैं। यात्री झील के करीब स्थित 'टिलन के द्वार' को देख सकते हैं। यह प्रवेश द्वार सड़क के पार मेहराब जैसा बना है और वर्ष 1908 में स्थापित हिंदू देवता विष्णु की एक मूर्ति के साथ सजा है।
फोटो कर्टसी - Terry Presley

कुलधारा

कुलधारा

कुलधारा, जैसलमेर शहर से 25 किमी की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक गांव है। यह एक डरावना गांव है जहाँ पर्यटकों को सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच ही जाने की अनुमति है। 200 वर्ष पुराने मिट्टी के घरों को यहाँ देखा जा सकता है। इतिहास के अनुसार, इस गांव में लगभग 500 वर्षों के लिए पालीवाल ब्राह्मण बसे थे। यहाँ के क्रूर शासकों द्वारा उन्हें इस गांव को छोड़ने पर मजबूर किया गया था। इसलिए लोगों का मानना है कि इस गांव को पालीवाल ब्राह्मण द्वारा शाप दिया गया था।
फोटो कर्टसी - Nevil Zaveri

खाभा

खाभा

खाभा, जैसलमेर शहर से 35 किमी की दूरी पर स्थित एक छोटा सा पुरवा है। खाभा फोर्ट और भूवैज्ञानिक संग्रहालय इस गांव के मुख्य पर्यटक आकर्षण हैं। यहाँ आने वाले पर्यटक राजस्थान की ग्रामीण जीवन शैली की एक झलक देख सकते हैं। यहाँ टेंट, झोपड़ियों और शिविरों के रूप में आवास के विकल्प उपलब्ध हैं।
फोटो कर्टसी - Chandra

पटवों की हवेली

पटवों की हवेली

पटवों की हवेली पटवा परिसर के पास स्थित है और जैसलमेर की पहली हवेली है। पूरे परिसर में पाँच हवेलियों है जिन्हें गुमन चंद पटवा द्वारा 1805 ई0 में अपने पांच बेटों के लिए बनवाया गया था। इस पीले बलुआ पत्थर की इमारत के निर्माण में 50 साल लग गए। वर्तमान में, यहाँ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का कार्यालय और राज्य कला और शिल्प विभाग स्थित हैं।पर्यटक जैसलमेर शहर से एक रिक्शे के द्वारा इस स्मारक तक पहुँच सकते हैं।
फोटो कर्टसी - Nagarjun Kandukuru

व्यास छतरी

व्यास छतरी

व्यास छतरी का शुमार जैसलमेर के सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में है जहां हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते हैं। आपको बता दें कि इस स्थान का नाम ऋषि व्यास के नाम पर रखा गया है। गौरतलब हो कि व्यास ऋषि ने ही महाभारत की रचना की थी। यदि आप जैसलमेर में हैं तो इस स्थान की यात्रा करना हरगिज़ न भूलें।

फोटो कर्टसी - David Brossard

सूर्य गेट

सूर्य गेट

जैसलमेर किले के अंदर स्थित और 12 वीं शताब्दी में निर्मित ये गेट जैसलमेर के एक प्रमुख आकर्षण है। आपको बता दें कि इस किले में सुरक्षा की दृष्टि से 4 गेटों का निर्माण किया गया है, जिसमें अखै गेट, सूर्य गेट सूर्य गेट और हवा गेट शामिल हैं। किले में मौजूद सूर्य गेट पर की गयी नक्काशी आने वाले किसी भी पर्यटक का मन मोह सकती है। हमारा सुझाव है कि अपनी जैसलमेर यात्रा पर इस स्थान को देखना बिलकुल न भूलें आप
फोटो कर्टसी - Ashwin Kumar

थार हेरिटेज संग्रहालय

थार हेरिटेज संग्रहालय

थार हेरिटेज संग्रहालय का शुमार भी जैसलमेर के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में है। यदि आप इतिहास में दिलचस्पी और वास्तु में रूचि रखते हैं तो आप इस स्थान की यात्रा अवश्य करें। इस संग्रहालय में आप घरेलू वस्तुओं, पत्थर के बर्तनों और आभूषणों का एक दुर्लभ संग्रह देख सकते हैं।
फोटो कर्टसी - Nevil Zaveri

भोजन और रहने के लिए

भोजन और रहने के लिए

जैसलमेर के सस्ते होटलों के लिए यहां क्लिक करें। जैसलमेर के होटल इसके अलावा यदि आप राजस्थान में कहीं भी यात्रा कर रहे हैं और यदि आपने वहां का लोकल भोजन नहीं चखा तो समझ लीजिये आपकी यात्रा अधूरी है। यहाँ आपको नॉन वेज के क्रम में वेज खाना अधिक मात्रा में मिलेगा। यदि आप जैसलमेर में हैं तो आप केर संगेरी नामक व्यंजन का जायका अवश्य चखें। यदि आप नॉन वेज के शकीन हैं तो यहां आकर मुर्ग-ए-सब्ज़ का जायका ज़रूर लें।
फोटो कर्टसी - Nevil Zaveri

जैसलमेर में शॉपिंग

जैसलमेर में शॉपिंग

शॉपिंग की दृष्टी से जैसलमेर के मुख्य बाज़ार और स्ट्रीट मार्केट आने वाले किसी भी पर्यटक का मन मोह सकते हैं और अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं। यहां आकर आप लोकल राजस्थानी हस्तशिल्प को अपने घर अवश्य ले जाएं। हमारी राय है कि यहां आकर आप नक्काशी किये गए लकड़ी के डिब्बों, कपड़ों गहनों और लोकल राजस्थानी कठपुतलियों को अवश्य खरीदें।
फोटो कर्टसी - Nevil Zaveri

कैसे जाएं जैसलमेर

कैसे जाएं जैसलमेर

जैसलमेर रेल रोड और वायु मार्ग द्वारा देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। जोधपुर हवाई अड्डा शहर के लिए निकटतम घरेलू एयरबेस है। यह हवाई अड्डा नियमित उड़ानें के द्वारा नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से अच्छी तरह से जुड़ा है। यह कोलकाता, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख भारतीय गंतव्यों के लिए दैनिक उड़ानों के द्वारा जुड़ा हुआ है। प्री - पेड टैक्सियाँ जोधपुर हवाई अड्डे से जैसलमेर के लिए उपलब्ध हैं। यात्री गाड़ियों द्वारा भी गंतव्य तक पहुँच सकते हैं। जैसलमेर रेलवे स्टेशन कई गाड़ियों द्वारा जोधपुर और अन्य प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा है। जैसलमेर के लिए डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसें भी जयपुर, अजमेर, बीकानेर, और दिल्ली से उपलब्ध हैं।

फोटो कर्टसी - David Brossard

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