बड़े शहर हमेशा से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं, और ये बात उस वक़्त और ख़ास हो जाती है जब आप भारत के दक्षिणीय भाग के भ्रमण पर हों। दक्षिण भारत कि ये खासियत है की आप यहां ज्यादा बड़े शहर तो नहीं देखेंगे हां मगर प्रकृति आपको यहां भरपूर मिलेगी। यहां पर प्रकृति से हमारी मुराद दक्षिण के हरे भरे वनों, लहलहाते हुए झरनों, बेश कीमती वन्य जीवन, मंत्र मुग्ध कर देने वाले भोजन और स्थानीय जन जातियों से है।
कर्नाटक का शुमार भारत के उन राज्यों में से है जो अपनी खूबसूरती,वन्यजीवन और वास्तुकला के चलते देश दुनिया के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यहां आकर आप जहां एक तरफ प्रकृति को निहार सकते हैं तो वहीं दूसरी तरफ आप अपने अंदर बसे एडवेंचर गॉड को भी यहां तृप्त और संतुष्ट कर सकते हैं।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कर्नाटक के उन चुनिंदा डेस्टिनेशनों के बारे में जो पर्यटन की दृष्टि से कम जाने जाते हैं। हालांकि पर्यटक इन डेस्टिनेशनों से अब तक रू-ब-रू नहीं हुए हैं मगर हमारा दावा है कि ये डेस्टिनेशन आपका मन मोह लेंगे। तो अब जब आप अगली बार कर्नाटक जाएं तो इन स्थानों की यात्रा अवश्य करें, और बनाएं अपनी यात्रा को हमेशा के लिए यादगार।
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चिकमंगलूर
चिकमंगलूर टाउन कर्नाटक प्रांत में इसी नाम के जिले में स्थित है। यह क्षेत्र बड़ा लोकप्रिय है क्योंकि यहां कई एक पर्यटन स्थल हैं। चिकमंगलूर पर्वतीय व दलदली भूमि मलनाड के समीप स्थित है। आपको बताते चलें कि चिकमंगलूर का अर्थ है- "छोटी बेटी की भूमि" कहा जाता है कि यहां के एक पैसे वाले मुखिया नें चिकमंगलूर दहेज में अपनी छोटी बेटी को दे दिया था। चिकमंगलूर एक बेहद शांत स्थान है और इसे एक आरामगाह की संज्ञा दी जा सकती है। इसके आस-पास का वातावरण विविध दृश्यों-नीची समतल भूमि से मलनाड जैसी पर्वतीय भूमि से युक्त है। जिले में बड़ी संख्या में कहवा के बागान हैं,इसीलिए इसे "काफी कैपिटल आफ कर्नाटक" कहा जाता है।
दांदेली
दांदेली कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित एक छोटा सा कस्बा है। पश्चिमी घाट के घने पतझड़ जंगलों सो घिरा दांदेली दक्षिण भारत के साहसिक क्रीड़ा स्थल के रूप में जाना जाता है। यह शान्त शहर राज्य में एक शैक्षणिक और औद्यौगिक केन्द्र के रूप में विख्यात है और कागज उत्पादन तथा कई कागज की मिलों (वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स) के लिये जाना जाता है, जो पूरे दांदेली के भूभाग को घेरे हैं। दांदेली एक प्रमुख पर्यटक स्थल भी है क्योंकि यह भारत के मशहूर सफेद पानी के राफ्टिंग स्थानों में से एक है।
कापू
कापू अपने खूबसूरत बीच के लिए जाना जाता है। यहां के बीच को कापू या कॉप बीच के नाम से भी जानते हैं । यहां का वातावरण बड़ा ही मनमोहक है। इस बीच का शुमार भारत के सबसे ठंडे बीचों में किया जाता है जिस कारण ये एक परफेक्ट पिकनिक डेस्टिनेशन है। इस बीच के चरों तरफ आपको हरियाली मिलेगी जो इसे और भी सुन्दर बनाती है।
बिंदूर
बिंदूर एक छोटा सा गाँव है। यह उडपी जिले के कुंदापुर तालुक में है। बिंदूर जाना जाता है अपने खूबसूरत तटों और सुन्दर दिखने वाले सूर्यास्त के लिए। यहाँ का सोमेश्वर मंदिर जो कि शिव मंदिर है, समुंदरी तट पर स्थित है। इस मंदिर में स्थापित लिंग और सुन्दर मूर्तियाँ इसे और भी खूबसूरत बनती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार बिंदूर गाँव का नाम संत बिंदु के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि उन्होंने ओटिनिनी नामक पहाड़ी पर निरंतर और कठिन तपस्या की, जिसके कारण इस गाँव का नाम बिद्नुर रख दिया गया। इस पहाड़ी की चोटी से आप पूरे समुद्र, समुंद्री तट और सूर्यास्त को देख सकते हैं।
बनवासी
बनवासी,प्राचीन मंदिरों का शहर है, जिसकी जड़ें 4000 ईसा पूर्व पुरानी हैं, बनवासी पश्चिमी घाट के जंगलों के बीच दबा है। उत्तर कन्नड़ ज़िले में स्थित यह शहर वरदा नदी के किनारे बसा है। नाम के पीछे की कहानी बनवासी नाम 'बन' और 'वासी' शब्दों से आया है जिसका मतलब 'जंगल' और 'बसंत' है। यह शहर जंगलों से उत्पन्न हुआ और इसलिए इसका यह नाम पड़ा। बनवासी को कर्नाटक का सबसे पुराना शहर मन जाता है और इसका उल्लेख महाभारत में भी किया गया है। इस शहर की लोकप्रियता का देनदार यहाँ का मधुकेश्वारा मंदिर है। नवीं शताब्दी में बना यह मंदिर कई श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।
होरानाडू
होरानाडू की प्रसिद्धि का मुख्य कारण यहाँ का अद्भुत देवी अन्नापूर्नेश्वरी मंदिर है। जो लोग प्रकृति की असली महिमा देखना चाहते हैं, होरानाडू पहुंचकर वह अपनी इन्द्रियों को तृप्त कर सकते हैं। यह हरा भरा शहर, मनोहर मॉलनाद से 100 किलोमीटर दूर चिक्कमगलुर में बसा है। घने जंगल और उपजाऊ घाटी से ढके होने के कारण होरानाडू बेहतरीन लगता है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा इस सोये हुए शहर को देखने पहुँचने का एक महत्वपूर्ण कारण है प्राचीन अन्नापूर्नेश्वरी मंदिर। यहाँ के देवता सोने के बने हैं और जो तीर्थयात्री यहाँ पूजा करते हैं यह मानते हैं कि उन्हें कभी जीवन में खाने की कमी नहीं होगी।