भारत में कई ऐतिहासिक चीजों के साथ कई अजीबो गरीब कहानियां,कहावतें और रचनाएँ जुड़ी हुईं हैं। ऐसी ही अजब-गजब रचनाओं में से एक है राजस्थान का विराटनगर। विराटनगर एक नवोदित पर्यटन स्थल है, जो बैराट नाम से भी लोकप्रिय है। 'विराटनगर' नाम वापस से हमें महाभारत के दौर की ओर ले जाता है।
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पौराणिक कथा के अनुसार इस जगह की खोज राजा विराट ने की थी, जिनके राज्य में पांडवों ने एक साल की गुप्त निर्वासन अवधी बितायी थी। तो चलिए आज इसी पौराणिक विचित्र रचना के बारे में और अवलोकन करते हैं।
विराटनगर
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भीम की डूंगरी
भीम की डूंगरी विराटनगर में स्थित एक विशाल गुफ़ा है और यह कई पौराणिक कथाओं की वजह से प्रसिद्द है।
लोगों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि, कौरवों के समक्ष हारने के बाद पांडवों को 12 साल के लिए निर्वासन की ज़िन्दगी जीने के आदेश दिये गये और इसके साथ ही अलग से एक साल और गुप्त निर्वासन का आदेश। पांडवों ने अपने 13 साल का अज्ञातवास, राजा विराट के इस राज्य में गुप्त रह कर बिताया।
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पांचों भाइयों में सबसे शक्तिशाली भाई, भीम ने इस गुफ़ा को उस अवधी के दौरान रहने के लिए अपने वास स्थल के रूप में चुना। उन्हें खाना बनाना और खाना खाना दोनों से ही प्रेम था, इसलिए उन्होंने राजा विराट के राजमहल में रसोइये के रूप में रहकर रहना पसंद किया।
विराटनगर
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अशोक शिलालेख
अशोक शिलालेख,सम्राट अशोक द्वारा जारी किया गया बहुत ही पुराना पत्थर पर बना हुआ आज्ञापत्र है जो विराटनगर के मुख्य रास्ते से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है।
यह जगह खूबसूरत दृश्य और बहुत बड़े ऐतिहासिक महत्व के साथ एक एकान्त जगह है। सम्राट अशोक जो मौर्य वंश के महान शासक थे, ने 232 ईसा पूर्व से लेकर 269 ईसा पूर्व तक भारत पर शासन किया।
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उन्होंने अपने द्वारा बनाई गई कई घोषणाओं, महत्वपूर्ण आदेशों और कानूनों को कई अलग-अलग पत्थरों में खोद कर आज्ञापत्र के रूप में लिखवाया जो आप भारत के विभिन्न हिस्सों में देख पाएंगे।
विराटनगर
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बीजक की पहाड़ी
बीजक की पहाड़ी एक पहाड़ी है जहाँ बौद्ध मठ के कई अवशेष आपको मिलेंगे और इतिहास के कई सुनहरे पन्नों का राज़ आपके सामने खुलेगा।
कहा जाता है कि यहाँ स्थित आठ मठ उस समय भी अस्तित्व में थे जब ह्वेन त्सांग ने 634 ईसवीं में यहाँ का दौरा किया था।
यहाँ के निचले सतह के केंद्रीय भाग में एक परिपत्र कक्ष है जो मंदिर के अंदरूनी भाग की तरह नज़र आता है। ऐसा माना जाता है कि यह सबसे पुरानी मंदिर की संरचना है।
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मंदिर के बाहरी दीवारों पर बौद्धिक शिलालेख खुदे हुए हैं, जो अशोक की अवधी के ब्राह्मी लिपि में लिखे हैं। मंदिर की ऊपरी सतह, निचली सतह से लगभग 30 फ़ीट ऊँची है।
आप यहाँ सम्राट अशोक के दूसरे आज्ञापत्र को विशाल ग्रेनाइट के गोल पत्थर में खुदा हुआ पाएंगे।
विराटनगर
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हवाई यात्रा द्वारा: विराटनगर का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा भारत के कई मुख्य शहरों जैसे मुम्बई,दिल्ली,जोधपुर,औरंगाबाद आदि से जुड़ा हुआ है।
रेल यात्रा द्वारा: यहाँ का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन जयपुर का रेलवे स्टेशन है।
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सड़क यात्रा द्वारा: यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले जयपुर तक बस यात्रा द्वारा पहुंचना होगा। दिल्ली और आगरा से आराम से आप जयपुर पहुँच सकते हैं, फिर कोई निजी गाड़ी बुक कर आप विराटनगर की यात्रा पर निकलेंगे।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
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